हर महिला ने अपनी गर्भावस्था के वक्त कई तरह के बदलाव और समस्याओं से गुजरना पड़ता है। इस दौरान शरीर में जहां कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। वहीं महिलाओं को मानसिक तनाव भी घेर लेता है। लेकिन कई बार ये मानिसक तनाव इस कदर बढ़ जाता है जिसका असर उनकी याददाश्त पर पड़ने लगता है। लेकिन जान लें की इसका गर्भावस्था पर कोई असर नहीं पड़ता है। ये महज हार्मोन्ल बदलावों के कारण ऐसा होता है। जिसके लिए कई बार महिलाएं काफी चिंता करने लगती है। लेकिन इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। इसे आप बिल्कुल नॉर्मल ही समझे। क्योंकि प्रसव यानि डिलीवरी के बाद स्थिति पहले जैसी फिर सामान्य हो जाती है। आज हम आपको ऐसा क्यों होता है उसके बारे में बताने जा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं की गर्भावस्था में महिलाओं की याददाश्त पर कितना असर पड़ता है।
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बेबी ब्रेन सिंड्रोम
आमतौर पर लोगों में यह धारणा बनी होती है कि गर्भवती महिलाओं की याद्दाश्त ‘बेबी ब्रेन’ या ‘प्रेगहेड’ सिंड्रोम के कारण कमजोर पड़ने लगती है लेकिन कई शोधों में यह बात साफ हो चुकी है की ऐसा कोई सिंड्रोम नहीं होता है। गर्भावस्था में याददाश्त पर किसी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ता है। इनका याददाश्त से कोई लेनादेना नहीं होता है। शोध में भी ये बात साबित हो चुकी है की गर्भावस्था में महिला और उसके होने वाले बच्चे के दिमाग पर किसी तरह का कोई निगेटिव असर नहीं पड़ता है।
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मन में किसी तरह का कोई वहम ना पालें
देखा जाता है की इस दौरान महिलाएं सोच में डूबी रहती है। वह ये सोचती रहती है की कहीं उनके गर्भवती होने से दिमाग पर इसका असर तो नहीं पड़ा रहा है। उनके मन में ऐसे कई भ्रम अपना घर बना लेते हैं। जिसके चलते उनकी स्मरण शक्ति पर इसका असर पड़ने लगता है तो जान लें की इस चीज को लेकर अपने मन में किसी भी प्रकार का कोई भ्रम ना पालें और जान लें कि इस दौरान गर्भवती महिलाओं को चीजें भूल जाना आम बात है। क्योंकि गर्भावस्था के दौरान एक हार्मोन ज्यादा सक्रीय हो जाता है। जिसके चलते उनकी लाइफ में आ रहे बदलावों और अनुभवों के कारण ऐसा होता है।
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याद्दाश्त को कम करता है धूम्रपान
कई बार देखा जाता है की इस हार्मोंन के कारण अल्जाइमर जैसी समस्या भी हो सकती है। जिसके होने से गर्भवती महिलाओं की याद्दाश्त कमजोर होने की आशंका बनी रहती है। दरअसल, बता दें की अल्जाइमर के कारण हार्मोन्स का स्राव गर्भावस्था के दौरान ज्यादा मात्रा में होता है और ऐसे में ज्यादा ध्रूमपान, नशा या फिर शराब लेने वाली महिलाओं पर इसका प्रभावी असर होता है। जिससे महिलाओं में याद्दाश्त कमजोर होने की समस्या हो सकती है। वैसे आमतौर पर भी शोधों में यह बात साबित हो चुकी है कि ज्यादा धूम्रपान करने वाली महिलाओं की याद्दाश्त कमजोर होती है।
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नेगेटिव चीजों से दूर रहें
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का फिट रहना बहुत जरूरी होता है। वहीं उनकी याद्दाश्त यानि स्मरण शक्ति कमजोर न हो, उसपर कोई असर ना पड़े इसका भी महिलाओं को खास ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए गर्भती महिलाओं को दूध, पनीर, बादाम जैसी चीजों का अधिक से अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए। बता दें की इनका सेवन करने के साथ-साथ दिमाग पर पड़ने वाले किसी भी नेगेटिव असर को रोकने के लिए धूम्रपान इत्यादि नशीली चीजों से भी दूर रहना चाहिए। वहीं इतना ही नहीं इसके अलावा प्रतिदिन डॉक्टर की सलाह भी आपको लेनी चाहिए।