आखिर क्यों हैं दीपावली का खास महत्व, जानिए इससे जुड़ी कुछ रोचक कथाओं के बारे में

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महत्व- दीवापली के दिन धन – दौलत एवं ऐश्वर्य की देवी माता लक्ष्मी जी एवं बुद्धि – विद्या के भगवान विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की पूजा बड़ी धूमधाम से की जाती हैं। इस साल दिवाली 19 अक्टूबर कार्तिक मास की अमावस्या के दिन हैं जिसके लिए घरों में तैयारियाँ जोरों पर हैं। इस उत्सव के लिए सभी उत्साहित हैं। दीपावली हिन्दुओं का प्रसिद्ध त्योहार माना जाता हैं।

दीपावली का अर्थ – “दीपों की माला” या “कड़ी” होता हैं। यह “प्रकाश का त्योहार” हैं। दीपावली का यह त्योहार पांच दिनों तक चलता हैं। पहले दिन (17 अक्टूबर 2017 ) धनतेरस, दूसरे दिन छोटी दिवाली, तीसरे दिन लक्ष्मी पूजा, चौथे दिन गोवर्धन पूजा और पांचवे दिन भैया दूज मनाया जाता हैं। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय, बुराईयों पर अच्छाईयों की जीत का प्रतीक हैं। इस त्योहार को भारत के अलावा नेपाल, मॉरीशस, बर्मा, सिंगापुर, मलेशिया, श्रीलंका आदि देशों में भी धूमधाम से मनाया जाता हैं।

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हम सब जानते हैं कि खुशियों का यह पर्व भारत देश के लोगों के लिए कितना महत्वपर्ण हैं मगर क्या आप इसकी वजह जानते हैं कि आखिर क्यों इस त्योहार की इतनी महत्ता हैं और इसके पीछे क्या कारण हैं, अगर नही तो चलिए आज हम आपको बताते हैं इस त्योहार से जुड़ी कुछ रोचक कथाओं के बारे में।

दीपावली मनाने के पीछे कई एक कथाएँ प्रचलित हैं :

1. इस दिन भगवान श्री राम लंका के अत्याचारी राजा रावण का वध करके माता सीता एवं लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापिस लौटे थे, जिनके आने की खुशी में अयोध्या वासियों ने दीपक जलाए थे।

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2. अन्य प्रचलित कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु के ही स्वरुप माने जाने वाले मथुरा का लाल श्री कृष्ण ने अत्याचारी राजा नरकासुर का वध किया था।

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3. ग्रंथो के अनुसार दीपावली के शुभ अवसर पर ही भगवान विष्णु ने अपने परम भगत प्रहलाद की रक्षा हेतु नरसिंह रूप धारण कर हिरण्यकशिपु का वध किया था।

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4. भारतीय पुराणों की महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक समुद्र मंथन भी इसी दिन हुआ था। इसी के उपरांत लक्ष्मी जी एवं धन्वंतरि प्रकट हुए थे।

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5. जैन समाज के लिए भी इस दिन का खास महत्व हैं। उनके अनुसार तीर्थंकर महावीर स्वामी का निर्वाण इसी दिन हुआ था।

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6. सिख समाज के लिए यह दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता हैं क्योंकि इसी दिन वर्ष 1577 में अमृतसर में स्वर्ण मंदिर का शिलान्यास हुआ था।

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इस पर्व इन कुछ बातों पर भी दें ध्यान

इस दिन अपनी हैसियत के मुताबिक गरीबों को दान दें। इस दिन किसी प्रकार का नशा न करें। दीवाली पर्व के दिन की शुरुआत बड़ों के पैर छूकर उनके आशीर्वाद से करें।

दीपावली पर सभी लोग पटाखें चलाते हैं पर पटाखों के जलने से प्रदूषण बढ़ता हैं, जो एलर्जी एवं बीमारियाँ पैदा करता हैं इसलिए हो सके तो पटाखों को न जलाए।

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