समय बदला तो लोगों की दिनचर्या भी बदली। आज के इस बदलते दौर में लोग परेशानियों से जूझ रहे है। कमा तो सब रहे है और पैसा आ भी रहा है। पर भागदौड़ वाली जिंदगी में वो सुकून नहीं मिल रहा है जिसके लिए लोग इतनी भागदौड़ कर रहे हैं। कोई किसी बीमारी से परेशान है, तो कोई मानसिक तनाव भरी जिंदगी जी रहा है। किसी को अपने मोटापे से दिक्कत हो रही है, तो किसी को शारीरिक कमजोरी बनी हुई है। हम अपने शरीर पर पूरा ध्यान नही दे पाते है, ना ही अपने खान-पान पर ही उतना ध्यान देते है जितनी की हमारे शरीर को पौष्टिक आहार की आवश्कता होती है। इसके बाद जब कोई बीमारी जकड़ती है, तो डॉ. की मंहगी फीस या शरीर के लिए कोई योगा व्यायाम को सहारा लेना पड़ता है। इस रोजमर्रा की भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण आप अपने स्वास्थ पर ध्यान नहीं दे पा रहें हैं। इसके लिए हम आपको ऐसे विकल्प बता रहें हैं, जिससे आप फिट तो रहेंगे ही, साथ ही यह विकल्प आपका मनोरंजन भी करेगें।
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हमारे शरीर को फिट रखने के लिए डांस से अच्छा साधन और क्या हो सकता है। इससे मानसिक तनाव से भी मुक्ति मिलती है। अगर हम विशेषज्ञों की राय को मानें तो उनके अनुसार भी कार्डियोवस्कुलर समस्याओं को दूर रखने हेतु डांस को श्रेष्ठ माना गया है। जिससे न केवल कैलोरी बर्न होती है, बल्कि रक्तप्रवाह सही रहने से हार्ट अटैक जैसी घातक बीमारी की संभावनाओं को भी दूर किया जा सकता है।
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यह तो आप जानते ही है कि डांस थेरेपी की शुरुआत कुछ दशकों पहले से हो चुकी है, लेकिन बीते कुछ वर्षो में दुनिया भर में इसका इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। शारीरिक तथा मानसिक रोग निवारण में इसकी खुराक अचूक रही है। फिटनेस ट्रेनर और एक प्रशिक्षित नृत्यांगना रीमा सरीन, बताती है कि डांस थेरेपी अपने आप में आत्मविश्वास वापस लाने के लिए शानदार तरीका है। उनका मानना है कि इसे किसी के साथ में करने से पारस्परिक संपर्क बढ़ता है। एक दशक के बिना यह वैज्ञानिक रूप से नृत्य आत्मसम्मान में सुधार और तनाव कम करने के लिए एक शानदार तरीका है।
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डांस थेरेपी सभी के जीवन में स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम का साधन है। इसलिए बच्चों को डांस सीखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। जिससे मनोरंजन तो होगा ही, उनका मनोबल भी बढ़ेगा। इससे बच्चों का मन स्वस्थ रहता है और उनमें अच्छे विचार उत्पन्न होते हैं। जिम की तरह ही अब डांस थेरेपी का क्षेत्र भी व्यापक हो गया है, जिसमें भारतीय नृत्य के अलावा अब विदेशी, लैटिन, रूसी नृत्य में सालसा और बैले को भी स्वास्थ की दृष्टि से अहम माना जाने लगा है।
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जहां लेटिन का यह डांस जोड़ों के खिंचाव को मजबूत बनाने के लिए किया जाता है। वहीं अपने शरीर की मांसपेशियों के बेहतर सामंजस्य और एकाग्रता के लिए रूंबा डांस कारगार साबित हुआ है। सालसा डांस भी मानसिक तनाव को दूर करने की एक बेहतर दवा साबित हो रही है। इसे 70 से 75 फीसदी युवा सालसा को तनाव दूर करने व आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए करते है।
डांस कार्यक्रम से शरीर को मिलने वाले लाभ
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- मांसपेशियों को टोन कर उन्हें मजबूत बनाता है।
- शरीर को सुडौल व स्वस्थ बनाए रखने के लिए।
- श्वसन तंत्र संबंधी समस्याओं का निदान करता है।
- शारीरिक और भावनात्मक तनाव कम कर देता है।
- दिल और फेफड़ों में सुधार
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- हृदय गति और रक्तचाप कम करता है
- मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति बढ़ जाती है और ऑक्सीजन का उपयोग करने की क्षमता में सुधार होता है
- एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) बढ़ जाते हैं
- शरीर में वसा कम होती है और वजन नियंत्रण में सुधार
- मस्तिष्क की एकाग्रता बढ़ाने में एवं सोचने की क्षमता को काफी हद तक वृद्धी होती है।
हमारे दिए गए सुझाव से आप अच्छा सुखी जीवन जीए, यहीं हमारा उद्देश्य रहा है, इसलिए आप अपने समय का थोड़ा पल निकाल कर डांस कीजिए और स्वस्थ रहिए। इसे आज से ही अमल में लाना शुरू कर दें। वैसे भी डांस के साथ योग स्वस्थ रहने का सबसे सरल तरीका है।