क्या आप भी सुंदर त्वचा पाना चाहती हैं? क्या आप भी घरेलू उपचारों का इस्तेमाल करके थक गई हैं और उनमें से कोई भी उपचार आपके काम का नहीं है, तो ऐसे में आप चिंता ना करें आज हम आपको स्किन व्हाइटनिंग सर्जरी के बारे में और स्किन व्हाइटनिंग सर्जरी को कब करवाने के बारे में बताने जा रहें हैं। आइए आपको आज इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
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स्किन व्हाइटनिंग सर्जरी
स्किन व्हाइटनिंग सर्जरी हमारी त्वचा में मेलेनिन के उत्पादन को कम करने में मदद करती है। इससे त्वचा में मेलेनिन के उत्पादन को कम किया जा सकता है, मेलेनिन हमारी त्वचा के काले रंग के लिए जिम्मेदार होती है। स्किन व्हाइटनिंग सर्जरी में लेजर, क्रायोसर्जरी, कैमिकल पीलिंग, डर्माब्रेशन और माक्रोडर्माब्रेशन आदि कई तरीके इस्तेमाल किए जाते है। इन सभी में से कैमिकल पीलिंग एक ऐसी थेरेपी है, जो कि स्किन व्हाइटनिंग के लिए ज्यादा इस्तेमाल की जाती है। त्वचा की सर्जरी करने वाली इन सारी सर्जरी के बारे में नीचे बताया गया है।
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1 माक्रोडर्माब्रेशन
इस तकनीक में, एक सौंदर्य विशेषज्ञ आपकी त्वचा में विशेष किरणों को ग्रहण कराता है। यह थेरेपी त्वचा की बाहरी परत को हटाने के साथ ही हमारी त्वचा को एक्सफोलेटिंग करता है। माक्रोडर्माब्रेशन सफलतापूर्वक सुस्त त्वचा, भूरे रंग के धब्बे और ऐज स्पॉर्ट्स को खत्म करने में मदद करती है। लेकिन इस थेरेपी से आप सुक्ष्म दाग और मोल्स से छुटकारा नहीं पा सकती हैं।
यह थेरेपी हमारी त्वचा की टोन में थोड़ा परिवर्तन करती है। इस प्रक्रिया के दौरान, छोटे क्रिस्टल आपकी त्वचा पर स्प्रे किए जाते हैं, जो आपकी त्वचा की बाहरी परत को हटाने में मदद करते है। हमारी त्वचा इस उपचार के बाद अधिक सुंदर दिखने लगती है, लेकिन यह आमतौर पर एक सप्ताह में अच्छी तरह से ठीक होता है। इस थेरेपी के बाद यह सुझाव दिया जाता है कि आप धूप से संपर्क बिल्कुल ना बनाएं। इसके साथ एक अच्छी क्वालिटी का मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करें। इसी के साथ 24 घंटे अपनी त्वचा में मेकअप ना लगे रहने दें।
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2 डर्माब्रेशन
यह तकनीक माक्रोडर्माब्रेशन का एक संस्करण है। इस तकनीक में सतही परत को सर्जरी से निकाल दिया जाता है। यह पूरे चेहरे पर नहीं बल्कि किसी विशिष्ट जगह पर ही किया जाता है। आमतौर पर एक वायर ब्रश, डायमंड विहिल और एक बेकार सैंडपेपर का इस्तेमाल करके त्वचा की ऊपरी परत को हटाया जा सकता है। यह प्रक्रिया एपिडर्मिस के ऊपरी परत को निकालने में मदद करती है। इस प्रक्रिया में हल्का सा रक्तस्राव हो सकता है।
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3 लेजर स्किन रिसर्फेसिंग
इस ट्रिटमेंट को करवाकर आप युवा और रेडिएंट दिख सकती हैं। अगर आपकी त्वचा में मुंहासे के निशान, फाइन लाइन्स और पिंपल्स के निशान रह गए हैं तो ऐसे में आप इस ट्रिटमेंट को अपना सकती हैं। यह ट्रिटमेंट में आपकी त्वचा की ऊपर की परत को हटाने में मदद करती है। लेजर बीम क्षतिग्रस्त त्वचा कोशिकाओं के जुड़ाव को खत्म किया जाता है। यह लेयर तब तक नहीं हटती है, जब तक एक साफ त्वचा नहीं दिखाई देती है। लेजर थेरेपी आसानी से किसी के मुंहासे वाली त्वचा को समाप्त कर सकता है। कई तरह के ऐसे लेजर थेरेपी होती है, जो कि बीम के प्रकार के आधार पर काम करती है। इस थेरेपी में सीओ 2 लेजर, अर्बियम लेजर, फ्राजेल लेजर आदि होते हैं।
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डॉक्टर आपकी आंखों और मुंह के आस-पास होने वाली झुर्रियों पर फोकस करेंगे। अगर इस विधि को पूरे चेहरे में किया जाए तो ऐसे में जनल एनेस्थिसिया की जरूरत होती है। इस प्रक्रिया के बाद डॉक्टर आपके चेहरे को पट्टियों से कवर कर देंगे। आप चाहे तो घावों पर पेट्रोलियम जेली लगा सकती हैं। इस विधि में आपको हल्की सी सूजन का अनुभव भी हो सकता है, लेकिन यह सामान्य होता है, ऐसे में आपको ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है।
रात को सोने से पहले आप एक अतिरिक्त तकिया पर सो सकती हैं, ताकि सूजन कम हो जाए। लेजर ट्रिटमेंट के बाद आप मुंहासे के लिए किसी दवा का इस्तेमाल ना करें। आमतौर से लेजर थेरेपी के प्रभाव से उबरने के लिए 14 दिन लग जाते है। अगर आपकी त्वचा का रंग जरा डार्क है, तो ऐसे में आप इस बात को जान लें कि यह थेरेपी आपके लिए नहीं है। डार्क त्वचा जल्दी रेडिएंट को अवशोषित करती है, इसलिए यह थेरेपी डार्क स्किन टोन के लिए नहीं होती है।
4. क्रायोसर्जरी
त्वचा की सर्जरी के लिए क्रायोसर्जरी अंतिम उपाय है। आइए हम आपको समझाते हैं कि यह किस तरह से काम करती है। क्रायो का मतलब है कि ठंड या बेहद ठंडा होना। इस प्रक्रिया को तब अपनाया जाता है, जब सारे तरीके असफल हो जाते हैं। इस तकनीक में तरल नाइट्रोजन का इस्तेमाल किया जाता है। इस इलाज का सबसे अच्छी बात यह है कि यह हर तरह की स्किन टोन के लिए सुरक्षित है। तरल नाइट्रोजन काफी ठंडा होता है, जो कि त्वचा में मेलेनिन को साफ करता है। यह आपकी त्वचा को कुछ ही दिन में साफ कर देता है। इसके बाद आपकी त्वचा सुंदर और चमकदार बन जाती है।
यह तकनीक कई लोगों पर सही तरह से काम कर चुकी है, लेकिन इसके बाद लोगों को पिगमेंटेशन की शिकायत आई थी। इस सर्जरी में हाइपोपिगमेंटेशन या सफेद धब्बों को देखा जा चुका है, इसलिए यह बेहतर होगा कि आप किसी त्वचा विशेषज्ञ से इस मुद्दे पर बात करें। क्रायोसर्जरी के एक स्पॉर्ट में ही 200 डॉलर से अधिक की लागत आती है।
अब आप स्किन व्हाइटनिंग की हर सर्जरी के बारे में जान चुकी हैं। लेकिन अगर आप एक बार अपना मन बना चुकी हैं कि आप को सर्जरी करवानी है तो ऐसे में इन बातों का हमेशा पालन करें।
1 एक त्वचा विशेषज्ञ की सलाह लें
आप अपने त्वचा विशेषज्ञ से लाइटर स्किन टोन पाने के लिए बातचीत कर सकती हैं। वह आपकी त्वचा के टाइप को अध्ययन करके आपको सुझाव देंगे कि आपको किस तरह की स्किन व्हाइटनिंग सर्जरी करवानी चाहिए। हो सकता है कि वह आपकी सर्जरी के खर्च को बचा सकें।
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2 एक प्लास्टिक सर्जन से परामर्श लें
जब आपके त्वचा विशेषज्ञ आपको सर्जरी का सुझाव दे देंगे तो आप इसके बाद एक प्लास्टिक सर्जन से मिलें और उनसे चुने हुए सर्जरी के दुष्प्रभाव और विधि की लागत के बारे में सारी जानकारी ले लें।
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3 किसी सर्वश्रेष्ठ विकल्प को चुनना
प्रत्येक दिन इसके हर विकल्प के बारे में अध्ययन करने के बाद, आपको इन विकल्पों में से खुद ही सबसे अच्छा विकल्प चुनना होगा। अगर आप लेजर ट्रिटमेंट करवाने की सोच रहीं हैं तो ऐसे में आप तैयार रहें, क्योंकि यह ट्रिटमेंट काफी महंगा होता है।
