एक बच्चे का स्वभाव भिन्न हो सकता हैं। उसकी पसंद अलग हो सकती हैं। कई बच्चों को बड़ों से बात करने में झिझक होती हैं। अपने स्कूल के किसी फंक्शन में हिस्सा लेने या फिर अपने टीचर से भी बात करने में उन्हें संकोच होता हैं। अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया जाए, तो बच्चे आगे चलकर दब्बू और शर्मिला स्वभाव के बन जाते हैं। आइए जानते हैं ऐसे शर्मिले बच्चों के व्यवहार को बदलने के बारे में…
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1. बाहरी की दुनिया दिखाएं (Show the world outside)-
कई बार बच्चों में दब्बू और शर्मिलेपन की आदतें उनके पेरेंट्स की वजह से ही आती हैं। ऐसा देखा जाता हैं कि कई माता-पिता अपने बच्चों को डांटते रहते हैं। जिस कारण उनका स्वभाव दब्बू बन जाता हैं। ऐसे में अपने बच्चे को बाहर की दुनिया दिखाएं। उन्हें अपने पड़ोस के बच्चों के साथ खेलने और रिश्तेदारों से मिलवाते रहें।
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2. प्रतिभा को जानें (Know talent)-
शर्मिले बच्चे के व्यवहार को बदलने के लिए उन्हें पढ़ाई के अलावा अन्य गतिविधियों में भी शामिल करवाएं। उनके शौक को पहचाने और उसको उसी तरफ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे बच्चा अपने स्कूल के अलावा भी बाहर की दुनिया को देख पाएगा, जिससे उसकी झिझक कम होगी।
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3. अकेला न छोड़ें (Do not leave alone)-
अक्सर देखा जाता हैं कि पेरेंट्स अपने बच्चे को हर काम में टोकते रहते हैं, ऐसे में बच्चे अकेले रहना ही पसंद करते हैं और अपने दोस्तों से बातचीत करना या उनके साथ खेलना भी बंद कर देते हैं, इसलिए अपने बच्चे को परिवार के बीच रहना सिखाएं। उन्हें अकेला ना छोड़े।
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4. सवालों का दें जवाब (Answer to questions)-
जो पेरेंट्स कामकाजी होते हैं, वह अपने बच्चों को ज्यादा टाइम नहीं दें पाते हैं। जिस कारण बच्चे जब अपने मन में चलने वाले सवालों के बारे में उनसे पूछते हैं, तो पेरेंट्स उनका जवाब नहीं दें पाते हैं और उन्हें बाहर खेलने के लिए बोल देते हैं। ऐसे में बच्चों के मन में उलझन बनी रहती हैं और वे आत्मविश्वासी नहीं बन पाते हैं। आपको बता दें कि बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए उनके हर सवाल का जवाब देना जरूरी हैं।
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