आज के समय शादी की उम्र नहीं होती है पर यदि आपको अपना जीवन खुशमय बनाना है तो एक निश्चित उम्र में ही शादी कर लेना काफी जरूरी होता है। पर यदि आपकी उम्र काफी होने के बाद आप शादी कर रहे है तो उस समय आपको कुछ विशेष चीजों की जानकारी होना काफी आवश्य होता है। जब एक महिला और पुरूषों अपनी मैच्योर अवस्था के समय शादी करने के लिए कदम उठा रहे होते हैं तो उन्हें अपना मेडीकल जांच अवश्य करवा लेनी चाहिए। इससे जीवन में आने वाली समस्याओं से आप बच सकेगें। मेडीकल के विशेषज्ञों के अनुसार हर कपल को अपनी बढ़ती उम्र को देखते हुए इन परीक्षणों को नियमित रूप से अवश्य करवा लेना चाहिए। इस तरह के परीक्षणों से सेहत और स्वास्थ सही रहते है। साथ ही बढ़ती उम्र के दौरान होने वाली परेशानियों के बारे मे पता चल जाता है जिसका समय रहते इलाज भी किया जा सकता है। इससे आपकी दांपत्य जीवन खुशहाल भी बना रहता है। जाने उन परीक्षणों के बारे में…
Image Source: net
1. उम्र का परीक्षण – बहुत कम उम्र में शादी का होना या बढ़ती उम्र के दौरान शादी का होना दोनों ही स्वास्थ की दृष्टि से सही नहीं रहता। क्योंकि इस दौरान शरीर में कई परिवर्तन होने लगते है। ज्यादा आयु के लोग ज्यादा परिपक्व हो जाते है जिस दौरान डॉक्टरी परीक्षण कराना जरूरी होता है। खासकर की महिलाओं को क्योंकि उनमें मां बनने की क्षमता इस दौरान कम होने लगती है। हर महिलाओं के मां बनने की एक निश्चित उम्र होती है। जो कि 35 वर्ष तक मानी गई है, इसके बाद उनके अडाणु बनना बंद हो जाते है। जिससे बड़ती उम्र के दौरान शादी करने से इस प्रकार की समस्याए खड़ी होने लगती है।
Image Source: blogspot
2. प्रजनन परीक्षण – जिन बढ़ती उम्र वाले जोड़ो को शादी के बाद बच्चे पैदा करने में समस्याएं आने लगती है उन्हें अपने प्रजनन क्षमता का परीक्षण करवाना चाहिए। ये परीक्षण शादी से पहले ही कराना आवश्यक होता है ताकि आपको पता चल सके कि आप शादी करने के बाद संतान पैदा करने में सक्षम रहेंगे या नहीं।
Image Source: bawahlaci
3. यौन परीक्षण – अक्सर कुछ प्रकार की बीमारियां संक्रमित होती है, जो शारीरिक संपर्क होने के दौरान बढ़ती है। जिसे सेक्सुयली ट्रांसमिटेड बीमारी कहा जाता है जो संभोग करने के दौरान आपके पार्टनर को भी आसानी से हो सकती है। इस बीमारी से बचने के लिए आपको शादी से पहले ही इस जांच को करवा लेना चाहिए, जिससे आगे चलकर ये बीमारी कोई भयानक रूप धारण ना कर लें।
Image Source: haste-cdn
4. रक्त विकार परीक्षण – इस विकार के होने से बच्चे के पैदा होने में काफी समस्या होती है। यह बीमारी हीमोफीलिया या थेलास्समिया जैसे खतरानाक रोगों में से एक है, इसमें बच्चे पैदा होते ही मर जाते है। उनके जीने के चांसेज भी काफी कम होते है। इसलिए इसमें दोनों के रक्त की जांच करना आवश्यक होता है। इस प्रकार की जांच से आर एच फैक्टर की सकारात्मकता व नकारात्मकता की जांच भी की जाती है। जो शादी से पहले करना काफी जरूरी है।
Image Source: deherba
5. जेनेटिक परीक्षण – आनुवांशिक बीमारियों को जानने के लिए जीन के विषय में जानना काफी जरूरी होता है। क्योंकि इस टेस्ट से अनुवांशिक बीमारी के बारे में पता चलता है। जो आपके पार्टनर को कभी भी हो सकती है। इस तरह के परीक्षण को परिवार की मेडीकल हिस्ट्री भी कहा जाता है।