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भगवान श‌िव नाराज ना हों, इसके लिये सावन के महीने में ना करें ये 9 काम

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पानी की भीगी-भीगी फुआरों को बीच सावन के महीने की शरूआत 20 जुलाई से होने वाली है। हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार यह एक पवित्र और महत्वपूर्ण महीना होता है। सावन के प्रत्येक सोमवार के दिन महादेव शिव शंकर की पूजा की जाती है। जिसमें भारी मात्रा में श्रृद्धालुओं की भीड़ जमा होती है हर मदिरों और देवघरों के बीच। कुछ लोग भगवान शंकर जी को प्रसन्न करने के लिये सावन के शुरू होते ही कांवड़ यात्रा कर अपने आराध्य भोलेनाथ को गंगाजल चढ़ाकर उन्हे खुश करने की कोशिश करते है, तो कुछ लोग पंचमेवा दूध से स्नान कराकर उन्हे रिझाने की कोशिश में लगे रहते है। सवन का महीना सभी बारह मास में सबसे खास इसलिये होता है क्योंकि इस समय सभी भगवान पाताल लोक में आकर निवास करने लगते है। और तीनों लोकों की ईश्वरीय शक्ति भोलेनाथ शिव शंकर के पास रहती है। इसल‌िए इस महीने में की गई भगवान श‌िव की पूजा अन्य द‌िनों की अपेक्षा ज्यादा फलदायी होती है। इसलिये इस महीने में हर किसी को बड़े ही संयम के साथ रहकर भगवान शंकर की उपासना करना चाहिये।

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आइये आज हम आपको बताते है कि इस महीने में आपको किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिये जिससे भगवान खुश रह सकें।

1. वैसे तो घरों में सुख शांति बनाये रखने की सलाह सभी को दी जाती है। क्योकि घर के कलह के बढ़ने से दरिद्रता का होना संभव माना जाता है। इससे लक्ष्मी पूरी तरह से रूष्ट होकर वापस घर से चली जाती है। इसलिये पर‌िवार में कलह को कभी भी अच्छा नहीं माना जाता है सावन के महीने में अपने जीवनसाथी के साथ साथ घर के किसी बड़े सदस्य के साथ भी ना ही किसी प्रकार का वाद-व‌िवाद करना चाहिये और ना ही अपशब्दों का प्रयोग करना चाहिये। इन द‌िनों श‌िव-पार्वती की जोड़ी की पूजा कर अपने दांपत्य जीवन के लिए प्रेम और खुशहाली का वरदान मांगना चाहिये। जो कि भगवान शिव पूरा भी करते है।

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2.सावन का दूसरा अर्थ होता है सात्व‌िकता का पालन | क्योंक‌ि भगवान श‌िव सावन के महीने में त्रिलोकीय ईश्वरों के कार्यों का संचालन करते हैं इसल‌िए सावन मास के शुरू होते ही मांस-मद‌िरा का सेवन नही करना चाहिए। इन पदार्थों का सेवन ना करने से मन शांत रहता है और दूसरे गलत रास्ते से हमारा ध्यान हटा रहता है।

3.सावन के महीने में हमें नित्य प्रातःकाल भगवान श‌िव पर जलाभ‌िषेक करना चाहिये। इससे कई जन्मों के पाप के प्रभाव कम हो जाते है। इसल‌िए शास्‍त्रों के अनुसार सुबह उठकर स्नान करने के बाद किया गया जलाभिषेक सीधे भगवान शंकर के पास पहुंचता है और बाद के समय का किया गया पूजन श‌िव की कृपा से वंच‌ित रहता है।

4.शास्‍त्रों के अनुसार सावन के महीने में हमें दूध का सेवन नही करना चाहिये। इसे इन दिनों में पीना अच्छा नही माना जाता है। क्योंकि सावन के समय में दूध वात को बढ़ाने का काम करता है यही कारण है क‌ि सावन के महीने में भगवान श‌िव को दूध से अभ‌िषेक करने की बात बताई गई है। इससे वात सम्बन्धी दोष के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।

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5.सावन के महीने में बैंगन का सेवन करना भी अच्छा नही माना जाता है। क्योकि बैंगन को अशुद्ध माना गया है इसल‌िए द्वादशी, चतुर्दशी और कार्त‌िक मास के समय में भी इसका सेवन करना वर्जित माना गया है|

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6. सावन का महीना भगवान श‌िव के उपासकों का महीना है इसल‌िए इस महीने में श‌िव भक्तों का अपमान कतई नही करना चाहिये। भगवान श‌िव के भक्तों का सम्मान करना श‌िव की भक्ति के बराबर फलदेने वाला होता है। इसलिये लोग कांवड़‌ियों की सहायता कर अपनी होने वाली कृपा को पूरा करते है।

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7. सावन के महीने में हरी साग-सब्जियों का भी सेवन नही करना चाहिये। इन दिनों इनके सेवन से हमारे स्वास्थ पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।

8. इस महीने में सांड यदि आपके दरवाजे पर आकर खड़ा मिल जाये तो उसे आप मार कर भगाने की बजाय कुछ खाने को दें। इन दिनों सांड को मारना श‌िव की भक्ति का अपमान करने के समान माना जाता है।

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9. इन दिनों क्रोध से दूर रहें अपने से बड़ों का सम्मान करें।बड़े बुजुर्गों को किसी प्रकार का अपशब्द नहीं कहें ।
वैसे तो वर्ष का प्रत्येक मास ईश्वर की भक्ति तथा उपासना के लिए उत्तम है परन्तु सावन में भगवान शंकर की उपासना का महात्म्य हिन्दू धर्मानुसार श्रेयस्कर बताया गया है । तो हम आपसे यही कहेंगे की यत्न्शील रहें, कर्मशील रहें और ईश्वर में अटल आस्था रखें ।

जय भोलेनाथ ! ?

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