डॉक्टर भी नवजात बच्चे को मां का दूध ही पिलाने की सलाह देते हैं। असल में इसके पीछे बहुत से कारण हैं। नवजात बच्चे के लिए मां का दूध अमृत के समान होता है। इससे न सिर्फ बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है बल्कि उसका शारारिक और मानसिक विकास भी होता है। डॉक्टरों के अनुसार बच्चे के जन्म के बाद करीब एक घंटे में बच्चे को मां का दूध पिला देना चाहिए। इसके अलावा अगले 6 माह तक बच्चे को यही दूध पिलाना चाहिए। आइये अब हम आपको बताते हैं नवजात बच्चे के लिए मां के दूध के लाभों के बारे में।
1 – पाचन तंत्र के लिए लाभकारी
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मां का दूध नवजात बच्चे के पाचन तंत्र के लिए बहुत लाभकारी होता है। बच्चे के लिए इसे पचाना भी काफी आसान रहता है। इससे बच्चे में पाचन की क्षमता बढ़ने लगती है।
2 – विकास में करता है मदद
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बच्चे के विकास में मां का दूध अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। असल में पैदा होने के 3 वर्ष तक बच्चे का विकास काफी तेजी से होता है। ऐसे में मां का दूध बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे वह रोगों से बचा रहता है। मां के दूध से बच्चे का शारारिक तथा मानसिक विकास भी अच्छे से होता है।
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3 – तंत्रिका तंत्र का विकास
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छोटे बच्चे के तंत्रिका तंत्र के विकास में मां का दूध बहुत मदद करता है। असल में मां के शुरूआती दूध में प्रचुर मात्रा में कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है। यह बच्चे में बौद्धिक विकास करता है। इस कारण छोटे बच्चे को मां का दूध ही सर्वाधिक देना चाहिए।
4 – संक्रमण से होता है बचाव
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यदि मां जन्म के एक घंटे बाद अपना दूध नवजात बच्चे को पिलाती है, तो इससे बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। जिससे बच्चा किसी भी प्रकार के रोग या संक्रमण से बच जाता है।
5 – ऊर्जा को बढ़ाता है
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असल में मां के पहले दूध में शर्करा की काफी मात्रा पाई जाती है। इस कारण नवजात बच्चे में नई ऊर्जा का जन्म होता है। देखने में आता है की बहुत सी महिलायें अपनी फिगर के खराब होने के डर से बच्चे को स्तनपान नहीं कराती हैं, जो कि गलत है। असल में स्तनपान से न सिर्फ बच्चे को फायदा मिलता है बल्कि मां भी स्तन कैंसर के खतरे बचती है।