थ्रेडिंग की मदद से आप अपनी आइब्रो को आसानी से शेप में ला सकती हैं। इसकी शुरुआत मध्य पूर्व एशिया की महिलाओं के द्वारा की गई थी। इस तरीके का इस्तेमाल दुनिया के पश्चिमी भागों में भी किया जाता है। थ्रेडिंग के समय माथे पर धागा किसी धनुष की तरह होकर बाल निकालने का काम करता है और अनचाहे बालों को निकालता है। आइए आपको आज हम थ्रेडिंग के बारे में कुछ ऐसी बातें बताते हैं, जिसके बारे में आपको शायद पहले पता ना हो।
Image Source:
यह भी पढ़ेः चेहरे के सफेद बालों से छुटकारा पाने के 6 तरीके
1 वैक्सिंग से ज्यादा अच्छी होती है थ्रेडिंग। अब महिलाओं के पास आइब्रो में वैक्सिंग करने का विकल्प भी मौजूद है, लेकिन हम आपको बता दें कि आइब्रो को शेप में लाने के लिए आप थ्रेडिंग का ही इस्तेमाल करें, क्योंकि यही आइब्रो के लिए बेहतर होती है। जहां थ्रेडिंग एक-एक करके बालों को हटाती है, वहीं वैक्सिंग एक साथ कई बालों को निकालती है।
Image Source:
2 वैक्सिंग के समय बालों का एक गुच्छा शरीर से निकल जाता है। इस दौरान छोटे बाल सही तरीके से नहीं निकल पाते हैं। यह हमारी त्वचा के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
Image Source:
3 थ्रेडिंग में जड़ो से बाल हट जाते हैं। जिससे हमारी आइब्रो स्मूथ और अपर लिप्स दो सप्ताह तक साफ क्लिर रहते हैं। लेकिन वैक्सिंग के दौरान ऐसा नहीं होता है।
Image Source:
यह भी पढ़ेः थ्रेडिंग के बाद होने वाले पिंपल को रोकने के उपाय
4 वैक्सिंग अगर सही ढंग से नहीं की जाएं तो यह त्वचा को बाहर खींचती है, जिससे इंफेक्शन और चोट लगने का खतरा बना रहता है। कुछ लोगों को वैक्सिंग के बाद पिंपल्स की भी शिकायत होती है। थ्रेडिंग वैक्सिंग की तुलना में अधिक सुरक्षित होती है।
Image Source:
5. वैक्सिंग के लिए बालों को एक निश्चित अवधि के लिए बढ़ना चाहिए। इससे आप छोटे बालों को नहीं हटा पाएंगी। वहीं आप छोटे-छोटे बालों को धागे का इस्तेमाल करके निकाल सकती हैं। इसलिए वैक्सिंग की तुलना में थ्रेडिंग अधिक विस्तृत है।