पानी की भीगी भीगी बौछारें किसे अच्छी नही लगती है। जब गर्मी के दिनों के बीच बारिश की पहली फुआर आती है, तो उस में लोग भीगकर खुशियां मनाते हैं। बारिश की पहली फुआर का मजा ही कुछ ओर होता है। बारिश के आने से हमारी जलवायु का वातावरण भी बदलता है। वातावरण में नमीं बढ़ जाती है। नमी के कारण हमारी त्वचा पर इसका काफी असर पड़ता है। इस मौसम में त्वचा संबंधी रोग, संक्रमण और जलन आदि का खतरा 10 गुना बढ़ जाता है। इस दौरान हवा में मौजूद नमीं शरीर में तेल के स्त्राव को बढ़ाती है। इस बारिश की नमीं में तेलीय त्वचा और तेलीय हो जाती है। ड्राइस्कीन में रूखापन निर्जलीकरण के कारण होता है। उन दिनों हमारी त्वचा में मरम्मत करने वाले विटामिन सी की कमीं आ जाती है। त्वचा के बार-बार गीले सूखे होने के कारण डिहाइड्रेशन के खतरे भी बढ़ जाते है। इन दिनों त्वचा में फंगस जैसी समस्याएं भी बढ़ जाती है। इससे चेहरे पर चकत्ते-दाद होने से चेहरा भी बेरंग हो जाता है। तेलीय त्वचा वालों की फोड़े-फुंसी से चेहरे की रंगत और गहरी हो जाती है। कुछ साधारण बातों को ध्यान में रखकर इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
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1.मानसून में कैसे करें अपनी त्वचा की सुरक्षा
कुछ छोटी छोटी बातों ध्यान में रखते हुए सावधानी बरतें तो इस प्रकार की समस्यां से काफी हद तक बचा जा सकता है। मानसून के समय जब भी आपका चेहरा गीला हो तो आप सबसे पहले चेहरे को टीशू पेपर से साफ करें और रूखापन महसूस होने पर मॉइश्चराइजर जरूर लगाएं। चेहरे को एक दिन में कम से कम दो बार आइस्ड पानी के साथ साफ पानी से अच्छी तरह से धोएं और बर्फ के टुकड़े को 5-10 मिनट तक चेहरे पर रगड़ें। ऐसा करने से पसीना नहीं आता और नमीं की वजह से पिंपल्स भी नहीं होते हैं। चेहरे को चमकदार और चिकना बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि त्वचा की सतह पर अत्यधिक तेल न रहे, इसके लिए घर पर बनाए पैक का प्रयोग करते रहें। मानसून में सनस्क्रीन आधारित पाउडर लगाने से चेहरे पर मौसम के प्रभाव को कम किया जा सकता है और यह दाग धब्बे भी नहीं आने देता है। जिससे चेहरे की चमक भी बनी रहती है।
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2.मानसून में नेत्र संक्रमण से बचने के लिए खास उपाय
मानसून के आते ही आखों में कई तरह की परेशानियों का खतरा बढ़ जाता है। यह मौसम सर्द-गर्म वाला होता है। जिसका असर हमारी आखों एवं त्वचा पर ज्यादा पड़ता है। इस दौरान हमारी आखें वाइरल संक्रमण का शिकार हो जाती है। कंजक्टिवाइटिस बरसात के दिनों में महामारी की तरह फैलता है। यह वाइरस, बैक्टिरिया और संक्रमण की वजह से होता है। यह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलता है। इसके शिकार ज्यादातर बच्चें होते हैं। जो स्कूल, खेल के मैदान में संक्रमित बच्चों की संपर्क में आ जाते हैं और इस संक्रमण का शिकार हो जाते हैं। इस दौरान हमें इससे बचने के लिए अपनी आखों का पूरा खयाल रखना चाहिए।
किसी भी संक्रमित व्यक्ति से हाथ ना मिलाएं, उनकी चीजों जैसे चश्मा, तौलिया, ताकिया आदि से दूर रहें।
किसी दूसरे व्यक्ति का रूमाल तौलिये का इस्तेमाल ना करें।
