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क्या आप बता सकते है मुंह के किनारों के फटने के क्या कारण हो सकते है?

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क्या आपके मुंह के कोनों के आसपास कुछ ऐसी दरारे पड़ती है जिसके कारण आप जब भी मुस्कुराने के लिये होठ फैलाते है तो काफी दर्दनांक अनुभव होने के साथ होठों के किनारों पर जलन और सूजन बढ़ने लगती है। जिसका प्रमुख कारण होता है संक्रमण या नीर्जलीकरण। जिसे समय रहते ध्यान ना दिया जाये, तो कभी कभी घातक परिणाम भी दे सकता है। लेकिन हमारे पास कुछ ऐसे घरेलू उपाय है जिसके मदद से आप असानी से इस समस्या से छुटकारा पा सकती है।

यदि आपके मुंह के किनारे पर दरारें ज्यादा समय से देखने को मिल रही है तो एंगुलर चेलाइटिस नामक स्थिति से निपटने के लिये कुछ खास तरीके है। लेकिन इसके पहले जान लें, एंगुलर चेलाइटिस के बारें में…

हम यहां नीचे इसके बारें में कुछ जानकारी दे रहे है..

1. एंगुलर चेलाइटिस के सामान्य कारण
2. एंगुलर चेलाइटिस विकसित करने वाले कारण कौन से है?
3. एंगुलर चेलाइटिस के लक्षणों के बारें में जानें
4. एंगुलर चेलाइटिस को रोकने के उपाय
5. एंगुलर चेलाइटिस के उपचार के 9 तरीके
6. एंगुलर चेलाइटिस के इलाज के लिए सर्वश्रेष्ठ घरेलू उपचार

1. एंगुलर चेलाइटिस के सामान्य कारण

• सबसे पहले हम यहां बता दें कि एंगुलर चेईलिटिस कोई बीमारी नही बल्कि होंठों के किनारे फटने का कारण माना जाता है।ऐसा तब होता है जब मुहं के अंदर से निकली लार होठों के किनारों पर आकर जमा होने लगती है लार होंठों के कोनों में दरारें पैदा करता है जिसके कारण माइक्रोऑर्गेनिज्म और यीस्ट विकसित होने लगते हैं। जो मुंह के किनारों के फटने का कारण बनते है।
• यदि आपको अपने होंठों को बार बार चाटने की आदत है, तो इससे होंठों में सूखापन होने लगता है होठों की नमी के खत्म होने से उसके आस पास का एरिया सूख जाता है जो बाद में होंठों के कोनों में दरारें पैदा करने कारण बन जाता है।
• यह विशेष रूप से उस समय के दौरान होता है जब मौसम बदल रहा होता है। त्वचा विशेषज्ञों के अनुसार सूखे मौसम के कारण भी हमारे आसपास के होठ या मुह के किनारों के फटने के खतरे बढ़ने लगते है।
• होठ या मुह के किनारें फटने का कारण एलर्जी, सूजन या एक्जिमा जैसी कोई समस्या भी हो सकती है जिससे जीवाणु या कवक आसानी से फैल जाते हैं

2. एंगुलर चेलाइटिस विकसित करने वाले कारण कौन से है?

एंगुलर चेलाइटिस विकसित करने वाले कारण कौन से है

जो लोग इससे ग्रसित होते है उसके कारण..

• जिनके ऊपरी होंठ नीचे के होठों की अपेक्षा अधिक बड़े होते है। नीचे के होठों के अंदर की ओर दबे होने के कारण भी किनारे की ओर दरारें पड़ने लगती है।
• हमेशा मुंह में छाले होने से
• जो लोग ज्यादातर कॉर्टिकोस्टेरॉइड और एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग करते है
• संवेदनशील त्वचा का होना
• जो ब्रेसिज़ पहनते हैं
• जो लोग धूम्रपान के सेवन ज्यादा मात्रा में करते हैं
• रेटिनोइड दवा का उपयोग ज्यादा करने से
• जिन्हें मधुमेह, एनीमिया और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी हो है।

3. एंगुलर चेलाइटिस के लक्षणों के बारें में जानें

• यदि आप अपने मुंह के कोनों के चारों ओर सूजन, लाल-लाल दानें देखने के मिलते है तो आप कोणीय चीलिटिस से पीड़ित हैं।
• यदि आपके मुंह के कोनों के आसपास जलन और खुजली का अनुभव करते हैं। तो आप कोणीय चीलिटिस से पीड़ित हैं।
• एंगुलर चेलाइटिस की स्थिति में होठों के कोनों में लाल ला फफोले पड़ने लगते है।जिससे बाद में खुजली, सूजन, और रक्तस्राव होने लगता है।
• इसके अलावा आपके होंठ असहज और सूखे लगते हैं और खाने-पीनें में काफी दिक्कते आती है।

