बढ़ते प्रदूषण की बात की जाये, तो देश की राजधानी दिल्ली प्रदूषण की मार से सबसे ज्यादा प्रभावित हो चुकी है जिसका लोगों की सेहत पर काफी बुरा असर पड़ रहा है। दमा,कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों से यह शहर पूरी तरह से इसकी गिरफ्त में आ रहा है। शोध में मिली जानकारी के अनुसार दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों खासकर, भारत और चीन अस्थमा के मामले में लाखों की तादाद में तेजी से बढ़ रहा है।
358 मिलियन लोग अस्थमा के शिकार –
यॉर्क विश्वविद्यालय (यूके) के शोधकर्ताओं के अनुसार अस्थमा दुनिया भर में काफी तेजी से अपना पैर पसार चुका है, आज के समय के आकड़ों के अनुसार इससे लगभग 358 मिलियन लोग प्रभावित है।
भारत-चीन में नियंत्रण से बाहर है अस्थमा –
भारत और चीन ये दो ऐसे देश है जहां अस्थमा जैसे रोग से कंट्रोल कर पाना बहुत मुश्किल है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इन देशों की सबसे ज्यादा बढ़ती अबादी, और दूसरा फैक्ट्री से निकलता धुआं जिससे होने वाले प्रदूषण पर कोई प्रतिबंध नही है।
मुख्य कारण है कार से निकलता धुंआ –
शोधानुसार कारों से निकलने वाला धुंआ ही प्रदूषण और अस्थमा अटैक का मुख्य कारण होता है। हर साल 9 से 23 मिलियन मरीजों को अस्थमा का दौरा ओजोन लेयर में बढ़ रहे प्रदूषण के कारण होता है। यदि इन पर प्रतिबंध तेजी से किया जाये तो काफी हद तक इस बीमारी को बढ़ने से भी रोका जा सकता है।
कारों पर रोक लगाने से थमेगा अस्थमा –
शोधकर्ताओं का मानना है कि प्रदूषण को यदि कम करना चाहते है तो कार और वाहनों पर रोक लगाना अत्यंत आवश्यक है। इस तरह के अहम कदमों को उठाने से अस्थमा से ही नही बल्कि अन्य सासं संबंधी रोगों से भी लोगों को छुटकारा मिस सकता। इससे हर किसी को स्वच्छ सांस लेने में मदद मिलेगी।
कैसे करें खुद का बचाव –
हवा में फैले प्रदूषण से पूरी तरह से तो बचा नहीं जा सकता लेकिन कुछ बातों पर ध्यान रखकर इससे राहत जरूर पाई जा सकती है।
1. घर से बाहर निकलते वक्त मुंह पर मास्क लगाकर निकलें।
2. आंखों पर चश्मा लगाकर ड्राइविंग करें, इससे आंखों को बचाना बहुत जरूरी है।
3. घर से बाहर निकलने के बाद बार बार अपनी स्किन को न छूए।
4. सड़क पर लगें ढेलों से किसी भी खाने की चीजों को ना लें।
5. हो सके तो घर के बाहर की सड़क को सुबह-शाम गीला कर लें, इससे धूल के दूषित कण हवा में नहीं उड़ेंगें।
6. शरीर में पानी की कमी न होने दें भरपूर पानी पीएं।