जब भी बाहर जाएं धूप का चश्मा जरूर पहनें। क्योंकि यह आपकी आखों को धूल-मिट्टी से भी की सुरक्षित रखेगा।
गंदी एंव भीड़भाड वाली जगहों पर ना जाएं।
अपनी आखों में लगाने वाले मेकअप के समानों को किसी के साथ शेयर ना करें।
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3.मानसून के दौरान किस तरह के आहार चुनें
मानसून के दौरान बीमारियों का खतरा ज्यादा ही बढ़ जाता है, क्योंकि इस समय संक्रमण तेजी से फैलता है। इन दिनों हमें अपने खाने पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। बरसात के दिनों में हमने देखा है कि हरी सब्जियों में कीड़े बढ़ जाते हैं, जो हमारी सब्जियों को खराब कर देते हैं। इसलिए हमेशा सब्जियों को अच्छी तरह साफ-सुथरी कर के ही पकाएं। इन दिनों मसालेदार भोजन से बचना चाहिए। इसकी जगह इस मौसम में आपके लिए फलों का सेवन अच्छा विकल्प है। इसलिए हमें फलों को ही प्राथमिकता देनी चाहिए। इन दिनों तीन रंगों के फलों को ज्यादातर खाएं क्यांेकि इसमें शामिल पौष्टिक और एंटीऑक्सीडेंट तत्व न केवल शरीर में ऊर्जा संतुलन के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि शरीर से विषाक्त पदार्थो को बाहर निकालकर हमारा संक्रमण से बचाव भी करते हैं। साथ ही हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं।
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4. त्वचा की एलर्जी की देखभाल करने के लिए सर्वश्रेष्ठ तरीके
मानसून के समय में त्वचा के साथ-साथ हमारे पैरों पर भी इसका असर ज्यादा देखने के मिलता है। जिसको हम हमेशा नजरअंदाज कर देते हैं और बाद में हम फंगल इफंक्शन जैसी त्वचा की समस्या का शिकार हो जाते हैं। इससे बचने के लिए हमें चेहरे को एक दिन में कम से कम दो बार आइस्ड पानी के साथ साफ पानी से अच्छी तरह से धोना चाहिए और बर्फ के टुकड़े को 5-10 मिनट तक चेहरे पर रगड़ना चाहिए। अपने चेहरे की त्वचा में और पैरों में नमीं से रोकने के लिए किसी टेल्कम पाउडर का प्रयोग करना चाहिए। जिससे आपकी त्वचा सूखी रहे।
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5. मानसून के समय सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें
मानसून के समय नमीं में अधिकता के कारण त्वचा में झुर्रियां, बालों का बेजान होना आदि समस्याएं होती हैं। इसके लिए सबसे जरूरी उपाय यही है कि जब भी बादल छाएं या बारिश होने जैसा मौसम बने तब आप सनस्क्रीन का उपयोग जरूर करें। अक्सर लोग इस मौसम में सनस्क्रीन लगाना जरूरी नहीं समझते, लेकिन बारिश के मौसम में वाटरप्रूफ सनस्क्रीन लगाना बेहद जरूरी होता है। सामान्य त्वचा वालों को ज्यादा एसपीएफ वाला सनस्क्रीन इस्तेमाल करना चाहिए और तैलीय त्वचा वालों को मिनरल फिलरवाला सनस्क्रीन लगाना चाहिए। इसके साथ ही आप खुद को सूखा बनाए रखने का प्रयत्न करें।
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6. मानसून में पहनने के लिए किस प्रकार के कपड़े सर्वश्रेष्ठ है
इन मौसम में त्वचा को शुष्क बनाए रखना ही संक्रमण से निपटने का एकमात्र उपाय है। इस मौसम में रेशमी शिफॉन और जॉर्जेट जैसे कपड़े से बचना चाहिए। साथ ही इस मौसम में सूती कपड़े ही पहनने चाहिए।