जिस तरह अमेरिकी चिकन के सूप को काफी इन्जॉय करके लेते हैं। ठीक उसी तरह हमारे देश में खाए जाने वाली खिचड़ी का मजा ही कुछ और होता है। खासतौर पर उन लोगों के लिए तो यह एक वरदान है जो अपच या किसी और बीमारी से गुजर रहे हैं। बीमार लोगों को तो इसे खासतौर पर खाने की सलाह दी जाती है। वहीं कई बार देखा जाता है की हमारे पास वक्त की कमी होती है या किसी वजह से हम खाना नहीं बनाना चाहते हैं तो ऐसे में हमारे सबके सामने सबसे सरल खिचड़ी को बनाने की ही विकल्प सामने आता है। वहीं कभी अगर हमें हल्का खाने का मन होता है तो उस वक्त भी ज्यादातर लोग खिचड़ी को ही बनाना बेहतर समझते हैं।
खिचड़ी आम तौर पर वैसे तो चावल, मूंग की दाल और नमक की बनती है। लेकिन अगर इसी साधारण खिचड़ी बस में देसी घी का एक कड़ाकेदार तड़का लग जाता है तो लोगों के मुंह में ये पानी लाने का काम कर देती है। इसमें पाए जाने वाले सभी अवयव हमारे पाचन प्रणाली को ठीक रखने में काफी मदद करते हैं। वहीं कई लोग इसे बच्चों के लिए स्वादिष्ट बनाने के ले कई तरीकों से बनाना पसंद करते हैं। इसको हमारे देश में कई तरीकों से बनाया जा सकता है। इसके हमारे स्वास्थ्य के लिए अनगिनत फायदे हैं। आज हम आपको उन सब के बारे में बताने जा रहे हैं।
1. यह एक पौष्टिक भोजन है
खिचड़ी कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन का एक सही मिश्रण है इसको लेने के बाद आपको अलग से कुछ भी अपने शरीर में प्रोटीन और कर्ब्स की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लेने की जरूरत नहीं है। यह एक कंप्लीट फूड पैक है। जिसमें सभी आवश्यक अमीनो एसिड मौजूद होते हैं। वहीं जब आप इसको बनाएं तो इसमे थोड़ी मात्रा में घी जरूर डालें। यह आपको सूक्ष्म पोषक तत्वों, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की सही मात्रा देता है। वैसे अगर आप इसके पोषण मूल्य में वृद्धि करना चाहते हैं तो आप इसमें सब्जियों को भी जोड़ सकते हैं।
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2. एलर्जी से पीड़ित लोगों के लिए यह काफी अच्छी है
अगर आप किसी प्रकार की लस एलर्जी से पीड़ित हैं तो यह आपके लिए एकदम सही भोजन है। क्योंकि देख गया है की जब आप लस एलर्जी से प्रभावित हैं तो आप कुछ अनाज अर्थात् गेहूं, राई और जौ का उपभोग नहीं कर सकते हैं। तो अपने कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता को पूरा करने के लिए आप इसको अपने भोजन के रूप में शामिल कर सकते हैं।
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3. दोषों के संतुलन में मदद करता है
खिचड़ी उन भारतीय व्यंजनों में से एक हैं जिसका दिन के किसी भी समय में सेवन किया जा सकता है। यह आपके शरीर को डिटोक्सीफाई और शरीर में पाए जाने वाले तीन दोषों को संतुलित करने की क्षमता के लिए जाना जाता है। वात, पित्त और कफ। साथ ही यह हमारे पाचन तंत्र पर काफी अच्छी प्रभाव डालती है। जिसकी वजह से इसे एक आयुर्वेदिक आहार का आवश्यक खाद्य माना जाता है।
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4. पचाने में आसानी
जिन लोगों की पाचन शक्ति ठीक नहीं होती या जो ज्यादातर पाचन से संबंधित शिकायतों को लेकर पीड़ित रहते हैं। ऐसे लोगों को अपने खाने मे खिचड़ी को जरूर शामिल करना चाहिए। साथ ही उन्हे खिचड़ी का सेवन दही के साथ करना चाहिए। यह हमारी आंत पर काफी शांत प्रभाव डालता है और इससे सेंसेटिव डाइजेस्टिव सिस्टम एकदम सही रहता है। यह बच्चों और बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए काफी सही रहता है। इसमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं। जहां इसे हर वर्ग के लोग अपने पाचन शक्ति को सही रखने के लिए खा सकते हैं। वहीं जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं जिन लोगों को अपच या पाचन शक्ति ठीक नहीं रहती है। उन्हें तो एक तरह से खिचड़ी का साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए।