हार्ट कैंसर असल में दिल में होने वाल एक तरह का ट्यूमर है। यह कैंसर युक्त ट्यूमर अधिकतर सारकोमस होते हैं। सारकोमस कैंसर का ही एक प्रकार है। इसका असर शरीर के नाज़ुक ऊतकों पर पड़ता है। दिल के कैंसर को काफी गंभीर समस्या माना जाता है। ज्यादातर इस तरह के मामलों में रोगी को इस बात का पता काफी देर से चलता है। शरीर में परशानी होने पर पर लोग इसे नज़रअंदाज़ करते रहते हैं और जब तक वह डॉक्टर के पास पहुंचते हैं मर्ज काफी ज्यादा बढ़ चुका होता है। इसी वजह से हार्ट कैंसर से लोगों की मृत्यु अधिक होती है। अगर शुरू में ही मरीज डॉक्टर के पास चला जाए तो बिमारी का पता लगा कर इस बिमारी से बचा जा सकता है।
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इस बिमारी के लक्षण अधिकतर लोगों को पता नहीं होते। हर व्यक्ति के शरीर में इसका दुष्प्रभाव अलग तरीकों से सामने आता है। इसलिए रोगी यह समझ नहीं पाता कि उसे कोई गंभीर बिमारी है।
क्यों होता है हार्ट कैंसर
हार्ट कैंसर के लक्षणों को पता लगा पाना काफी मुश्किल होता है। दिल का कैंसर होने पर जिस ट्यूमर के होने का पता चलता है वह प्राथमिक या फिर माध्यमिक हो सकता है। हो सकता है कि आरंभ में यह ट्यूमर सीमित रहे। इस अवस्था में यह अपने आस-पास के अंगों को प्रभावित नहीं करता। लेकिन एक समय के बाद यह कैंसर शरीर के दूसरे भागों में भी फैलने लगता है। लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा देखा गया है कि प्राथमिक ट्यूमर की तुलना में माध्यमिक ट्यूमर के मामले अधिक आम होते हैं।
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हार्ट कैंसर के कुछ आम लक्षण
दिल के कैंसर के शुरुआती लक्षणों में रोगी को दिल में दर्द महसूस होता है। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि हर बार ऐसा ही हो। इसके लक्षण आमतौर पर साफ़ नहीं दिखते। हर व्यक्ति में इस बिमारी के लक्षण अलग तरह से नज़र आ सकते हैं।
दिल के कैंसर में रोगी के दिल में रक्त की पर्याप्त मात्रा नहीं पहुंच पाता, इससे शरीर के इस अंग को ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं मिलता। हार्ट कैंसर में सीने में दर्द होता है, जिससे सीने में दबाव पैदा होता है।
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दिल का कैंसर होने पर हृदय शरीर के बाकी हिस्सों में सुचारू रूप से रक्त की आपूर्ति करने और ठीक से काम करने में फेल हो जाता है।
वाल्व की सहायता से रक्त का प्रवाह हृदय से बना रहता है। इसकी कार्यप्रणाली में अगर खराबी आ जाए तो यह हार्ट कैंसर का लक्षण हो सकता है। इससे हृदय में अनियमित रक्त प्रवाह होता है। साथ ही दिल की धड़क की ध्वनि सामान्य से काफी अधिक बढ़ जाती है।
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अगर ऐसा कोई भी लक्षण आपको दिखे तो तुरंत अपने डॉक्टर से जांच करवाएं। इस तरह की स्थिति के लिए हमेशा सचेत और सजग रहें। दिल में दर्द उठे तो, इसे नज़र अंदाज़ ना करें। अगर शुरू में ही आप इस समस्या को गंभीर मानकर डॉक्टर से परामर्श लेंगे तो बाद में किसी बड़े खतरे को टाला जा सकता है।