भारत प्राचीन काल से ही संस्कृति और सभ्यता का देश रहा है इसलिए ही यहां पर संगीत और वास्तुकला जैसी विधाएं सबसे पहले यहां के लोगों को मिली। इसी वास्तुकला के माध्यम से यहां के लोगों ने बहुत से किलो और दुर्गो सहित कई ऐसी इमारतों का निर्माण किया जो आज भी उस समय का बैभवपूर्ण इतिहास को दिखाती है। बहुत से किले ऐसे भी हैं जिनको जानने के लिए कई लोगों की सारी उम्र लग गई पर फिर भी इन किलों के रहस्य न जान सके। आज हम आपको भारत के कुछ ऐसे ही रहस्यमय और प्रसिद्ध किलों के बारें में बताएँगे।
1- गोलकुंडा किला –
यह किला आंध्रप्रदेश की राजधानी हैदराबाद से 11 किमी की दूरी पर स्थित है , यह किला हैदराबाद के चार आश्चर्यो में से एक माना जाता है। काकतिया राजाओं के द्वारा इस किले का निर्माण कराया गया था। इस महल की सबसे बड़ी विशेषता यह है की यदि आप इसके आंगन में खड़े होकर तालियां बजाते हैं तो उनकी आवाज को इस किले की सबसे ऊँची जगह पर सुनी जा सकता है जी की 91 मी के करीब ऊँची है।
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2- कांगड़ा किला –
यह किला हिमालय की सुन्दर वादियों में है, इसका नाम कांगड़ा किला है। यह भारत का सबसे पुराना किला है और दुनिया के पुराने किलों में इसकी गिनती होती है इस किले को कटोच वंश के महाराजा सुशर्मचंद ने बनवाया था। इस किले के जिस हिस्से में राजा रहता था उसको चांदनी महल कहा जाता था। इस किले के अंदर में व्रजेशवरी मंदिर भी स्थित है। कांगड़ा का यह किला धन संपत्ति के लिए बहुत ज्यादा प्रसिद्द किला था।
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3- मेहरानगढ़ का किला-
यह किला एक पहाड़ी पर करीब 150 मी ऊपर बना हुआ है। इसको महाराजा राव जोधा ने 1459 ई में बनवाया था। इस किले तक आप जोधपुर सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। इस किले में 7 दरवाजे हैं। यह किला जोधपुर में स्थित है और राजस्थान के बड़े किलों में से एक माना जाता है।
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4- ग्वालियर का किला-
यह किला मध्यप्रदेश के ग्वालियर में है, इस किले को ‘भारत का गिब्राल्टर’ भी कहा जाता है। इस किले को राजा मानसिंह तोमर ने बनवाया था। यह किला पहाड़ी के ऊपर बना है और इससे नीचे की घाटी और शहर का नजारा बहुत सुन्दर दिखता है। ग्वालियर में कई राजवंशो ने राज्य किया है। यह किला ब्रिटिश काल में रानी लक्ष्मीबाई और तात्यातोपे की रणभूमि भी रहा हैं। यह किला उत्तर और मध्य भारत का सबसे सुन्दर और सुरक्षित किला माना जाता है।
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5- चित्तौड़गढ़ का किला-
इस किले में बहुत से ऐतिहासिक मंदिर, स्मारक तथा कुंड बने है। इस किले के अंदर जाने के लिए सुरक्षा के तौर पर 7 दरवाजे बनाये गए थे, इनको सात पोल कहा जाता है। यह किला 500 फुट की पहाड़ी पर बेराच नदी के किनारे स्थित है। इस किले की विशेषता इसके मंदिर,बुर्ज, महल और जलाशय हैं।