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इत्र की उपयोगिता का सफर

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हम अक्सर किसी विशेष अवसर पर या पूजा पाठ करने के लिए फूलों का उपयोग करते हैं। क्या आप जानते हैं इसके फायदे क्या हैं। हर प्रकार के फूलों की खुशबू अपनी मादक सुगंध से शरीर की मलिनता दूर कर हमारे तन और मन दोनों को तनावमुक्त करती है। इसके अलावा शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करती है। अगर हम खोज करें इन फूलों के अर्क से तैयार किए गए इत्र की तो इसकी शुरूआत या इसका इस्तेमाल आज से पंद्रह सौ साल पहले इब्रानी लोगों ने शुरू कर दिया था। सौंदर्य निखारने, बीमारियों के इलाज, साथ ही शव को दफन करने से पहले उसे तैयार करने के लिए खुशबूदार उबटन का इस्तेमाल कर शरीर में फैल रहे रोगाणुओं को मारने और पसीने की बदबू दूर करने के लिए इसका उपयोग किया जाता था।

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इसके अलावा प्राचीनकाल में राजा-महाराजा फूलों से तैयार इत्र और सुगंधित तेलों का उपयोग अपने महल, वस्त्रों, विभिन्न कक्षों, मुख्य द्वार आदि को सजीव बनाने के लिए किया करते थे। आइए, जानते हैं इत्र का महत्व हमारे जीवन में क्या प्रभाव डालता है।

परफ्यूम का जादुई करिश्मा-

परफ्यूम या सुगंधित वस्तु हर काल या हर युग में हमेशा से ही लोगों को आकर्षित करती आ रही है और लोगों की पसंदीदा रही है। कोई भी सेलीब्रिटी हो या कोई उत्सव या समारोह बिना परफ्यूम के वह अपूर्ण होता है। बिना परफ्यूम के उत्सव या धार्मिक अनुष्ठान अधूरा माना जाता है। ठीक उसी तरह से जैसे प्राचीन ग्रीक समाज में परंपरा रही है कि किसी भी धार्मिक या सामाजिक कार्य को करने से पहले विशेष प्रकार की बैगनी मदिरा का स्प्रे किया जाता था, उसके बिना उत्सव अधूरा माना जाता था। दालचीनी, गुलाब, लेवेंडर (एक तरह का सुगंधित वृक्ष) इनकी सुंगध ना केवल धार्मिक अनुष्ठान के लिए उपयोगी होती है बल्कि इससे खुशबूमय वातावरण होने के साथ हमारा पर्यावरण भी शुद्ध होता है। वैसे ज्यादातर धार्मिक अनुष्ठानों में होने वाले सभी सुगंधित वस्तुओं के उपयोग से पर्यावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है।

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देवताओं की श्रेष्ठता का प्रतीक-

सुबह की पूजा-अर्चना के लिए गुलाब, चंदन की भीनी-भीनी खुशबू वाली धूप व अगरबत्ती का प्रयोग कर देवताओं को खुश किया जाता है। यह ऊर्जा के सकारात्मक रास्तों को खोलने का काम करती हैं और ईश्वर तक हमारी आत्मा को जोड़ने का एक माध्यम भी समझा जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग अंतिम संस्कार के समय भी चंदन की खुशबू के उपयोग के लिए करते हैं।

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खुशबू के प्रलोभन की शक्ति-

ग्रीक महिलाएं ज्यादातर खुशबू के प्रलोभन का शानदार आनंद उठाती थीं और उसका उपयोग करती थीं। वे खुशबूदार रंगीन तेल से अपने होठों, पलकों और चिक को रंगती थीं। बालों में सुगंधित तेल लगाती थीं और स्नान के बाद बेहद सुगंधित तेल से अपने खूबसूरत शरीर की मालिश करती थीं। प्राचीन काल से ही ग्रीक महिलाओं में सुगंधित पदार्थों के प्रति बेहद लगाव रहा है और सुगंध को आकर्षण के लिए उपयोग करती रही हैं। उनके दांपत्य जीवन में भी परफ्यूम का काफी महत्व रहा है।

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खूशबू से उपचार-

परफ्यूम का उपयोग केवल खुशबू के लिए नहीं होता है। इसका उपयोग कई कॉस्मेटिक्स, सौंदर्य प्रसाधन से लेकर उपचार के लिए भी दवा के तौर पर किया जाता है। सुगंधित पदार्थों का उपयोग आयुर्वेद में अलग-अलग फॉर्म में अलग-अलग प्रकार से जड़ी-बूटियों के तौर आज भी किया जाता है। इसके अलावा प्राकृतिक उपचार की एक प्राचीन पद्धति, जिसे हम अरोमा थेरेपी के नाम से भी जानते हैं उसमे भी उपयोग होता है। अरोमा थैरेपी में कुदरती तौर पर सुगंधित वस्तुओं जड़ी-बूटियों से मरीज का इलाज करते हैं, जो आज के समय में काफी लोकप्रिय है।

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आज भले ही लोग ईत्र को अपने प्रसाधन के रूप में उपयोग कर रहे हों पर इसकी उपयोगिता आज भी हमारे मन एवं आत्मा में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव देती है और इसकी खुशबू से तन, मन दोनों को शांति मिलती है। इसकी खुशबू से वातावरण भी शुद्ध होता है। इसलिए इसका उपयोग जब भी आप करें इसकी उपयोगिता का आभास जरूर करें।

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