प्राचीन काल से ही योग के फायदे शास्त्रों में बताए गए हैं। जब विज्ञान ने बीमारियों के निदान के लिए दवाइयां खोजी भी नहीं थी उस समय भी लोग योगासनों के अभ्यास से अपने शरीर को रोगों से मुक्त रखते थे। यह प्रक्रिया आज भी उतनी ही प्रचलित है। कहा जाता है कि शरीर के अनुसार ही व्यक्ति का वजन होना चाहिए। योग ही वो सरल और सेफ तरीका है जिसके द्वारा असानी से शरीर के वजन को घटाया या बढ़ाया जा सकता है। योग किसी भी उम्र में किया जा सकता है। आजकल की दौड़ती भागती जिंदगी में तो आधी से ज्यादा बीमारियां तनाव के कारण होती हैं, लेकिन योग के माध्यम से तनाव मुक्त रहा जा सकता है। साथ ही साथ योग के जरिए शरीर को फिट भी किया जा सकता है। नीचे योग के कुछ आसनों के बारे में जिक्र किया गया है, जिसको निरंतर करने से वजन घटाने और बढ़ाने में काफी मदद मिल सकती है।
वजन कम करने वाले आसन-
पश्चिमोत्तनासन-
इस आसन से पीठ और शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव उत्पन्न होता है। इसके अभ्यास से शरीर की चर्बी कम होकर मोटापा दूर होता है तथा मधुमेह का रोग भी ठीक होता है। इस आसन में अपने पैर को सामने की ओर सीधा करके बैठ जाएं। दोनों पैर आपस में सटे होने चाहिए। पीठ को इस दौरान बिल्कुल सीधा रखें और फिर अपने हाथों से दोनों पैरों के अंगूठे को छुएं। इस आसन में पैरों के घुटने को न मोड़ें और अपने माथे को नीचे घुटने की ओर झुकाएं। कुछ सेकेंड के लिए नीचे ही रुकें और फिर धीरे-धीरे अपनी पोजीशन पर आ जाएं। यह पोजीशन किडनी की समस्या के साथ क्रैम्स आदि की समस्या से भी निजात दिलाती है। इस आसन से मेरुदंड लचीला व मजबूत बनता है, जिससे व्यक्ति की रीढ़ की हड्डी बुढ़ापे में भी नहीं झुकती है। इससे किडनी की समस्या में भी लाभ मिलता है।
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चक्रासन-
शरीर में सबसे ज्यादा वजन पेट पर ही जमा होता है। इसकी चर्बी को हटाकर ही वजन को नियंत्रित किया जा सकता है। यह आसन पेट की मसल्स को पूरी तरह ठीक करता है। इस आसन में सबसे पहले आप पीठ के सहारे लेट जाएं फिर घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों के तलवे को कुछ दूरी बनाकर जमीन पर टिकाकर रखें। इसके बाद आप अपने हाथों को शरीर की दिशा की ओर ले जाएं। इसमें इस बात का ध्यान रखना है कि हथेलियां नीचे की ओर रहें। आप अपने हाथों को नीचे की ओर रखें और अपने शरीर को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं। कुछ समय के लिए इसी आसन में रहें फिर शरीर को नॉर्मल स्थित में ले आएं।
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धनुरासन-
पेट की चर्बी कम करने के लिए इस आसन को किया जाता है। इसमें शरीर की आकृति खींचे हुए धनुष के समान हो जाती है। यह आसन मेरुदंड को लचीला एवं स्वस्थ बनाता है। इससे कब्ज दूर होकर जठराग्नि प्रदीप्त होती है। साथ ही साथ श्वांस की क्रिया व्यवस्थित चलती है और हृदय मजबूत बनता है। इस आसन को करने के लिए पेट के बल लेट जाएं। ठोड़ी को जमीन पर टिका दें। हाथ कमर से सटे हुए और पैरों के पंजे एक-दूसरे से मिले हुए होने चाहिए। तलवे और हथेलियां आकाश की ओर रखें। घुटनों को मोड़कर दाहिने हाथ के पंजे से दाहिने पैर और बाएं हाथ के पंजे से बाएं पैर की कलाई को पकड़ें। सांस लेते हुए पैरों को खींचते हुए ठोड़ी-घुटनों को भूमि पर से उठाएं तथा सिर और तलवों को समीप लाने का प्रयत्न करें। जब तक आप सरलता से सांस ले सकते हैं इसी मुद्रा में रहें। फिर सांस छोड़ते हुए पहले ठोड़ी और घुटनों को भूमि पर टिकाएं। फिर पैरों को लंबा करते हुए पुन: मकरासन की स्थिति में लौट आएं।
