हमारे आस पास कुछ ऐसे पेड़ पौधे होते है जिनके बारे में हम अनजान रहते है और कुछ ऐसे पौधे होते है जो जहरीले होने के साथ हमारे शरीर को अमृतीय गुण प्रदान करते है। पर इसके बारे में अनजान होने के कारण हम इन पौधों से दूर रहते है। इसी प्रकार से शिवलिंग में चढ़ाया जाने वाला आक का फूल है, श्रृद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं तो पूर्ण करता ही है इसके कुछ चमत्कारी लाभ भी हमारे शरीर में अपना विशेष असर डालते है। आक का पौधा जिसे हम मंदार,आक या पारद अकौआ के नाम से जानते है यह विषैला होता है। यह पौधा छोटा और छत्तेदार होता है। इसमें सफेद या बैगनी रंग के फूल पाए जाते है जो शंकर जी को चढ़ाये जाते है।
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यह पुष्प जितना विषैला होता है उतना ही हमारे शरीर में होने वाले रोगों को दूर करने के औषधिय गुण भी इसमें पाए जाते है। जिससे हम अनजान होने के कारण इसका प्रयोग पूजा-पाठ में ही करते है। यहां आज हम अकौआ के कुछ ऐसे ही औषधिय गुणों के बारे में बता रहे है। जिसे आपको जानकर हैरानी होगी कि इस विषैली पौधे का उपयोग शुगर के लेवल को कम करने में किया जा सकता है। बताया जाता है कि इससे निकलने वाले दूध को यदि झड़ते बालों में लगाया जाए तो उस स्थान पर बाल आ जाते है।
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इसके अलावा शुगर के लेवल को कम करने के लिए इसकी पत्ती को उल्टाकर जिसमें खुरदरापन दिखाई दे उस स्थान वाली पत्ती को तवे पर रखकर थोड़ा सा गर्म कर लें और अपने पैर पर सटाते हुए लगाकर मोजा पहन लें। सुबह से लेकर रात तक इसी तरह से लगे रहने दें और सोने से पूर्व इसे पैर से निकाल लें इस तरह करने से आपका शुगर लेवर अपने आप ही समान्य स्थिति में आ जाएगा। साथ ही यह आपके पेट को कम करने में सहायक होता है।
इसका दूध अत्यंत विषैले होता है इसलिये इसके दूध को आंखों में जाने से बचाकर रखें। इससे आपकी आंखे खराब भी हो सकती है।
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अन्य लाभ
अकौआ के पौधे का उपयोग अब हर रोगों के इलाज को दूर करने में काफी किया जाने लगा है क्योकि यह वो औषधीय दवा है जिसकी हर चीज फायदेमंद साबित हुई है इससे निकलने वाले दूध से लेकर इसकी पत्ती और फूलों का उपयोग रोगों को दूर करने में किया जाने लगा है। यह एक सूर्य के समान तेज और पारे के उत्तम गुण और एक अच्छे रसायनिक यौगिक के गुण इसमें पाये जाते है और इन्हीं अमृतीय गुणों के कारण इसे वानस्पतिक पारद के नाम का दर्जा प्राप्त हुआ है। अकौआ की पत्ती का उपयोग किसी भी तरह के घाव को भरने के लिए या किसी भी तरह की सूजन को दूर करने के लिए किया जाता है, इसके लिये आप इसकी पत्ती को तेल में गर्म करके उस स्थान पर लगाये जहां आपको घाव है या किसी प्रकार की सूजन और दर्द है इसको लगाने से इसके गुण आपको जल्द ही राहत देने का काम करते है।
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इसके अलावा बाबासीर के मस्सों को काटनें के लिये एंव बाबसीर में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए इसकी फूल या पत्ती के धुएं का उपयोग सिकाई के रूप में किया जाता है। जिससे बाबासीर के इलाज में उपयोग करने से राहत मिलती है। आखों में होने वाली तकलीफ के समय इसके दूध को पांव के अगूंठे पर लगाकर मालिश करने से आखों का दर्द दूर हो जाता है।
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हमारे हाथों या शरीर के किसी अंग में कांटा लग जाने पर काफी दर्द होता है और इसको निकालना भी मुश्किल होता है इसके लिए आप अकौआ के दूध को उस जगह पर लगाएं जहां पर कांटा लगा हुआ है। थोड़ी देर बाद आपका कांटा बाहर निकलते हुए दिखाई देने लगेगा।
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अकौआ के पौधे का उपयोग करते समय सावधानी बरतें क्योकि यह काफी जहरीला पौधा होता है। और इसका उपयोग करते समय अपनी आखों को इससे दूर रखें।