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4 रिक्वरी के लिए प्लान
इनमें से किसी भी ट्रिटमेंट को करवाएं, लेकिन आपको यह देखना होगा कि आपकी किस तरह रिकवर हो सकती हैं। इस बात का ख्याल रखें कि लेजर ट्रिटमेंट में अन्य ट्रिटमेंट्स से काफी अधिक लागत लगती है।
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5 बताए गए उत्पादों का इस्तेमाल करें
आपका सर्जन आपको जिन उत्पादों का इस्तेमाल करने को कहता है, उन्हीं का इस्तेमाल करें, ऐसा करने से आप आसानी से सर्जरी से होने वाले दुष्प्रभावों को कम कर सकती हैं। इसलिए यह बेहतर होगा कि आप इस सर्जरी को करवाने से पहले ही इस बारे में जान लें।
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6 सनब्लॉक का रोजाना इस्तेमाल करें
कभी भी घर से बाहर सनस्क्रीन का इस्तेमाल किए बिना ना निकलें। यह आपकी त्वचा को धूप से बचाने में मदद करता है और इससे आपकी स्किन डार्कनिंग भी नहीं होती है।
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स्किन व्हाइटनिंग सर्जरी के साइड इफेक्ट्स
साइड इफेक्ट्स हर चीज का होता है। जिस तरह से अन्य कॉस्मेटिक प्रक्रियाओं का साइड इफेक्ट पड़ता है, ठीक उसी तरह से स्किन व्हाइटनिंग सर्जरी के भी साइड इफेक्ट्स होते हैं।
- आप लंबे समय तक त्वचा में रेडनेस और सूजन को देख सकती हैं। इससे बदतर स्थिति में त्वचा में छाले, निशान और स्कार्ब भी दिखने को मिल सकता है।
- उपचार किए गए त्वचा में आक्रामक तरीकों में, आपकी त्वचा में ब्लिस्टरिंग या फफोले भी हो सकते हैं।
- आपकी त्वचा सूर्य के प्रकाश से अतिसंवेदनशील भी बन सकती है। इसलिए आपको यह सलाह दी जाती है, कि इस दौरान आप सूरज की धूप से दूरी बनाएं रखें।
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आप अपने त्वचा विशेषज्ञ से लाइटर स्किन टोन पाने के लिए बातचीत कर सकती हैं। वह आपकी त्वचा के टाइप को अध्ययन करके आपको सुझाव देंगे कि आपको किस तरह की स्किन व्हाइटनिंग सर्जरी करवानी चाहिए। हो सकता है कि वह आपकी सर्जरी के खर्च को बचा सकें।
जब आपके त्वचा विशेषज्ञ आपको सर्जरी का सुझाव दे देंगे तो आप इसके बाद एक प्लास्टिक सर्जन से मिलें और उनसे चुने हुए सर्जरी के दुष्प्रभाव और विधि की लागत के बारे में सारी जानकारी ले लें।
प्रत्येक दिन इसके हर विकल्प के बारे में अध्ययन करने के बाद, आपको इन विकल्पों में से खुद ही सबसे अच्छा विकल्प चुनना होगा। अगर आप लेजर ट्रिटमेंट करवाने की सोच रहीं हैं तो ऐसे में आप तैयार रहें, क्योंकि यह ट्रिटमेंट काफी महंगा होता है।
इनमें से किसी भी ट्रिटमेंट को करवाएं, लेकिन आपको यह देखना होगा कि आपकी किस तरह रिकवर हो सकती हैं। इस बात का ख्याल रखें कि लेजर ट्रिटमेंट में अन्य ट्रिटमेंट्स से काफी अधिक लागत लगती है।
आपका सर्जन आपको जिन उत्पादों का इस्तेमाल करने को कहता है, उन्हीं का इस्तेमाल करें, ऐसा करने से आप आसानी से सर्जरी से होने वाले दुष्प्रभावों को कम कर सकती हैं। इसलिए यह बेहतर होगा कि आप इस सर्जरी को करवाने से पहले ही इस बारे में जान लें।
कभी भी घर से बाहर सनस्क्रीन का इस्तेमाल किए बिना ना निकलें। यह आपकी त्वचा को धूप से बचाने में मदद करता है और इससे आपकी स्किन डार्कनिंग भी नहीं होती है।
साइड इफेक्ट्स हर चीज का होता है। जिस तरह से अन्य कॉस्मेटिक प्रक्रियाओं का साइड इफेक्ट पड़ता है, ठीक उसी तरह से स्किन व्हाइटनिंग सर्जरी के भी साइड इफेक्ट्स होते हैं।