भारतीय शादियां अपने में विशेष मानी जाती है, क्योंकि इसमें जिस प्रकार के अनुभव तथा चीजें देखने को मिलती है वह किसी अन्य देश के वैवाहिक कार्यक्रमों में देखने को नहीं मिलती हैं। वैसे भारतीय शादियां अपनी तड़क-भड़क तथा जीवंत रंगों के कारण भी जानी जाती हैं। ये शादियां बेहद खास होती हैं। जब एक ही छत के नीचे सभी प्रकार की परंपराओं को निभाया जाता है, तो इन शादियों की रौनक देखते ही बनती है। इस माहौल का हर अनुभव एक उपहार जैसा ही होता है, इन शादियों में कई प्रकार की अलग-अलग परंपराओं को भी निभाया जाता है, जो की देखने में काफी चकित करने वाली लगती हैं, पर असल में उनके पीछे कुछ मान्यताएं तथा विश्वास जुड़े होते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी ही भारतीय वैवाहिक परंपराओं के बारे में जानकारियां दे रहें हैं।
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1 – आलू टमाटर से बरात का स्वागत
वैसे तो बारात का स्वागत फूलों और बाजे के ही किया जाता है, पर आज हम आपको बता रहें हैं उत्तर प्रदेश के एक ऐसे समुदाय के बारे में जो दूल्हे और बारात का स्वागत “आलू टमाटर” से करता है। जी हां, यह समुदाय उत्तर प्रदेश का “सरसौल” समुदाय है। इस समुदाय में बारात तथा दूल्हे का स्वागत आलू तथा टमाटर के साथ में किया जाता है।
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2 – लड़की की पेड़ से शादी
भारत में ग्रह नक्षत्रों के हिसाब से ही शादी का समय तय किया जाता है तथा शादी से पहले लड़के एवं लड़की की कुंडली आदि का मिलान किया जाता है। इस प्रकार के कार्य कई बार भारतीय शादियों में कई अजीब परंपराओं के कारण बन जाते हैं। आपको हम बता दें कि शनि तथा मंगल के निश्चित ज्योतिषीय संयोजन के समय पैदा होने वाली लड़की मंगली कहलाती है और यदि उसका विवाह किसी नॉन मंगली व्यक्ति से किया जाता है, तो उसके पति के मरने की आशंका बनी रहती है, इसलिए भारतीय विवाह में ऐसी लड़की की शादी पहले किसी पेड़ से करा दी जाती है और पेड़ को ही उसका पहला पति माना जाता है।
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3 – सिर पर मिट्टी के बर्तनों को बैलेंस करना
बिहार के कुछ हिस्सों में यह परंपरा शादी के बाद में दुल्हन के द्वारा निभाई जाती है। इस परंपरा में दुल्हन अपने सिर पर मिट्टी के बर्तन को रखकर घर के बड़े-बुजुर्गों से आशिर्वाद लेती है। असल में इस परंपरा के बारे में लोगों की मान्यता यह है कि दुल्हन अपने सुसराल में सभी चीजों को कैसे मैनेज करेगी, यह इस परंपरा से ही पता लगता है।
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4 – मछलियों को बहाना
मणिपुर में मान्यता है कि यदि हम किसी भी नए कार्य की शुरुआत करते हैं, तो हमें अपने अंदर से बुरी चीजों को बाहर निकाल देना चाहिए। इस परंपरा के कारण ही मणिपुर में जब किसी की शादी होती है तो दूल्हा दुल्हन एक साथ पानी में “ताकी मछली” को बहाते हैं।
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5 – दुल्हन को साल भर के लिए छुपाना
यह काफी दुर्लभ परंपरा है और यह भारत के उत्तर-पूर्वी भाग के आदिवासियों में देखने को मिलती है। इस परंपरा के अनुसार शादी के बाद में दुल्हन को एक साल तक किसी से भी बात करने की अनुमति नहीं होती है।
इस परंपरा की कुछ अनु परंपराएं भी भारतीय समाज में प्रचलित हैं, जो की अपने स्थान तथा परिस्थितियों के अनुसार लोगों द्वारा निर्मित की गई हैं। खैर, जो भी है भारत के वैवाहिक कार्यक्रमों में जो उत्साह और रौनक लोगों में देखने को मिलती हैं, वह किसी भी देश के वैवाहिक कार्यक्रमों में देखने को नहीं मिलती है। यदि आपके क्षेत्र में भी कोई ऐसी ही अजीबोगरीब परंपरा शादी के समय होती हो तो आप उसको हमारे कमेंट बॉक्स में जरूर शेयर करें।
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