इन दिनों देश के केरल राज्य में एक खत्तरनाक वायरस का आतंक छाया हुआ है। जिसका नाम निपाह वायरस बताया जा रहा है। मेडिकल भाषा में इसे NIV भी कहा जाता है। निपाह वायरस एक प्रकार का संक्रमण है जो कि एक जानवर के जरिये फलों और फिर फलों से इंसानो में जाता है। यह एक वायरस एक जानलेवा संक्रमण फैलाता है। इसकी सबसे बड़ी परेशानी यह है कि अभी तक इस वायरस के इलाज के लिए कोई भी वैक्सीन या टीका नही बन पाया है, जिसके चलते इस रोग का इलाज नही हो सकता, आपको ही इससे अपना बचाव करना पड़ेगा।
1- भारत में कब आया यह वायरस
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हाल फिलहाल की बात करें तो भारत में यह वायरस केरल राज्य में अपने पैर पसार रहा है। हालांकि इस वायरस का यह कोई पहला मामला नही है। साल 2001 में पहली बार यह निपाह वायरस गौर में आया था। उस समय यह वायरस जनवरी फरवरी माह में पश्चिमी बंगाल के सिलिगुड़ी में लोकेट हुआ था। इसके प्रभाव से उस समय 45 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। दूसरी बार इसे 2007 में दोबारा से पश्चिमी बंगाल के नदिया क्षेत्र में दर्ज किया गया। अब करीब 11 साल बाद एक बार फिर से यह वायरस केरल में उजागर हुआ है। लगातार फैल रहे इस वायरस को लेकर सरकार भी गहरी चिंता में है। केंद्र सरकार की ओर से लगातार लोगों को इस वायरस से बचने हेतु जागरुक किया जा रहा है।
2- विदेशी जमीन पर जन्मा है ये वायरस
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निपाह वायरस की बात करें तो ऐसा नही है कि इस वायरस का जन्म भारतीय जमीन पर हुआ है। दरअसल भारत में आने से पहले साल 1998-1999 में यह वायरस सिंगापुर और मलेशिया में पहली बार देखा गया था। सिंगापुर के एक गांव से इसकी शुरुआत हुई थी। यहां इसकी वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी इसलिए इस संक्रमण का नाम इस गांव के नाम पर कांपुंग सुंगई निपाह रख दिया गया। सिंगापुर और मलेशिया के अलावा यह वायरस 2004 में बांग्लादेश में भी दर्ज हुआ था।
3- कैसे फैलता है निपाह वायरस
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इस वायरस को लेकर हुई जांच में यह पता चला कि ये वायरस चमगादड़ से पैदा हुआ है। चमगादड़ो द्वारा जिन फलों का सेवन किया जाता है वह संक्रमित हो जाते है, इन्हीं फलों को जब इंसानो द्वारा खाया गया तो उनके अंदर निपाह वायरस पैदा हो गया। आपको बता दें कि यह वायरस खजूर से फैलता है। बहरहाल जो लोग खजूर के खेतों में काम करते हैं उन लोगों में निपाह वायरस फैलने का खतरा ज्यादा है।
4- निपाह वायरस के लक्षण
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यह जानना बेहद जरुरी है कि इस संक्रमण के होने का पता कैसे चलेगा। अगर कोई व्यक्ति इसकी चपेट में आता है तो उसे कई तरह की शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, जैसे कि तेज बुखार आना, दिमाग में सूजन, सिर और दिमाग के हिस्से में जलन होना, सांस लेने में दिक्कत इत्यादि। इस वायरस से ग्रस्त लोग कोमा में भी जा सकते है और उनका मौत के भी काफी आसार रहते है।
5- कैसे करें अपना बचाव
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यह काफी दुख की बात है कि इस वायरस से लड़ने के लिए अभी तक देश में किसी भी तरह की वैक्सीन व कोई अन्य इलाज उपलब्ध नही है। बहरहाल इस जानलेवा संक्रमण से बचने का एक ही तरीका की आप कुछ सावधानियां बरते। जैसे कि खजूर का फल न खाएं, पेड़ से गिरने वाले फलों को खाने से परहेज करें, निपाह वायरस से ग्रस्त रोगी से दूरी रखें और सूअर व चमगादड़ से दूर ही रहें।