Home स्वास्थ्य गर्भावस्था गर्भावस्था में नार्मल डिलेवरी के चांसिस बढ़ाता है योगासन, जानिए इसके लाभ

गर्भावस्था में नार्मल डिलेवरी के चांसिस बढ़ाता है योगासन, जानिए इसके लाभ

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अधिकतर महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान यही चाहत रखती हैं कि उनकी डिलेवरी नोर्मल, मगर देखने में आया है कि आजकल 80% केसों में डाक्टर आप्रेशन के जरिए ही डिलेवरी करते है। यह आप्रेशन न केवल काफी महंगा होता है बल्कि इसके बाद महिलाओं को कई तहर की परेशानियां उम्र भर के लिए घेर लेती है। जिनमें सबसे आम है कमर और घुटनों में दर्द की परेशानी। यह सब पढ़कर कर आम सोच में पढ़ गई है तो सोचना छोड़िएं क्योंकि आज हम आपको एक ऐसा तरीका बताने जा रहें है जिसकी मदद से आपकी नार्मल डीलिवरी की संभावना बढ़ जाती है और साथ ही नार्मल डिलेवरी से पहले और बाद की बहुत सी परेशानियां भी दूर हो जाती है।

इतना ही नही इसकी मदद से आपके बेबी की हेल्थ को भी काफी फायदा पहुंचता है। अगर आप इस चीज के बारे में जानने के लिए ज्यादा ललाहित हो रहें है तो आपको बता दें कि तरीका कुछ और नही बल्कि योग है। आपको बता दें कि योग करने से आपके शरीर के अंदर के हार्मोंस संतुलित रहते है, जोकि किसी भी गर्भवति महिला के लिए बेहद जरुरी चीज है। चलिए पढ़ते योग के कुछ फायदों के बारे में।

नार्मल डिलेवरीImage source:

योगा के लाभ

सबसे पहले तो आप जान लिजिए कि गर्भावस्था के दौरान योग करने से आपको क्या क्या लाभ मिलते है। इसका सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि इससे आपके शरीर का ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और शरीर में पानी की समस्या पैदा नही होती।

डाक्टर भी गर्भवती महिला को तनाव न लेने की सलाह देते है क्योंकि ऐसा करने से गर्भ में पल रहें बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। योग के जरिए आप खुद को तनाव मुक्त रख सकती है। यह तनाव को दूर करने का सबसे सफल तरीका है।

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गर्भावस्था में अक्सर महिलाओं की डायजेशन प्रणाली गड़बड़ा जाती है। ऐसे में अगर आपको दवाइयों से बचना है तो आप योग की मदद से इस समस्या से निजात पा सकती है।

योग आपको डिलेवरी के दौरान होने वाले स्ट्रैच मार्कस से भी बचाता है क्योंकि इसे निरंतर करने से आपकी बॉडी लचीली हो जाती है ऐसे डिलेवरी के दौरान आपकी त्वचा पर ज्यादा मार्कस नही पड़ते।

अगर अपनी गर्भावस्था के दौरान आप प्रतिदिन ब्रीदिंग एक्सरसाइज करती है तो इससे आपके मूड स्विंग, मॉर्निंग सिकनेस और उल्टी जैसी समस्याएं नही आती।

योग करने से महिलाओं को एबडोमिनल मसल्स में खिचाव पैदा करने में ज्यादा परेशानी नही होती। इसकी मदद से नार्मल डिलेवरी के समय बेबी को पूश करने में भी ज्यादा  दिक्कल नही होती है।

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