उत्तर भारत में सबसे ज्यादा प्रचलित ये रेसिपि दीपावली के पर्वों पर सबकी खास पंसद मानी जाती है। अक्सर उत्तर प्रदेश की महिलाएं पावन पर्व पर इसे जरूर बनाती है। इसके बारे में भले ही आप ना जानें पर आज हम आपको बता रहें हैं भैयादूज स्पेशल, जिसमें आप बनाए अनरसे की मिठाई। अनरसे की मिठाई को बनाने के लिए 2 दिन पहले चावलों को भिगोकर रखना पड़ता हैं। आइये जानते है इसे बनाने का तरीका। अनरसे को आप दो तरह से बना सकते है। गोल अथवा चपटी टिकियां गोल-गोल अनरसे खाने में कुरकुरे लगने के साथ अन्दर से काफी सॉफ्ट होते हैं, जिनका स्वाद एकदम अलग होता है।
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आवश्यक सामग्री-
• छोटा चावल – डेढ़ कप
• चीनी पाउडर वाली – आधा कप
• दही या दूध – 1 बड़े चम्मच
• घी – 2 बड़े चम्मच
• तिल- 2बड़े चम्मच
• तलने के लिए आवश्यकतानुसार घी
बनाने का तरीका
• सबसे पहले नये छोटे चावलों को धोकर साफ कर लीजिए और साफ पानी डालकर चावल को 3 दिनों तक भीगोकर रख दीजिए। 24 घंटे बाद चावल का पानी बदल दीजिए। 2 दिन तक पानी में रखने के बाद इसके पानी को निकालकर इसे सूती कपड़े में फैला दीजिए, जब इसका पानी सूख जाए तो इसे मिक्सी में डालकर मोटा आटे जैसा पीस लें और एक बर्तन में निकाल लें। यदि आप चाहें तो आटे को छलनी में डालकर छान सकती हैं।
• अब पीसे हुए आटे में पिसी हुई चीनी और घी को मिलाकर अच्छी तरह से मिलाए।
• अब इस आटे में दही और दूध दोनों को एक चम्मच डाल दें, इस मिश्रण की सहायता से आटे को सख्त सा गूंथ लीजिए।
• गूंथे हुए आटे को किसी साफ कपड़े से ढ़ककर 10 -12 घंटे के लिए रखा रहने दीजिए। इससे आटा सॉफ्ट हो कर सैट हो जाता है
• अब अनरसे बनाने के लिए आटे की छोटी-छोटी गोल लोइयां बना लें और उसे तिल में लपेट कर गोल-गोल कर लें। इस तरह से इन्हें बनाकर एक थाली पर रखते जाएं और बाद में कढ़ाही में तेल डालकर उसे गर्म होने दें और 4-5 अनरसे इसमें डालकर ब्राउन होने तक तलें। अब एक प्लेट में नैपकिन पेपर को बिछा लें और इसमें तले हुए अनरसे को निकालकर प्लेट पर रखते जाएं। अब आपके अनरसे बनकर तैयार है। गर्मा-गर्म अनरसे को एक प्लेट में सजाकर कर रखें।
• आप इन अनरसों को एक कन्टेनर में भरकर रख दीजिए। इन स्वादिष्ट अनरसों को आप 15 दिन तक आराम से खा सकती हैं। ये जल्द खराब नहीं होते हैं।
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