ह्यूमन पैपिलोमा वायरस यानि एचपीवी इंफेक्शन वैसे तो बहुत सामान्य है और सेक्स करने वाले कम से कम 50 फीसदी लोगों को अपने जीवन में इस संक्रमण का सामना भी करना पड़ता है। कई लोगों को आम तौर पर इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते और एचपीवी अपने आप चला भी जाता है। लेकिन कुछ मामलों में एचपीवी सर्वाइकल कैंसर का कारण बन सकता है। इसके साथ ही इससे गुदा और लिंग का कैंसर भी हो सकता है। तो देखा आपने कितना खतरनाक है यह संक्रमण। आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। जिससे की आप अपने आपको इस संक्रमण से बचा सकें।
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कहां रहता है एचपीवी
सबसे पहले आपको बता दें कि यह संक्रमण कहां रहता है। यह एचपीवी संक्रमण शरीर की उपकला कोशिकाओं में रहता है। यह त्वचा की सतह पर पाई जाने वाली सपाट और पतली कोशिकाएं होती हैं। इसके साथ ही यह कोशिकाएं योनी, गुदा, गर्भाश्य ग्रीवा, लिंग के शिरीष, मुंह और गले की त्वचा की सतह पर भी मिलती है।
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एचपीवी होने का खतरा किन लोगों का ज्यादा होता है-
1. अल्कोहल का अधिक सेवन
एक कैंसर सेंटर की स्टडी के मुताबिक जो लोग एक दिन में दो या उससे अधिक बार ड्रिंक करते हैं उन्हें ह्यूमन पैपिलोमा वायरस होने का जोखिम 13 फीसदी तक ज्यादा होता है। जो लोग इससे भी काफी अधिक मात्रा में शराब का सेवन करते हैं उनमे इसका खतरा सामान्य से 35 फीसदी और अधिक बढ़ जाता है।
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2. उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता खतरा
एक अमेरिकन स्टडी के मुताबिक 45 या उससे अधिक उम्र के लोगों को बहुत आसानी से ह्यूमन पैपिलोमा वायरस हो जाता है। इसलिए इस उम्र के लोगों को इससे संबंधित लक्षणों को गंभीरता से लेना चाहिए।
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3. अधिक लोगों के साथ यौन संबंध
जो पुरूष एक से अधिक लोगों के साथ यौन संबंध बनाता है। उन्हें यह बीमारी होने का खतरा अधिक होता है। ऐसे में संक्रमण बढ़ने का खतरा भी बढ़ जाता है। इस बीमारी से बचने के लिए आप अधिक लोगों से यौन संबंध बनाने से बचें और स्वस्थ रहें।
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4. इम्यून सिस्टम
जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। वो इस वायरस से बहुत जल्दी प्रभावित हो जाते हैं। लोगों को एचपीवी के लक्षणों को दरकिनार नहीं करना चाहिए वरना परिणाम गंभीर भी हो सकते हैं।
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4. उम्र
बच्चों और किशोरों में कॉमन वार्ट्स और फ्लैट वार्ट्स विकसित होने में सबसे अधिक जोखिम होता है। जेनिटल एचपीवी इंफेक्शन अक्सर किशोर और युवाओं को हो जाता है।
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5. मां से बच्चे तक
यह एक जेनिटल इंफेक्शन भी है। यह उन बीमारियों में से है जो मां से बच्चे में आ सकती हैं। यदि मां को जेनीटल एचपीवी इंफेक्शन हो तो प्रसव के दौरान नवजात भी उस इंफेक्शन से पीड़ित हो सकता है।
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आज हमने आपको ह्यूमन पैपिलोमा वायरस के बारे में जानकारी दी। आज से ही आप एकदम सतर्क होकर रहें। इन चीजों से दूर रहें और स्वास्थ रहें।