स्वस्थ और सुन्दर बालों की चाहत सबको होती है। अगर आपके बाल स्वस्थ हैं तो आप काफी अच्छे लगते हैं और हर कोई आपके आकर्षक व्यक्तित्व से प्रभावित हो जाता है। लेकिन आजकल धूल-मिटटी और प्रदूषण के कारण बाल रूखे व बेजान हो जाते हैं। इसलिए बालों की देखरेख करना काफी मुश्किल हो जाता है। लेकिन अगर आप उचित तरह से अपने बालों की देखभाल करें तो इस परेशानी का हल निकाला जा सकता है।
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आयुर्वेदिक तेल बालों की अधिकतर समस्याओं को दूर करते हैं जैसे कि बालों का झड़ना, डैंड्रफ, बालों का सफ़ेद होना आदि। ये बालों को सिल्की, चमकदार और घना बनाते हैं। आयुर्वेदिक तेलों की मदद से बालों की सभी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। यह तेल स्कैल्प में जाकर बालों की जड़ों को मजबूत बनाते हैं।
आइए जानते हैं 3 तरह के आयुर्वेदिक तेल और उन्हें बनाने की विधि के बारे में
1. गुड़हल का तेल
काफी पुराने समय से ही बालों की समस्याओं को दूर करने के लिए गुड़हल के तेल का प्रयोग होता आ रहा है। गुड़हल के तेल से बालों की मसाज की जाए तो बाल काले, घने और सुंदर बनते हैं। साथ ही इस तेल को लगाने से बालों को समय से पहले सफ़ेद होने से बचाया जा सकता है। यह बालों को काला और चमकदार बनाता है। साथ ही यह बालों को झड़ने से रोकता है और उन्हें घना और मजबूत बनाता है।
गुड़हल का तेल बनाने की विधि
इस आयुर्वेदिक तेल को बनाने के लिए एक चम्मच मेथी दाना, करीब 250 ग्राम नारियल का तेल, और गुड़हल के 3-4 फूल व मुट्ठीभर पत्तियों की आवश्यकता होती है। सबसे पहले गुड़हल की फूल और पत्तियां लेकर मिक्सी में उनका पेस्ट तैयार कर लें। अब इस पेस्ट को एक बर्तन में निकाल लें और उसमे नारियल तेल मिलाकर इसे गर्म करें। अब इस पेस्ट को बार-बार चलाते रहे। अब इसमें मेथी दाना डाल दें और इसे एक मिनट तक गर्म करें। गुड़हल का तेल तैयार है। इस तेल को ठंडा होने के बाद छानकर एक बोतल में भर कर रख दें। जब भी इस तेल का उपयोग करें इसे हल्का सा गर्म अवश्य कर लें।
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2. आंवले का तेल
आंवले के तेल को बालों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। यह बालों को सफ़ेद होने, झड़ने व कई अन्य समस्याओं से दूर रखता है। यह बालों को काला करने में सहायक है। इसे बालों के लिए सबसे बेहतर आयुर्वेदिक उपचार माना जाता है। इसमें कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस और विटामिन सी जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो बालों की जड़़ों को मजबूती देते हैं। पहले के समय में महिलाएं इसे नेचुरल डाई के रूप में उपयोग करती थीं। इसका उपयोग असमय होने वाले सफ़ेद बालों को काला करने में किया जाता है।
ऐसे बनाएं आंवले का तेल
आंवले का तेल बनाने के लिए इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। अब इसका महीन पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को अब अपने हेयर ऑयल में मिला कर बोतल का ढक्कन अच्छे से बंद कर दें। आप चाहें तो इसे नारियल के तेल में भी मिला कर रख सकती हैं। इस तेल को सही से मिक्स होने में 1 सप्ताह का समय लगेगा। जब एक हफ्ता पूरा हो जाए तब इसे छानकर एक साफ़ बोतल में भर कर रख दें। इस तेल का इस्तेमाल सप्ताह में एक-दो बार जरूर करें। अपनी अंगुलियों से हल्के-हल्के स्कैल्प की मसाज करें। बाल वॉश करने से 40 मिनट पहले इसे लगाएं।
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3. भृंगराज का तेल
भृंगराज को आयुर्वेद में बालों के लिए काफी उपयोगी माना गया है। इसे बालों के तेल का राजा भी कहा जाता है। डैंड्रफ या फिर झड़ते बालों को रोकने के लिए भृंगराज के तेल का इस्तेमाल एक औषधि के रूप में किया जाता है। भृंगराज के तेल से प्रतिदिन स्कैल्प की मालिश की जाए तो बाल स्वस्थ, सुन्दर, काले और घने बनते हैं। साथ ही इसके इस्तेमाल से बालों का गिरना भी कम होता है। साथ ही यह मसतिष्क को ठंडक पहुंचा कर शीतलता भी देता है। ,
भृंगराज के तेल की विधि
सबसे पहले आप भृंगराज की पत्तियों का रस निकाल कर, उसमे उसी अनुपात में नारियल का तेल मिलाएं। अब इस पेस्ट को एक बर्तन में डालकर थोड़ी देर धीमी आंच पर रख दें। जब बर्तन में सिर्फ तेल दिखने लगे तो उसे आंच से उतार कर ठंडा होने दें। अब इसमें आंवले का रस मिलाएं। अगर आंच से उतरने से पहले इसमें आंवले का रस मिलाया जाए तो तेल और अधिक अच्छा बनता है। अगर बालों में डैंड्रफ हो या फिर बाल झड़ने की समस्या हो तो भृंगराज की 15-20 मिलीग्राम पत्तियों का रस निकालें। इसकी पत्तियों से बना तेल भी काफी उपयोगी होता है।