हमारे शरीर की सभी गतिविधियो को सुचारू रूप से चलाने में हार्मोन्स की विशेष भूमिका होती है। ये शरीर में वृद्घि करने के साथ शारिरीक विकास करते है और जब इनमें किसी प्रकार का अंसतुलन देखा जाता है तो इससे हमारे शरीर का पूरा सिस्टम खराब जाता है और इन्हीं के इस परिवर्तन से स्वास्थ संबंधी समस्यायें भी शुरू हो जाती है। अक्सर महिलाओं में हार्मोन परिवर्तन शारीरिक कमी से या उम्र के दौरान होने वाले परिवर्तन से होता है। इस समय महिलाये चिड़चिड़ी सी हो जाती हैं। इसके अलावा हार्मोन परिवर्तन से स्वास्थ्य संबंधी समस्यायें जैसे कील-मुहांसे, चेहरे और शरीर पर अधिक बालों का उगना, समय से पहले बुढापा नजर आना तथा मासिक धर्म के दौरान होने वाली दिक्कतें, सेक्स के प्रति नीरसता, गर्भधारण करने में कठिनाइयों का सामना करना जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बनता है।
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इसके अलावा पुरूषों में हार्मोन्स कम होने से शरीर में स्वास्थ संबंधी समस्यायें जन्म लेने लगती है। शारीरिक विकास में बाधाएं उत्पन्न होने लगती है। पुरूष मानसिक रूप से चिड़चिड़े हो जाते है। कई प्रकार की बीमारियां घेरने लगती है यही छोटी छोटी बाते हर महिलाओं को अपने पति में चेक करना चाहिये यदि इस प्रकार की समस्यायें देखने को मिल रही है तो आप डॉ. से परामर्श लें। टेस्टोस्टेटरॉन इसी एक प्रकार का ऐसा हार्मोन है जो पुरूषों के अंडकोष यानी टेस्टिकल्स में पाया जाता है। यह पुरूषों की यौन प्रवृति को बढ़ाता है और इसके साथ ही इसका संबंध यौन क्रियाओं, रक्त संचार, मांसपेशियों की मजबूती, एकाग्रता और स्मृति से भी होता है। जब किसी भी पुरूष में आप तनाव के कारण चिड़चिड़ापन हो तो लोग उसे बढ़ती उम्र का कारण बताकर नजरअंदाज कर देते है पर यह कारण टेस्टोस्टेरॉन की कमी से बनते है, तो चलिए जानें ऐसी ही कुछ बातें…
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1. टेस्टोस्टेरोन में कमी
पुरूषों में टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन के स्तर में जब गिरावट आने लगती है तो कई प्रकार के शारीरिक परिणाम हमें देखने को मिलते है। वैसे तो पुरूषों में इस प्रकार के लक्षण 40 की उम्र में होते है लेकिन आज के बदलते खान पान के साथ अनियमित जीवन शैली के चलते यह अब हर उम्र के लोगों में देखी जा सकती है। इस हार्मोन की कम होने से पुरूषों के व्यवहार में परिवर्तन आने लगता है। इसकी कमी से मधुमेह, हद्य रोग सबंधी समस्यायें हो सकती हैं। शरीर में लगातार थकान के साथ सेक्स के प्रति अरूचि बढ़ जाती है।
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2. अत्यधिक टेस्टोस्टेरोन अच्छा नहीं है
टेस्टोस्टेरोन की कमी के बाद यदि इसे अत्याधिक बढ़ा दिया जाये तो ये पुरूषों के लिये एक वरदान नही है क्योंकि अगर इनकी मात्रा दोनों में ज्यादा बढ़ जाती है तो ये नई समस्याओं को जन्म देता है इससे शरीर का वजन बढ़ता है। पुर्षों में कोलेस्ट्रॉल का स्तर काफी तेजी से बढ़ने लगता है इसके साथ ही और अनेक प्रकार की बीमारिया होती है जैसे चेहरे में मुहांसे, बालों का झड़ना आदि समस्याये पैदा होने लगती है इसी प्रकार यदि महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजेन हार्मोन कि मात्रा बढ़ जाये तो उनके गर्भाशय में कैंसर होने के संकेत मिलते है। मासिक धर्म में परिवतर्न होने से शरीर का वजन बढ़ने लगता है अनचाहे बाल शरीर में पैदा होने लगते है।
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3. टेस्टोस्टेरोन वजन कम करने में मदद करता है
यदि आप अपने बढ़ते वजन को कम करने की सोच रहे है तो ये उन लोगों के लिये काफी अच्छा उपाय है जिनके शरीर में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा कम होने से उनका बढ़ता वजन भी कम होने लगता है। ये शरीर में जमा फैट को जला देता है और पुरूष हो या महिला दोनो के वजन को कम करने में अहम भूमिका निभाता है।
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4. कैंसर का खतरा
पुरूषों में टेस्टोस्टेरॉन के घटते स्तर से शरीर पर कई प्रभाव देखे जा सकते है। शरीर की मांसपेशियों के साथ हड्डियां कमजोर होने लगती है। शरीर टूट जाता है। इसके अलावा इसके स्तर के कम होने से प्रोस्टेट कैंसर के बढ़ने की आशंका देखी जा सकती है। इस समस्या से मुक्ति पाने के लिये आप किसी अच्छे एक्सपर्ट की जांच कराये और फिटनेस क्लब को ज्वाइन करें।
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5. पुरुष में ‘रजोनिवृत्ति’ की तरह की समस्या
रजोनिवृत्ति जैसी समस्यायें हम अक्सर महिलाओं में ही सुनते आये पर इस प्रकार की बीमारी पुरूषों में टेस्टोस्टेरॉन के घटते स्तर के कारण हो सकती है। क्योकि इन दिनों हर पुरूष का शरीर कमजोर और थकान से भरा होता है किसी प्रकार कि दिलचस्पी ना होने के कारण इनकी सेक्स के प्रचि जागरूकता भी खत्म हो जाती है और समय से पहले बुढ़ापा नजर आने लगता है। जो कि इस संकट से गुजर रही महिलाओं के रजोनिवृत्ति के दौरान देखा जाता है।