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चक्की चलनासन-
इस आसन से वजन को जल्द ही कम किया जा सकता है। यह आसन पेट के आस-पास के हिस्सों में जमा चर्बी को दूर करने में काफी कारगर है। इस आसन में आप जमीन पर आराम से बैठ जाएं। इस दौरान अपने पैरों को सामने की ओर से फैलाएं। दोनों पैर आपस में सटे रहें। इसके बाद अपने दोनों हाथों को मिलाकर पकड़ लें और अब इन्हें घुटनों के ऊपर जैसे चक्की चलाते हैं वैसे ही क्लॉक वाइस तो कभी एंटी क्लॉक वाइस घुमाएं। इससे पेट पर जोर पड़ेगा और अतिरिक्त चर्बी खत्म हो जाएगी।
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भुजंगआसन-
दरअसल यह आसन करने वाले के शरीर का आकार एक सर्प की तरह हो जाता है। इसलिए इसे सर्पासन और भुजंगासन भी कहते हैं। इस आसन को करने से न सिर्फ चर्बी घटती है बल्कि रीढ़ की हड्डी को भी मजबूती मिलती है। इस आसन से खासकर फेफड़ों की बीमारियों में आराम मिलता है। साथ ही यह चर्बी को कम करने में भी बेहद कारगर सिद्ध होता है। इससे मस्तिष्क के निकलने वाले ज्ञानतंतु बलवान बनते हैं। इस आसन में पेट के बल पर जमीन पर लेट जाएं। फिर धीरे-धीरे हाथ को कोहनियों से मोड़ते हुए आगे लाएं और हथेलियों को बाजुओं के नीचे रख दें। नाक को हल्का सा भूमि पर स्पर्श करते हुए सिर को आकाश की ओर उठाएं। फिर हथेलियों के बल पर छाती और सिर को जितना पीछे ले जा सकते हैं ले जाएं किंतु नाभि भूमि से लगी रहे। कुछ समय तक इसी आसन की स्थिति में रहें। बाद में श्वांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे सिर को नीचे लाकर माथा भूमि पर रखें। छाती भी भूमि पर रखें। बाद में ठोड़ी को भूमि पर रखें और हाथों को पीछे ले जाकर ढीला छोड़ दें। इस आसन को करने की संख्या धीरे-धीरे बढ़ानी चाहिए।
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वजन बढ़ाने वाले आसन-
सर्वांगासन-
योग के कुछ आसन अधिक चर्बी को घटाने का काम करते हुए शरीर को संतुलित बनाते हैं। वहीं, कुछ आसन कम वजन को बढ़ाने का भी काम करते हैं। इसमें सर्वांगासन का अहम रोल है। इसके लिए व्यक्ति को जमीन पर लेटकर अपने पैरों को ऊपर की ओर उठाना होता है। आपका बाकी शरीर, कमर और गर्दन सभी नीचे की ओर होंगे सिर्फ आपके पैर हवा में रहेंगे।
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शवासन-
शवासन शरीर को आराम पहुंचाता है। यह आसन करना बेहद ही आसान है। इस आसन से वजन को बढ़ाने में मदद मिलती है। इस आसन को करने के लिए जमीन पर लेटना होता है। पीठ को जमीन से सटाते हुए पेट को ऊपर की ओर रखना होता है। इसके बाद आप आंखें बंद कर लें और अपने हाथ-पैरों को ढीला छोड़ दें। आप चाहें तो आधे घंटे तक भी इस आसन को कर सकते हैं, लेकिन इसमें सोना नहीं होता है। इससे शरीर अपनी ऊर्जा को सभी भागों पर समान रूप से प्रवाहित करता है।
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अक्सर लोग वजन घटाने व बढ़ाने के लिए दवाइयों व अन्य बोझिल कसरतों का सहारा लेते हैं। वहीं कई बार तो लोग वजन घटाने के लिए कई दिनों तक भूखे रहते हैं, तो वहीं वजन बढ़ाने के लिए शरीर की आवश्यकता से अधिक भोजन ग्रहण कर लेते हैं। शरीर के वजन को ठीक ढंग से बनाए रखने का सरल उपाय योग पद्धति है। योग पद्धति के माध्यम से ही शरीर को बीमारियों से मुक्त रखा जा सकता है। योग के आसनों को करने से पहले लोगों को पूरी जानकारी ग्रहण करना बेहद आवश्यक है। जिसके बाद ही आपको योग के आसनों को करना उचित रहता है। तभी यह आसन अपना पूर्ण लाभ आपको प्रदान कर सकेंगे।