हर परंपरा और रीति रिवाजों के पीछे कोई ना कोई वैज्ञानिक कारण होता है। हम इस बारे में नहीं जानते क्योंकि हमें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं होती। सावन के महीने में, भगवान शिव के शिवलिंग पर दूध चढ़ाते हैं। लोग ऐसा भगवान शिव को खुश करने के लिए करते हैं, ताकि उनके किसी काम में रूकावट ना हो। लेकिन अगस्त के महीने पर कोई शिव लिंग पर दूध क्यों नहीं चढ़ाता, क्या आप इस बात को जानते हैं? अगर नहीं तो आज हम आपको इस रहस्य से पर्दे उठाने जा रहे हैं।
Image Source:
भगवान शिव हिन्दुओं के ऐसे आराध्य देव हैं, जिन्हें दूध चढ़ाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव को दूध पीना काफी पसंद होता है, यहाँ तक की जहरीला दूध भी पी जाते हैं। इसी कारण उन्हें दूध चढ़ाया जाता है। भगवान शिव सृष्टि के कल्याण के लिए किसी भी तरह की चीज को अपने अंदर समाहित कर लेते थे, फिर वह चाहे जहर क्यों ना हो।
Image Source:
पुराने समय के दौरान, लोगों को ऐसा लगता था कि बरसात के मौसम में दूध जहर का रूप ले लेता है, तो वह तब सारा दूध भगवान शिव को चढ़ा देते थे। लोगों को ऐसा लगता था कि दूध शिवजी को चढ़ाने से उनका सारी बीमारियां दूर हो जाती हैं। आपको बता दें कि आयुर्वेद में ऐसा माना गया है कि मानसून में डेयरी उत्पादों का उपयोग नहीं करना चाहिए। इस मौसम में वात रोग होने की संभावना होती है।, हम वात, पित्त और कफ असंतुलन के कारण अनेक रोगों से ग्रस्त हो जाते हैं।
Image Source:
मानसून के मौसम में गर्मी से सर्दी की तरफ मौसम मोड़ लेता है, जिस कारण हमारे शरीर में वात का स्तर बढ़ता है। यही कारण है कि प्राचीन ग्रंथों में यह बताया गया है कि मानसून के महीने के दौरान भगवान शिव को दूध चढ़ाना चाहिए। इस मौसम में बारिश के कारण घास में कई कीड़े होने लगते हैं, और मवेशी उन घास का सेवन करते हैं। जिस कारण इस मौसम में दूध हमारे लिए सही नहीं होता, वह और भी विषैला हो जाता है। इसलिए इस मौसम में शिवलिंग पर दूध चढ़ाया जाता है।