जानें, सन टैनिंग के बारे में 5 महत्वपूर्ण जानकारियां…

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हमारी त्वचा काफी संवेदनशील होती है जिस पर बाहरी वातावरण का प्रभाव जल्द ही असर कर जाता है। बाहरी प्रदूषण,हवा,पानी,और तेज धूप से निकलने वाली किरणें हमारी त्वचा पर गहरा असर डालती है। क्योकि इससे निकलने वाली किरणों का प्रभाव सीधे हमारी त्वचा पर ही पड़ता है जिससे त्वचा झुलस कर लाल हो जाती है। जिसे सनबर्न कहा जाता है।

हमारी त्वचा काफी संवेदनशील होतीImage Source: vecer.mk

सनबर्न और सन टैनिंग में काफी अंतर होता है सनबर्न से त्वचा झुलसती है इसके असर से चेहरे पर जलन और बुखार जैसी समस्याएं आती है और झुलसने के बाद जो दाग होते है उनका रंग और अधिक डार्क होकर लाल चकते जैसा बन जाता है वो सन टैनिंग कहलाती है। सूर्य से निकलने बाली अल्ट्रावायलेट किरणें यूवीए और यूवीबी ये दो प्रकार की होती है। जिसमें कि यूवीए त्वचा के लिये सबसे ज्यादा खतरनाक होती है। क्योंकि यह त्वचा पर अपना असर काफी लंबे समय तक के लिये छोड़ती है। जिससे सन टैनिंग की समस्या ज्यादा होती है। सन टैनिंग से हमारी त्वचा काफी खराब हो जाती है जिसके लिये जरूरी है कि ऐसे समय में त्वचा की उचित देखभाल जिससे सन टैनिंग से हमारी त्वचा को बचाया जा सके। हम आपको त्वचा के सन टैनिंग के बारे में 5 महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत करा रहे है। …..

सनबर्न और सन टैनिंग में काफीImage Source: cx.aos

सनस्क्रीन का उपयोग- जब भी हम अपने चेहरे पर लगाने के लिये किसी अच्छे सनस्क्रीन का उपयोग करें तो धूप में निकलने के 15-20 मिनट पहले ही लगाएं। यह त्वचा के बाहरी और भीतरी दोनो प्रकार से होने वाले नुकसान से बचाती है। सनस्क्रीन त्वचा के अंदर तक समा कर एक रक्षा परत के रूप में काम करती है। जिससे सूर्य की किरणों का असर त्वचा पर नहीं हो पाता है। यह त्वचा को टैन होने से बचाता है और त्वचा की नमी को बढ़ाता है। यह गैर-चिपचिपा लोशन त्वचा को क्षति व समय से पूर्व बेजान होने से बचाता है।

सनस्क्रीन का उपयोग-जबImage Source: thumbs

लबें समय तक त्वचा पर असर – हमारी थोड़ी सी लापरवाही से त्वचा पर टैनिंग का प्रभाव काफी लंबे समय तक के लिये हो सकता है। जिससे त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है। और बहुत ही कम समय में ही चेहरे पर बुढ़ापा नजर आने लगता है।चेहरे पर झुर्रियां दाग-धब्बे जैसी समस्यायें बढ़ने लगती है। जिसके लिये जरूरी है कि टैनिंग से मुक्ति पाने के लिये त्वचा की उचित देखभाल करें और कुछ ऐसे घरेलू उपयार करें जिससे त्वचा में निखार लाया जा सके।

लबें समय तक त्वचा पर असरImage Source: onlymyhealth

टैनिंग के दुष्परिणाम- सूर्य के संपर्क में ज्यादा रहने से टैनिंग जैसी समस्यायें हमारी त्वचा पर ज्यादा असर डालती है। इससे त्वचा की रंगत पर ज्यादा असर पड़ता है। त्वचा का रंग काला पड़ जाता है। रूखे बेजान चेहरे पर झुर्रियां नजर आने लगती है। और इस समस्या से निजात पाने के लिये काफी लंबा समय लगता है।

टेनिंग के दुष्परिणामImage Source: https://i.ytimg.com/

काली त्वचा के लिये काफी नुकसानदायक- टैनिंग की समस्या काली त्वचा और बालों के लिये काफी नुकसानदायक होती है क्याकि सूर्य के संम्पर्क में आने से त्वचा का रंग काला हो जाता है और जिसकी त्वचा का रंग पहले से ही काला हो। तो आप समझ ही सकते है कि त्वचा पर इसका क्या असर दिख सकता है। इससे त्वचा और अधिक खराब हो जाती है। इसके लिये आपको एस पी एफ-15 वाला सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए। जो त्वचा को पराबैंगनी किरणों से बचाने के साथ साथ विटामिन B3 और एंटीओक्सिडेंट वाला यह लोशन चेहरे का कालापन और दाग धब्बे भी दूर करता है।

काली त्वचा के लिये काफी नुकसानदायकImage Source: https://www.therapytap.com/

एसपीएफ 15 की मात्रा वाले सनस्क्रीन- भारतीय लोगों की त्वचा के अनुसार 15-20 एस पी एफ सनस्क्रीन क्रीम का उपयोग करना चाहिये। गर्मी के दिनों में सूर्य की किरणों का असर सीधे हमारे चेहरे पर पड़ता है जिससे हमारी त्वचा काली रूखी और बेजान हो जाती है ऐसे समय में हमें अपने चेहरे एंव शरीर के अन्य अंगों को सूर्य की पराबैगनी किरणों से रक्षा करने के लिये एसफीएफ 15-20 सनस्क्रीन लोशन का प्रयोग करना चाहिए। जो हमारी त्वचा के अंदर समाकर एक मोटी परत बना लेता है जिस पर सूर्य कि किरणों का कोई प्रभाव नही पड़ता है। और हमारी त्वचा सुरक्षित रहती है।

एसपीएफ 15 की मात्रा वाले सनस्क्रीनImage Source: https://fronthealthpost.com/

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