4. एंगुलर चेलाइटिस को रोकने के उपाय

• एंगुलर चेलाइटिस रोकथाम का सबसे तरीका है।
• अपने होंठों को नमीयुक्त बनाये रखने के लिय हमेशा होठों को हाइड्रेटेड रखें
• होठों के साथ शरीर की स्वच्छता पर ध्यान दें
• होंठों को बार-बार न चाटें
• होंठों में पेट्रोलियम जेली या लैनोलिन का उपयोग नियमित रूप से करें।
• सूखे और फटे होठों के कोनों में बहुत ही हल्के हाथो से मॉइस्चराइज़र का उपयोग करें। यह त्वचा की जलन को कम करने के साथ त्वचा की नमी को बनाये रखने में मदद करता है।
• ऐसे उत्पाद का उपयोग करने से बचें जो दिखने में सुदर होने के साथ सुगंधित हो। साधारण चीजों को आजमाएं
• यदि यह स्थिति दिखने में गंभीर लग रही है, तो किसी अच्छे चिकित्सक से संपर्क करें। इसके इलाज के लिये स्टेरॉयड क्रीम को लेने की सलाह दे सकते है। या इसके अलावा • एंटीबायोटिक्स और एंटिफंगल दवा भी लेने की सलाह दे सकते हैं।

5. एंगुलर चेलाइटिस के उपचार के 9 तरीके

• अच्छी गुणवत्ता के लिप बाम,लिपस्टिक, लिप ग्लॉस का उपयोग करना।
• एंटीस्टाफिलोकोकल एंटीबायोटिक का उपयोग करें
• एंटीगफंगल दवा का उपयोग करें
• एंटीसेप्टिक्स का उपयोग काफी अच्छा उपचार है।
• पोषक तत्वों का भरपूर सेवन करें।
• घाव को भरने के लिये मरहम या स्टेरॉयड ऑइन्टमेंट (steroidal ointment) सबसे खास उपचार है
• इंजेक्शन या प्रत्यारोपण
• बोटुलिनम टॉक्सिन अच्छा उपचार है

6. एंगुलर चेलाइटिस के इलाज के लिए सर्वश्रेष्ठ घरेलू उपचार

• केस्टर ऑय़ल (अरंडी के तेल) का उपयोग

कैस्टर ऑयल में एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल के गुण पाए जाते हैं।जो मुंह के कोनों को संक्रमित करने वाले फंगल को खत्म करने मदद करता है।

उपयोग कैसे करें:  कैस्टर ऑयल को एक टुकड़ा रूई का लेकर उसे तेल से भिगो लें। और प्रभावित जगह पर लगायें। करीब आधे घंटे के बाद पानी से धो लें।

• एलोवेरा

एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-फंगल और एंटीसेप्टिक के गुण भरपूर मात्रा में पाये जाते है।

कैसे इस्तेमाल करें: एलोवेरा की पत्तियों से एलो वेरा जेल निकालकर उसे ठंडा होने के लिए फ्रिज में रख दें। करीब 15-20 मिनट के बाद प्रभावित जगह पर लगायें। और फिर पानी से धो लें।

• दही

प्रोबायोटिक्स गुणों से भरपूर दही त्वचा की समस्या को दूर करने में मदद करता हैं।

उपयोग कैसे करें: सोने से पहले बिस्तर सादा दही लेकर मुंह के कोनों में लगाएँ। अगली सुबह गुनगुने पानी से साफ कर लें।

• नारियल का तेल

यह एक अच्छा प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र है जो त्वचा की शुष्कता को कम करने में मदद करता है।

कैसे उपयोग करें: फटे होठों से छुटकारा पाने के लिये आप नारियल के तेल को रूई में भिगोकर प्रभावित जगह पर लगाकर15 मिनट के लिए लगे रहने दें। फिर गुनगुने पानी से धो लें।

• लिस्ट्रीन का उपयोग करें

इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल के गुण होते हैं।

कैसे उपयोग करें: लिस्टरीन को रूई में भिगोकर प्रभावित जगह पर लगाकर 15-20 मिनट के लिए रहने दें। फिर पानी से धो लें।

इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप मुंह के कोनों में होने वाली दरार के साथ एंगुलर चेलाइटिस को दूर करने के तरीकों के बारें में जान गए होगें। हमारे द्वारा बताये गए ये उपायों को अजमाने के बाद आपको इस समस्या से छुटकारा पानें में काफी मदद मिलेगी।

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