क्या आप अपने बच्चे को मारते पीटते हैं, तो ऐसे में आप उनकी आदतों को बिगाड़ रहे हैं। क्या आप भी उनमें से हैं, जिन्हें ऐसा लगता है कि बच्चों को मारना पीटना सही होता है? अगर आप भी इस सूची में शामिल हैं, तो हम आपको बता दें कि यह आपकी गलती है। क्योंकि ऐसा करने से बच्चे शारीरिक और मानसिक तौर से टॉर्चर होता है। एक बच्चे का दिल एक कली की तरह कमजोर होता है, तो अगर आप उन्हें डाटते हैं, या फिर ऊंची आवाज में बात करते हैं, तो ऐसे में उनका दिल और कमजोर हो जाता है। ऐसे में वह कभी भी आपसे एक दोस्त की तरह अपनी बाते शेयर नहीं कर पाएगा। माता पिता होने के कारण आपको उनके साथ एक दोस्त की तरह बर्ताव करना चाहिए। अगर आप अपने बच्चों के दोस्त ना बन पाए तो समझ लीजिए कि आप एक बेहतर मां बाप नहीं बन पाए। यही बात शिक्षकों पर भी लागू होती है, बच्चों से प्यार से बात कर आप उनसे कोई भी काम करवा सकते हैं, लेकिन मारपीट उन्हें कमजोर बना देते हैं।
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1 गलत समाजिक आदर्श सीखाता है
जब आप अपने बच्चे को मारते हैं और इस दौरान यह सोचते हैं कि उन्हें प्यार करने का एक तरीका है, तो आप बिल्कुल गलत है। आप हाथ उठाने से बेहतर उन्हें प्यार से भी किसी बात को समझा सकते हैं। अगर आप अपने बच्चे को मारते हैं, तो ऐसे में वह अपने बचपन को सही तरीके से नहीं जी पाएगा और बचपन की सिर्फ नफरत भरी यादों को ही हमेशा याद करेगा। एक क्रूर बचपन से ज्यादा बुरा और कुछ भी नहीं होता है।
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2 मारपीट से उन्हें यह सीखने को मिलता है कि बड़ा इंसान जब चाहे छोटों को मार सकता है
अगर आप चाहते है कि आपका बच्चा ऐसा कुछ ना सीखे तो आप उन्हें मारना पिटना बिल्कुल बंद कर दें। आप ऐसा करके उन्हें मारने पीटने के बारे में सीखा रहे हैं। आप उन्हें यह भी सीखा रहे है कि बड़ा इंसान छोटों पर राज कर सकता है।
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3 यह उन्हें यह सीखाता है कि बड़ों के पास छोटों को मारने का अधिकार है
आप जब अपने बच्चों को मारते पिटते हैं, तो आप उन्हें यह अहसास दिलाते हैं, कि बड़ों के पास उन्हें मारने पिटने का पूरा हक होता है और वह उनपर शासन भी कर सकते हैं। वह ऐसा सोचते रहते है और बड़े होने पर अपने से छोटों को मारना शुरू कर देते हैं। अगर आप यह सब अपने बच्चों में अनुशासन लाने के लिए कर रहे हैं, तो ऐसे में आप यह सोचिए कि कही बड़ा होकर अपनी पत्नी या फिर बच्चों के साथ मारपीट ना करने लग जाएं।
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4 इससे आपके बच्चों को यह सीख मिलेगी कि दुनिया में हिंसा हर समस्या का एकमात्र समाधान है
अगर आप अपने बच्चों को खूब मारते पिटते हैं, तो ऐसे में उन्हें धीरे धीरे यह लगने लगता है कि दुनिया में हर काम मार पिट और हिंसा करके ही पाया जाता है। ऐसे बच्चे ही बढे़ होकर किसी के साथ बदमाशी करके अपने काम को करवाने की कोशिश को ही सही तरीका मान बैठते हैं।
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5 यह आत्मविश्वास को प्रभावित करता है
अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा एक कॉन्फिडेंट इंसान की तरह आगे बढ़े, तो आप उन्हें मारना पिटना बंद कर दें। आप ही हैं, जो उनकी रक्षा करते हैं और अगर आप ही उनके साथ हिंसक हो जाएंगे, तो वह अपना आत्मविश्वास खो ही देंगे।
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6 वह मानसिक बीमारी से प्रभावित हो सकते हैं
एक बच्चा किसी भी तरह के मानसिक आघात को सहने के लिए काफी नाजुक होता है। एक अध्ययन से यह पता चला है कि जिन बच्चों को अनुशासन सीखाने के बजाय मारा पीटा जाता है, वह मानसिक तौर से बीमार पाए गए हैं। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि बच्चों को डाटने या मारने से पहले आपको कम से कम दो या तीन बार सोच लेना चाहिए। किसी भी तरह की मनोरोग समस्या शुरुआत में दिखाई नहीं देती, लेकिन बाद में यह एक परेशानी बनकर सामने आती है।