देश की बेटियों के लिए मिसाल है, यह दो भारतीय महिलाएं

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विकसित देशों की तर्ज पर भारत में शुरू हुई महिला सशक्तिकरण की लहर अब धीरे धीरे रंग ला रही है। जिसका उदाहरण हमे देश की उन बड़ी-बड़ी कंपनियों से मिल जाएगा। जिनकी कमान महिलाओं के हाथों में है और वह बखूबी अपनी काबलियत को साबित भी कर रही है। भारतीय समाज में यूँ तो महिलाओं को विशेष स्थान प्राप्त है उन्हें देवी के रूप में पूजा भी जाता है।

मगर भारत चाह कर भी इस साक्ष्य से मुँह नहीं मोड़ सकता है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज से विश्व सूची में भारत का स्थान 54वां है। इस सब के बावजूद देश की कुछ बेटियां ऐसी भी है, जिन्होंने इन सभी हालातों से लड़ कर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर देश की छवि को बदला है।

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दरअसल हाल ही में अमेरिका की फार्च्यून मैगज़ीन ने दुनिया की सबसे शक्तिशाली बिज़नेस महिलाओं की एक सूचि निकाली है। जिसमे दो भारतीय महिलाओं को भी जगह दी गई है। इस सूची में के शिखर पर बांको सेंटेंडेर ग्रुप की चेयरमैन आना बोटिन है जबकि पेप्सिको की एम.डी इंद्रा नूई दूसरे पायदान पर है।

इस सूची में जगह हासिल करने वाली भारतीय महिलाओं में आईसीआईसीआई बैंक की चंदा कोचर को पांचवा स्थान और शिखा शर्मा को 21वां स्थान दिया गया है। यह सूचि एक तरीके से प्रमाण है कि भारत में अब धीरे धीरे महिलाओं का स्तर बढ़ रहा है। चाहे बदलाव की यह रफ़्तार काफी कम है, पर फिर भी देश में महिला सशक्तिकरण में बढ़ोतरी हो रही है

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जोधपुर की आम लड़की से बैंक निदेशक बनने तक की दौड़:-

चन्दा कोचर का जन्म राजस्थान के जोधपुर नगर में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआति शिक्षा वहीँ पर ली। इसके बाद उन्होंने सन 1982 में मुंबई के जय हिन्द कॉलेज से आर्ट्स में अपनी बेचलर डिग्री के बाद एमबीए एवं कॉस्ट एकाउन्टेन्सी की शिक्षा ली। साथ ही उन्होने जमनालाल बजाज प्रबन्धन संस्था से प्रबन्धन के क्षेत्र में मास्टर डिग्री भी हासिल की। चंदा ने अपने कैरियर की शुरुआत साल 1984 में “इंडस्ट्रीयल क्रेडिट ऐंड निवेश कार्पोरेशन आफ़ इंडिया” में बतौर प्रशिक्षु की थी। उनकी योग्यता को देखते हुए वर्ष 1994 में कोचर को सहायक महाप्रबंधक का पद सौंपा गया।

इस प्रकार साल दर साल उनकी काबलियत के आधार पर उन्हें अलग अलग कार्य व पद सौंपे गए, जिनमे उन्होंने उत्कृष्ट परिणाम दिए। अप्रैल 2006 में चंदा कोचर को आईसीआईसीआई बैंक की उप प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया। इस दौरान भी उन्होंने हर सेक्टर में अपना भरपूर सहयोग दिया। आख़िरकार मई 2009 में उन्हें सर्वसमिति से आईसीआईसीआई बैंक के प्रबंध निदेशक के रूप में चुन लिया गया। वर्तमान में वह आईसीआईसीआई की प्रबंध निदेशक औरमुख्य कार्यकारी अधिकारी है।

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ICICI बैंक से AXIS तक का सफर:-

शिखा शर्मा का जन्म 19 नवंबर 1958 में हुआ था। उनके पिता सेना में थे, जिस वजह से उनकी शुरुआती शिक्षा कई अलग अलग स्कूलों में हुई। उन्होंने श्री राम कॉलेज फॉर वूमैन से अर्थशास्त्र में बी.ऐ होनर्स की डिग्री ली और अहमदाबाद में आईआईएम से अपनी एमबीए की। इसके अलावा उन्होंने मुम्बई के नेशनल सेंटर फॉर सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी से अपना सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा भी किया।

शिखा शर्मा ने अपने कॅरिअर की शुरुआत साल 1980 में आईसीआईसीआई बैंक से की। उन्होंने तीन दशक के करीब का समय आईसीआईसीआई ग्रुप के साथ बिताया। उन्होंने बैंक की उन्नति में अहम भूमिका भी निभाई। उन्होंने साल 2009 में एक्सिस बैंक को बतौर एमडी व सीईओ के तौर पर ज्वाइन किया। उनके शामिल होने के समय पर एक्सिस बैंक के शेयर में 90 फीसदी से अधिक का उछाल आया था। शिखा शर्मा के नेतृत्व में ऐक्सिस बैंक ने कई पुरस्कार प्राप्त किये है। बहरहाल इस समय शिखा शर्मा के नेतृत्व में बैंक अच्छी तरक्की कर रहा है।

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