हम में से अधिकतर लोग रोजाना ही शैम्पू का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या आप अपने शैम्पू के बारे में सारी जानकारी रखते हैं। अगर नहीं तो आज हम आपके लिए यह आर्टिकल लेकर आएं हैं जिसकी मदद से आप अपने शैम्पू के बारे में काफी कुछ जान पाएंगे। शैम्पू में कई तरह के जहरीले पदार्थ होते हैं जो कैंसर, लिवर और मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियां फैलाते हैं। जी हां इन बीमारियों में आपके शैम्पू का भी काफी अहम योगदान होता है। यही मुख्य कारण है जिनसे लोगों को स्केल्प में खुजली और रूसी होती हैं। इन समस्याओं की कुछ सालों से काफी वृद्धि हुई है।
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यह हैं वह जहरीले पदार्थ जो 90 प्रतिशत शैम्पू में अक्सर पाया जाता है।
अमोनियम लॉरेथ सल्फेट
यह रसायन बबल बाथ और बरतन धोने वाले साबूनों में पाया जाता हैं।
इससे दिल से जुड़ी समस्या भी हो जाती है।
इससे जानवरों की आंखों की रोशनी जाने का खतरा होता हैं और वह दस्त से भी पीड़ित हो जाते हैं।
इससे हमारी त्वचा को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं।
यह उन उत्पादों में अधिक पाया जाता हैं जिनमें नारियल तेल होने का दावा किया जाता हैं।
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कोकामाइड
यह रसायन अधिकतर कॉस्मेटिक उत्पादों में इस्तेमाल किया जाता हैं।
इस रसायन से त्वचा और फेफड़ों में कई तरह के प्रभाव पड़ते हैं।
इसमें निट्रोसेमिनिस होता हैं, जोकि कैंसर को बढ़ावा देता है।
अगर आपके शैम्पू में डीईए, एमईए, एमआईपीए शामिल हैं तो ध्यान रहें कि उसमें विटामिन ए और सी के गुण भी पाए जाने चाहिए।
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डिमेंथीकोन
यह आपकी त्वचा को कंडीशनिंग करने का काम करती हैं।
सिलिकॉन त्वचा में परत बनाती हैं और हवा की आपूर्ति को एकदम बंद कर देती हैं।
यह त्वचा के अंगों में जम जाता है।
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खुशबू
आपके शैम्पू से खुशबू आने का कारण उसमें डले हुए खुशबू के कारण आती हैं।
इससे आपके शरीर पर सिर दर्द, रेशेज, चक्कर और त्वचा के रंग बदलने जैसे प्रभाव पड़ते हैं।
इसमें न्यूरोटोक्सिन के तत्व भी पाए जाते हैं।
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इमडाजोलिडिनयल यूरिया और डीएमडीएछ हिडेंनटोइन
पैराबिन्स के संरक्षण में इस्तेमाल किया जाता है।
इससे सूजन भी होती है।
इसमें फॉर्मलडीहेड होता हैं जोकि कैंसर का कारण बनता हैं।
क्रोनिक थकान और सिर दर्द जैसे लक्षण।
इन रसायनों से निकलने वाले भाप से आंखों, नाक और गले में जलन होती है।
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सोडियम लॉयरल सल्फेट और सोडियम लