Home विविध इस स्वतंत्रता दिवस पर ज़रूर याद करें देश के लिए इन वीरांगनाओं...

इस स्वतंत्रता दिवस पर ज़रूर याद करें देश के लिए इन वीरांगनाओं का अमूल्य योगदान

0

इस 15 अगस्त 2020 को हम अपने देश के स्वतंत्रता की 73वीं साल गिराह मनाने जा रहें हैं। वैसे वर्तमान समय और परिस्थितियों को देखा जाए तो ये स्वतंत्रता दिवस हमेशा से अलग रहने वाला है | हमारा देश और पूरा विश्व इस समय कोरोना महामारी के दंश से बुरी तरह आहत है और निरंतर इससे जूझ रहा है | ऐसे में स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में हो रहे किसी भी आयोजन में कम लोग उपस्थित हों और सामाजिक दूरी का सख्ती से पालन करें | मास्क ज़रूर लगाएं और सैनिटाइज़र का प्रयोग करें |

ये हम सभी के हित में है ऐसा नहीं कि देश के लिए हमारा जोश-खरोश और उत्साह कम है, हम घर पर रहकर भी अपने श्रद्धा-सुमन देश के वीरों और वीरांगनाओं को समर्पित कर उन्हें याद कर सकते हैं |

तो आईये इस जश्न-ए-आजादी के मौके पर उन शख्सियतों को याद करते हैं, जिनके अदम्य साहस एवं संघर्ष की बदौलत हमारा देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था। हमारे मन में इनके प्रति जरा सी भी इज्जत कम नहीं हुई हैं। आजादी के लिए पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी थी |

आइए उन वीरांगनाओं के बारे में जानते हैं जिन्होंने अंग्रेजों को लोहे के चने चबाने को मजबूर कर दिया था और भारत को आजादी दिलाने में प्रमुख भूमिका निभाई थी।

यह भी पढ़ें – क्या आपको मालूम हैं कि हमारे देश में प्रचलित यह 10 बातें वास्तव में है झूठ

1. डॉ. लक्ष्मी सेहगल (Dr. Lakshmi Sehgal)-

Dr.-Lakshmi-Sehgal1

डॉ. लक्ष्मी सेहगल एक स्वतंत्रता सेनानी थी। उन्होंने मेडिकल की डिग्री हासिल की थी। पेशे से एक डॉ. के रूप में इन्होंने सिंगापुर में 1940 में गरीबों के लिए एक क्लीनिक भी खोला था। इसी पेशे को इन्होंने अपना हथियार बनाया और एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में स्वतंत्रता संग्राम में अपनी प्रमुख भूमिका निभाई। वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अनुयायी थी, इसलिए यह इंडियन नेशनल आर्मी में शामिल हुई। भारत सरकार ने 1998 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया। 2002 के राष्ट्रपति चुनाव में यह एपीजे अब्दुल कलाम के विरुद्ध उम्मीदवार बनी थी और हार गई थी।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version