मुलेठी की चाय लिवर के लिए है वरदान

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आजकल चाय और कॉफी का हर कोई शौकीन हैं। गर्मियों में जितनी चाय-कॉफी हम पीते हैं सर्दियों में  उसकी डबल हो जाती हैं। लेकिन चाय और कॉफी हमारे स्वास्थ के लिए हानिकारक हैं, ये हमारे पेट में जाकर एसिडिटी बनाता जिसकी वजह से हमें और भी अन्य समस्याएं हो जाती हैं। आजकल लोग पतले होने की चाह में ग्रीन टी पीना पसंद करते हैं, लेकिन हम आपको बता दें कि आप ये चाय छोड़कर मुलेठी की चाय पीना शुरू कर दें।

आजकल चाय और कॉफी का हरImage Source: https://media2.intoday.in/

इसके नुकसान एक भी नहीं हैं पर फायदे कई हैं। आप अक्सर मुलेठी तभी पीते होंगे जब आप बीमारी से लड़ रहें होते हैं, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं हैं आपको मुलेठी की चाय का सेवन हमेशा करते रहना चाहिए। हम आपको बता दें कि लीवर की बीमारियों के इलाज के लिए मुलेठी का प्रयोग कई आयुर्वेदिक औषधियों में होता हैं। मुलेठी का सेवन आपके लिवर को कई बीमारियों से बचाता हैं। मुलेठी के चाय और भी कई फायदें हैं

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कैसे बनाई जाती है मुलेठी चाय ?
साबुत मुलेठी या मुलैठी पाउडर आपको किराने की दुकान पर मिल जाती हैं। साबुत मुलेठी का पाउडर आप आसानी से घर पर बना सकती हैं। इसे बनाने के लिए आप एक पैन में पानी उबा लें उसमें एक चुटकी मुलैठी और चाय पत्ती ड़ाल दें। 10 मिनट तक उबाले और छान लें। इसे सुबह गरमागरम पीने से फायदा होता हैं। इसे आप दिन में दो बार भी पी सकते हैं। पानी में घुली हुई मुलैठी कार्बन टेट्राक्लोराइड से उत्पन्न टॉक्सिक मटीरियल के खिलाफ काफी असरदार हैं। ग्लिसराइजिक एसिड मौजूद होने के कारण इसका स्वाद साधारण चीनी से पांच गुना ज्यादा मीठा होता हैं।

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क्या हैं मुलेठी चाय के फायदे ?
1 जो लोग नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर रोगों से पीड़ित होते हैं यानी जिनके लिवर में फैट की मात्रा बढ़ जाती हैं। स्टडी के मुताबिक इन एंजाइम्स की मात्रा को कम करने में मदद करता हैं। सिर्फ यही नहीं मुलेठी लिवर से निकलने वाला बाइल जूस के स्राव में भी काफी असरदार हैं, इसलिए मुलेठी बेहद लाभदायक हैं।

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2- मुलेठी की जड़ का प्रयोग कई सारी बीमारियों के इलाज के लिए होता हैं, ये अस्थमा, डिप्रेशन, मोटापे के लिए, ठंड लगने पर और फ्लू से निजात दिलाता हैं।

मुलेठी की जड़ का प्रयोगImage Source: https://healthyclaykentucky.com/

3- केमोथेरेपी की वजह से लिवर को नुकसान पहुंचता हैं, ऐसे में हमें मुलेठी का सेवन करना चाहिए हैं। ये लिवर में होने वाले फ्री रेडिकल्स और टॉक्सिक रसायन को कम करता हैं। इस कारण से डॉक्टर हेपोटाइपिस बी की बीमारी से निजात पाने के लिए मुलेठी की सलाह देते हैं।

केमोथेरेपी की वजह से लिवरImage Source: https://www.iflscience.com/

लेकिन ज्यादा मुलेठी का सेवन करने से आप हाइपरटेंशन, मोतियाबिंद के शिकार हो सकते हैं और जो दिल के मरीज हैं उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए और जिन्हें दाल, मटर या बींस से एलर्जी हैं वो भी इससे दूर रहें।

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