8 विटामिन और मिनरल को अपने डाइट में करें शामिल

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आपके खाने की शैली कैसी भी हो, लेकिन आप क्या खा रहे हैं ये अधिक महत्वपूर्ण हैं। आपके लिए ये जानना बेहद जरूरी हैं की आप अपनी थाली में क्या खा रहे हैं। आपको बता दें कि आपके पोषक तत्व की जरूरतें उम्र के साथ बदलती हैं। एक ही भोजन में सभी पोषक तत्व होना थोड़ा मुश्किल हैं, जिसकी वजह से हमें अपनी डाइट पर ध्यान देना बहुत जरुरी हैं। आपकी सुविधा के लिए हमने 8 आवश्यक विटामिन और मिनरल की सूची बनाई हैं जिसे आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

आपके खाने की शैली कैसीImage Source: i.ytimg

1- कैल्शियम-
सबसे पहले आपको आहार में कैल्शियम की ज्यादा मात्रा लेने की जरूरत हैं ताकि 30 की उम्र में हड्डियों से जुड़ी कोई परेशानी ना हो। जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती हैं वैसे ही आपके शरीर की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। हड्डी के अलावा आपके मांसपेशियों के लिए भी कैल्शियम की बहुत जरूरत हैं। विटामिन डी के साथ कैल्शियम लेने से आप कैंसर, मधुमेह और हाई ब्लड़ प्रेशर से बचे रहते हैं। कैल्शियम के समृद्ध स्रोत दूध, दही, पनीर, गोभी, ब्रोकोली, फल होते हैं। अध्यनों के मुताबिक 19 से 50 की उम्र के लोगों को 1000 मिलीग्राम कैल्शियम लेना चाहिए।

CalciumImage Source: i.ytimg

2- विटामिन डी-
विटामिन डी से होने वाले फायदे आपको आकर्षित कर सकते हैं। इससे आपकी हड्डियां मजबूत होती हैं और वजन भी कम होता हैं। एक अध्ययन में साबित हुआ हैं कि विटामिन डी की खुराक 60 से 77% कैंसर के खतरे को कम कर देती हैं। ये आपके मस्तिष्क कोशिकाओं के संचार शक्ति में सुधार लाती हैं। बूढ़ी महिलाओं के आहार के लिए विटामिन डी बेहद जरूरी होता हैं। सप्लीमेंट के अलावा विटामिन डी सेलमन, अंडा, दूध, मशरूम, दही में पाया जाता हैं।

Vitamin DImage Source:watchfit

3- फोलेट (फॉलिक एसिड)-
सभी महिलाएं जो अपनी मेनसूरेशन की उम्र में होती हैं, उन सब को अपनी डाइट में फोलेट शामिल करना चाहिए। ये पोषक तत्व गर्भवस्था के दौरान बच्चों को बीमारियों से दूर रखता हैं। ये लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में भी मदद करता हैं। जब महिला गर्भ धारण कर लें, उसे तब से फोलेट लेने शुरू कर देना चाहिएं। पालक, ब्रोकोली, सेब और संतरे का रस फोलेट का स्रोत होता हैं।

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4- लौह-
ये पोषक तत्व बेहद ही अनिवार्य मिनरल होता हैं क्योंकि ये ऑक्सीजन को पूरे शरीर में संचार करता हैं। हेमोग्लोबिन आयरन का महत्वपूर्ण हिस्सा होता हैं जो कि ऑक्सीजन को फेफड़ों से लेकर पूरे शरीर में पहुंचाने के लिए जिम्मेदार होता हैं। आयरन की कमी के कारण आपकी लाल रक्त कोशिकाएं में कमी आ जाती हैं, जिसे आप ऐनामिया भी कहते हैं। जैसे जैसे महिलाएं किशोरावस्था की ओर बढ़ती है वैसे ही उनकी आयरन की जरूरत भी बढ़ती हैं। तो जो महिलाएं 19 से 50 की उम्र की होती हैं उन्हे अपने आहार में रोज आयरन लेना चाहिए। मांस, चिकन, सेम, पालक, चुकंदर और किश्मिश इसके अच्छे स्रोत होते हैं।

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5- विटामिन सी-
ये विटामिन महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा जरुरतमंद होता हैं। ये एक विटामिन होने के बावजूद कई सारी चीजें करता हैं। ये आपकी रोगक्षमता, ह्दय रोग और जन्म की कई समस्याओं के खिलाफ लड़ता हैं। सबसे अच्छी बात ये हैं कि ये उम्र की प्रक्रिया को धीमा करता हैं। ये स्वस्थ कोलेजन का उत्पादन करता है और ड्राय त्वचा के खिलाफ भी लड़ता हैं। अध्ययन के मुताबिक 500 मिलीग्राम विटामिन हर रोज लेना चाहिए। हरी मिर्च, कीवी, संतरा, अंगूर, तरबूज, स्ट्रॉबेरी, आलू और टमाटर इसके खास स्रोत हैं।

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6- विटामिन बी12-
ये विटामिन बी12 स्वस्थ तंत्रिक तंत्र और रक्त कोशिकाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये आपके मूड, एक्ग्रता और प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करता हैं। कुछ सप्लीमेंट ये दावा करते हैं कि विटामिन सी से ऊर्जा बढ़ती हैं जो की एक मात्र मिथक हैं। जिन महिलाएं के अंदर विटामिन बी 12 की कमी होती हैं और जो शाकाहारी हैं वो लोग सप्लीमेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन किसी विशेषज्ञ की सलाह के बाद… मछली, दही, पनीर, अंड़े विटामिन बी12 के सबसे अच्छे स्रोत होते हैं।

Vitamin B12Image Source: perksandstyle

7- आयोडीन-
आयोडीन का इस्तेमाल आपके शरीर में थायराइड हार्मोन के संश्लेषण के लिए किया जाता हैं। हम सभी जानते हैं कि थायराइड हमारे शरीर में मेटाबॉलिजम को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार होता हैं। गर्भवती महिलाओं को स्वस्थ बच्चे के विकास के लिए ज्यादा मात्रा में आयोडीन की जरूरत होती हैं। आयोडीन की कमी होने से आपके शरीर में बीमारी होती हैं जिसे घेंघा (गॉयटर) कहा जाता हैं। इस बीमारी से बचने के लिए  आपको पनीर, दूध, दही आयोडिन युक्त नमक का सेवन करना चाहिए।

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8- मैग्नीशियम-
हालांकि ये हमारे शरीर में बड़ी मात्रा में मौजूद होता हैं लेकिन फिर भी कभी कभी लोगों में मैग्नीशियम की कमी रहती हैं। ज्यादातर महिलाओं में मैग्नीशियम के आहार की मात्रा कम ही रहती हैं। लेकिन ये पोषक तत्व मासिक धर्म ऐंठन और पूर्व सिंड्रोम के इलाज में फायदेमंद होते हैं। जो भी आहार फाइबर से भरपूर होता हैं उसमें मैग्नीशीयम की मात्रा ज्यादा होती हैं। पालक और सारी पत्तेदार सब्जियां मैग्नीशियम के स्रोत होते हैं।

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