आज के बदलते समय को देख हर मां-बाप अपने बच्चों का केयर भी उसी के अनुरूप ही करते है जिससे उनका बच्चा तेजी से बदलते हुए जमाने के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सके। हर पैरेट्स बच्चे की पढ़ाई पर भरपूर जोर देता हैं। क्योंकि उन्हें लगता है कि बच्चे का स्मार्ट और तेज दिमाग होना ज्यादा पढ़ाई करने से ही हो सकता है। लेकिन उनका इस प्रकार से सोचना गलत है पढ़ाई के अलावा और भी बहुत सी ऐसी चीजें हैं। जो बच्चे को समझदार और तेज दिमाग बनाने में हमारी मदद करती है। आज हम आपको बच्चों को स्मार्ट और इंटेलिजेंट बनाने के कुछ तरीकों को बारें में बता रहे है। जिसके लिए हर माता-पिता को कुछ खास बातें ध्यान में रखने की जरूरत है…
1. अपने बच्चों के लिए समय निकालें
बच्चे को समझदार और स्मार्ट बनाने में कम्युनिकेशन स्किल्स बहुत मायने रखता है। पैरेट्स को बच्चे के बीच रहकर बातचीत करने से दोनों के बीच के रिश्ते मजबूत तो होते ही है साथ ही बच्चे का आत्मविश्वास और मनोबल भी बढ़ता है। अपने बच्चे को शुरुआत से ही हेल्दी वर्बल एक्टिविटी का हिस्सा बनाएं। उनके साथ खेलते हुये पढ़ाई को सरल बनायें। उनके साथ हिंदी और इंग्लिश में बात करें, ताकि आगे चलकर भाषा उनके करियर में रुकावट ना बने।
2. घर में पॉजिटिव माहौल बनाएं
बच्चे केलिए घर में ऐसा माहौल बनाकर रखें जिससे बच्चे की सोच पॉजिटीव रहे। बच्चे को शुरुआत से ही हर छोटे मोटे काम अपने से करने दें। जिससे वो आत्मनिर्भर बनें। बच्चे के साथ उनकी परेशानियों को जानने की कोशिश करें. उनके साथ उनकी मनपसंद का खेल खेलें। इस तरह बच्चे में कॉन्फिडेंस बढ़ेगा।
3. बच्चों की उम्र के हिसाब से खिलौने चुनें
बच्चों के लिए खिलौने लेते समय उनकी उम्र का ध्यान रखते हुये ही खरीदें। क्योंकि खिलौनों का असर बच्चों के मानसिक विकास पर तेजी से पड़ता है। जहां खिलौने बच्चे को खुश कर करने का काम करते है तो वहीं उन्हें उदासीन भी बना सकते है। हमेशा ऐसे खिलौने का चुनाव करें, जिससे बच्चे के ज्ञान का विकास तेजी से हो सकें।
4. बच्चे को घर में भी पढ़ाएं
अक्सर देखा जाता है कि बच्चे को शुरुआती समय में पढ़ाई के बोझ से दूर रखा जाता है। लेकिन स्कूल जाकर ही उसे पढ़ाने का इंतजार न करें, बल्कि खेल खेल में उनके साथ रहकर खिलौने के माध्यम से आप बहुत कुछ उन्हें सिखा सकते है। इससे शुरुआत से ही बच्चों की समझ बढ़ेगी और आपका बच्चा इंटेलिजेंट बनेगा.
5. अपने बच्चों की जिज्ञासा का सम्मान करें
छोटे से बच्चों के मन में कई तरह के प्रश्न उठते है। क्योकि वो जो कुछ भी चीजों को बाहर देखता है उस जानने की कोशिश करता है इसलिये जब भी वो आपसे कुछ पूछें तो उसकी बातों को टालने की कोशिश ना करें । हर प्रश्नों का जबाब देकर उनकी जिज्ञासा को संतुष्ट करें। यदि आप अपने बच्चे को स्मार्ट और बुद्धिमान बनाना चाहते हैं। तो उनकी हर छोटी-छोटी जिज्ञासाओं को समझकर उसका हल करें।
6. बच्चे को शारीरिक दंड देने से बचें
बच्चे छोटे होने के कारण नदानियां तो करते ही है। पर इन्हीं नादानियों पर छिपा होता है उनका आंतरिक ज्ञान। जो हर किसी के बीच रहकर उसे मिलता है। जब भी आपका बच्चा कुछ सीखता है तो उससे शुरू में काफी गल्तियां होती है। आप उस गल्ती की सजा के लिये उसे दंडित ना करें। शारीरिक दंड देने से बचें क्योंकि बच्चे को मारने-पीटने से उसके कोमल मन पर बुरा असर पड़ता है। और वो अपना कॉन्फिडेस खोने लगता है।
7. बेड टाइम स्टोरी
आज के समय में बच्चों को लिये किसी के पास इतना समय नही है। कि वो उन्हें कहानिया सुना सकें। संयुक्त परिवार ना होने से बच्चों को दादा-दादी नाना-नानी की कहानिया भी पूरी तरह से दूर हो चुकी है जिससे आज के समय के बच्चों का मानसिक विकास भी उतनी ही तेजी से नही हो रहा है। यदि आप अपने बच्चे को समझदार बनाना चाहते है। तो उनकी पसंद का ध्यान रखते हुये बेड टाइम स्टोरी की यानि कि बच्चे के सोने के समय कहानी सुनाने की आदत बना लें। भले ही वो आपकी कहानी को पूरी तरह समझे या, ना समझे। लेकिन एक दिन वो प्रतिक्रिया देकर आपको आश्चर्यचकित कर देंगा। कहानियां सुनने से बच्चो की कल्पना शक्ति का विकास होता है।