हाल ही में दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक ने एक नई मुहीम की शुरुआत की है। दरअसल फेसबुक लोगों की धूम्रपान की आदत को छुड़वाने में मदद कर रही है। इसके लिए उन्होंने कुछ कार्यक्रम शुरु किए है, और इसके परिणाम भी काफी बेहतर आए हैं। एक आंकड़े के मुताबिक इस कार्यक्रम की शुरुआत के बाद लोगों में धूम्रपान छोड़ने की संभावना 2.5 गुना ज्यादा बढ़ गई है।
लोगों में इन कार्यक्रमों के प्रभाव को जांचने के लिए एक सर्वे किया गया। जिससे यह पता चला कि युवा चिकित्सा, फोन और काउंसलिंग जैसे जागरुक कार्यक्रमों पर ज्यादा गौर नही करते हैं जबकि सोशल मीडिया पर दिखने वाले पोस्ट उनका ध्यान अधिक आकर्षित करते हैं। वैसे भी सोशल मीडिया पर शुरु गए अभियानों की पहुंच अन्य किसी माध्यम से कही ज्यादा अधिक होती है।
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इस सर्वे को करने वाले लोगों का कहना हैं कि फेसबुक पर डाले जाने पोस्ट को हम अधिक प्रभावी बनाकर लोगों की सोच में परिवर्तन ला सकते है। जो युवा धूम्रपान करते हैं यदि इस कार्यक्रम का हिस्सा बनते है तो उनकी सोच में सकारात्मक बदलाव आ जाएगा। हालांकि व्यस्कों के बीच इस प्रकार बदलाव लाना उनके लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य है।
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इस कार्यक्रम को लेकर सैन फ्रांसिस्को कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर डेनियल रामो बताते हैं कि इस डिजीटल कार्यक्रम के जरिय ऐसे लोगों तक भी पहुंच सकते है जो आमतौर पर बेसिक जागरुकता शिविरों में नही आते हैं। इस शोध के नतीजों को एडिक्शन नामक पत्रिका में भी प्रकाशित किया गया है। शोध में करीब 500 युवाओं को शामिल किया गया था।
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इनमे से अधिकतर युवाओं की उम्र 21 साल थी और इनमे से 87 फीसदी युवा रोजाना धूम्रपान करते थे। इस सभी के नमूने इकट्ठे किए गए। इस सभी को 90 दिन का कार्यक्रम का हिस्सा बनाया गया। इस दौरान युवाओं को धूम्रपान छोड़ने की इच्छा के मुताबिक निजी फेसबुक समूहों में बांट दिया गया। इस शोध के परिणाम निकलने पर यह पाया गया कि प्रतिभागियों में कार्यक्रम के बाद धूम्रपान पर संयम रखने में 2.5 गुना बढ़ोतरी हुई है।