इस माह की 19 तारीख यानि 19 अक्टूबर को करवा चौथ का पर्व मनाया जाएगा। इस व्रत में महिलाएं हर साल अपने पति की लंबी उम्र और उनकी सलामती के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं। इस व्रत को करना इतना आसान नहीं होता है, इन व्रत में महिलाओं को पूरे दिन बिना अन्न और पानी के रहना होता है और रात के समय चांद को देखकर ही व्रत को खोलना होता है। इस व्रत को रखने में ऐसे तो काफी परेशानी होती हैं, लेकिन जब आप गर्भवती हो तो ऐसे में यह और भी मुश्किल और भी बढ़ जाती है। ऐसे में डॉक्टर्स की सलाह लेकर ही यह व्रत रखना चाहिए।
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डॉक्टर्स के मुताबिक गर्भवती महिलाएं अगर करवा चौथ का यह व्रत ले रहीं हैं, तो उन्हें दो घंटे के बाद फलाहार का सेवन करना चाहिए। फलाहार के साथ ही महिलाएं पौष्टिक आहार भी ले सकती हैं। गर्भवस्था के दौरान कभी भी निर्जल व्रत ना रखें, यह आपके साथ साथ आपके होने वाले बच्चे के लिए भी काफी खतरनाक हो सकता है।
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दरअसल पानी ना पीने से डिहाइड्रेशन होने का खतरा बना रहता है। इसी के साथ पूरे दिन खाना और पानी का सेवन ना करने से गर्भवती महिला के शरीर में हाइपोग्लाइसिमिक शुगर का लेवल गिर जाता है। गर्भव्स्था के दौरान अगर व्रत ना रखा जाएं तो व्रत रखने की कोई जरूरत नहीं है।
यह करें
- व्रत को शुरू करने से पहले ऐसा खाना खाएं, जो कि लंबे समय तक पेट में रहे और जो जल्दी ना पचे।
- भले ही आप कुछ खाएं ना, लेकिन तरल पदार्थों का सेवन करती रहें, ताकि आपके शरीर में पानी की कमी ना हो।
- इस दिन काम कुछ ना करें, आप इस दिन अपने परिवार के साथ समय बिताएं और पूरा आराम करें।
- व्रत खत्म करने पर आप एकदम से काफी सारा खाना ना खाएं, क्योंकि ऐसा करने से पेट में गैस और अपच होने की संभावना रहती है।
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यह ना करें
- अगर आप मधुमेह और हाइपरटेंशन के रोगी हो तो ऐसे में आप यह व्रत गर्भावस्था के समय ना करें, क्योंकि इससे ब्लड प्रेशर बढ़ने का डर भी बना रहता है।
- गर्भावस्था के आखिरी तीन महीने में व्रत बिल्कुल ना रखें।
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इन लक्षणों को महसूस कर रहीं हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
- गर्भस्थ शिशु की हलचल अचानक से बढ़ना।
- बेहोशी या चक्कर आना और उल्टी होने पर भी आप तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
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