बच्चों को हर चीज की जानकारी देना अभिभावकों का कर्तव्य होता है। आज कल बच्चों के साथ होने वाले शारीरिक शोषण की घटनाओं के बारे में सुनकर हर कोई हैरान है। ऐसे में स्कूल व बाहर खेलने जाने वाले बच्चे के प्रति हमारे मन आशांकाओं का जन्म लेना लाजमी है। बच्चा मासूम होता है और उसको गुड और बैड टच के बारे में पता ही नहीं होता, उसकी नजर में दुनिया का हर शख्स अच्छा ही होता है। बच्चों की सुरक्षा के लिए भले ही हम उनके साथ रहने की पूरी कोशिश करें परंतु फिर भी कई जगहों पर उसको हमारे बगैर ही जाना होता है। ऐसी स्थिति में खुद हमें अपने बच्चे को इतना जागरूक बनाना होता है कि वो किसी के भी गुड और बैड टच को पहचान सकें और इसके जानकारी अभिभावकों या परेंट्स को दें सकें। चलिए जानते हैं कि बच्चों के साथ इस तरह की जानकारी क्यों और कैसे शेयर की जाएं..
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बच्चों के साथ इस तरह की बात क्यों हैं जरूर
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1. सरकारी संस्थाओं के आकड़ों के मुताबिक करीब 52 प्रतिशत बच्चे शारीरिक शोषण का शिकार होते हैं। कई मामलों में बच्चे अपने पेरेंट्स से इस बात को कहते हैं तो भी पेरेंट्स अपने रिलेशन, इमेज और स्टेट्स के चलते है इसकी रिर्पोट आगे नहीं करते हैं।
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2. बैड टच की शुरूआत कई बार धीरे धीरे शुरू होती है जब बच्चा इसको समझता है तो वो डर के चलते या शर्म के चलते किसी से कह नहीं पाता।
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3. करीब 70 प्रतिशत में बच्चों का शोषण करने वाले नजदीकी जानकार, बच्चों जिन पर भरोसा करते हो या फिर परिवार का सदस्य होते हैं।
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4. लड़के और लड़कियां सामान रूप से इस तरह के शोषण का शिकार होते हैं।
5. बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है कि इस विषय पर उनके साथ खुलकर बात की जाएं।
कैसे समझाएं गुड और बैड टच के बारे में
1. गलत व्यवहार की दें जानकारी
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अपने बच्चों को गलत व्यवहार या कहें तो बैड टच के बारे में पूरी जानकारी दें। स्विमसूट को दिखाते हुए उनको बताएं कि इससे हमारे शरीर के प्राइवेट एरिया को कवर किया जाता है। इन एरिया को कोई देख या टच नहीं कर सकता, इस एरिया को केवल आपके मम्मी पापा ही देखते और टच करते हैं वो भी तब जब आपके कपड़ों को चेंज करना हो, नहलाना हो या उनको साफ करना हो। इसके अलावा कोई भी उनको टच करें तो यह गलत व्यवहार होता है, ऐसे में आप इस बात की जानकारी पेरेंट्स को दें या टिचर को इस बारे में बताएं
2. भरोसा करना सिखाएं
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शोषण करने वाले लोग बच्चों को डरा देते हैं कि ये बात किसी से कहीं तो हम तुमको मारेंगे या डांटेंगे, लेकिन ऐसे में आप अपने बच्चों को भरोसा दिलाएं कि वो अपने मम्मी पापा से गुड और बैड टच के बारे में खुल कर बात कर सकते हैं। इसके अलावा आप उनकी बातों को ध्यान पूर्वक भी सुने जिससे बच्चें के मन में अपके साथ हर बात शेयर करने का कोई डर नहीं रहेगा।
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3. किसी के सामने कपड़े न बदलें
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आपको भी इस बारे में ध्यान रखना होगा कि आप किसी के सामने बच्चों के कपड़े न बदलें। इसके अलावा जब बच्चा बड़ हो जाए तो उसको किसी की गोदी में न बैठने दें और किसी को किस ना करने दें, इन नियमों का घर और बाहर सख्ती से पालन करने को कहें। इससे आपका बच्चा इनका आदी हो जाएगा।
4. बच्चों के साथ बात करें
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आप अपने बच्चों के साथ उनके स्कूल, दोस्तों और ट्यूशन की बातें करें और ध्यान दें कि उनकी बातों से तुरंत गलतियां निकालकर उनको डांटने न लगें। अगर बच्चा गलती भी करें तो उसे बेहद ही सोफ्ट तरीके से बताएं कि उसने क्या गलती की है। ऐसे में अगर आप उसको डांटने लगते हैं तो वो आपको अपने मन की बात बताने से डरने लगेगा।
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5. सेफ्टी रूल्स बताएं
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बच्चों को बताएं की बैड टच अगर कोई करें तो तुरंत रोने लगें या पास कोई पुलिस अकंल दिखें तो उसे सारी बात बताएं। इसके आलावा बिना बताए किसी के साथ ना जाएं, कहीं खाली पड़े घर या कंस्ट्रक्शन साइट के पास न खेले और स्कूल से हर रोज एक ही रास्ते से आएं, शार्ट कट न लें।
गुड और बैड टच की जानकारी बच्चों को देना बेहद जरूरी है,क्योंकि यह आपका दायित्व है कि आपका बच्चा किसी मुसीबत में न पड़े। वहीं आपको अपने बच्चे को इतना सक्षम बनान होगा कि वो बैड टच को पहचानकर उसके खिलाफ तुरंत एक्शन ले सकें। इसके लिए अलावा अगर बच्चा 3 से 5 साल का हो तो हर 15 दिन और 5 साल से बड़ा हो तो महिने में एक बार गुड और बैड टच की बातों को समझाएं, इससे वो इन बातों को याद रखेगा और समझ भी जाएगा।
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