जानें चिकनपॉक्स से बचने के खास घरेलू उपाय

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चिकन पॉक्स जिसे भारत में छोटी माता के नाम से जाना जाता है हमारे यहां के लोग इसे धर्म से जोड़ते है। पर यह वायरस से फैलनेवाली एक संक्रामक बीमारी है।यह काफी सक्रमित लोगों को छूने या उनके बीच में रहने से ही हमारे शरीर पर आ जाती है।

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चिकन पॉक्स की शुरूआत -: संक्रामक बीमारी चिकन पॉक्स के शुरूआती दिनों में बच्चे को पैरों में दर्द होने के साथ पहले हल्का सा बुखार आता है। इसके अलावा हल्की खांसी, सिर में दर्द, भूख ना लगना, थकान का बढ़ना, उल्टियां आदि जैसी शिकायतें हमें देखने को मिलती है। इन लक्षणों के 24 घंटें के अंदर ही आपके बच्चे के पेट या पीठ पर हल्के लाल दाने एक या दो देखने को मिलेंगे। जो धीरे धीरे विकराल रूप धारण कर लेते है जिससे बच्चे को असहनीय पीड़ा के दर्द से गुजरना पड़ता है। यह बाहर निकलने के साथ साथ शरीर के अंदरूनी हिस्सों में भी अपना असर दिखाने लगती है। पूरे शरीर पर निकली लाल खुजलीदार फुंसियां दानों और किसी कीडे के डंक की तरह नजर आती है चिकन पॉक्स के समय निकलने वाले फफोले एक इंच चौडे और लाल रंग के होते है निकलने के बाद इसका असर 2 से 3 दिनों तक रहता है इसके बाद यह सूखने लगती है।

चिकन पॉक्स की शुरूआतImage Source: https://dooktor.pl/

चिकन पॉक्स के आयुर्वेदिक इलाज-:
स्वर्णमक्षिक भस्म: जब बच्चे को यह बीमारी जकड़ती है तो वह दर्द की असहनीय पीड़ा को बर्दाश्त नही कर पाते ऐसे समय में यदि आप 120 मिलीग्राम स्वर्णमक्षिक भस्म को कान्च्नेर पेड की छाल के अर्क में मिलाकर सुबह शाम लेगें तो आपके बच्चे को चिकन पॉक्स की पीड़ा से मुक्ति मिलेगी।

चिकन पॉक्स के आयुर्वेदिक इलाजImage Source: https://www.aapkisaheli.com/

इंदुकला वटी: इस बीमारी के समय बच्चा हो या जवान काफी कमजोर हो जाता है। जिसकी कमजोरी महीनों तक बनी रहती है। इससे छुटकारा पाने के लिए आप बीमारी के बाद के दूसरे हफ्ते से पानी के साथ सुबह शाम 125 मिलीग्राम इंदुकला वटी का उपयोग करें। जिससे आपको काफी राहत मिलेगी।

इंदुकला वटीImage Source: https://www.aapkisaheli.com/

करेले के पत्ते- इस बीमारी से राहत पहुंचाने में करेले के पत्तों से बना जूस भी काफी फायदेमंद होता है करेले के पत्तों से बने इस जूस के साथ आप एक चुटकी हरिद्रा पाउडर की भी लें जो आपके स्वास्थ में रामबाण की तरह काम करेगा।

करेले के पत्तेImage Source: https://www.xcel-technology.com/

नीम की पत्ती- यह बीमारी काफी सक्रमीत होती है इसलिये ऐसे समय में घऱ पर सफाई का ज्यादा ख्याल रखना पड़ता है। जिससे बाहरी बैक्टीरिया प्रवेश ना कर सके ऐसे समय में नीम की पत्ती काफी अच्छी होती है। इससे घर में शुद्धता आती है। वातावरण अच्छा बनता है। इसलिये जिस घर में यह बीमारी होती है वहां नीम के पत्तों को और साथ ही में कपूर को भी सबसे पहले रखा जाता है। जो आसपास के वातावरण को शुद्ध करता है।

नीम की पत्ती-Image Source: https://i9.dainikbhaskar.com/

कीवी फल के फायदे- इस बीमारी के दौरान शरीर में होने वाली कमजोरी को दूर करने के लिए खाने में फलों का सेवन करें यदि आप खाने में कीवी को पंसंद करते है तो ये आपके स्वास्थ के लिये काफी अच्छा फल साबित हो सकता है। क्योकि कीवी में विटामिन सी, और अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते है। जो हमारे शरीर के पर अपना विशेष असर डालते है।

कीवी फल के फायदेImage Source: https://sth.india.com/

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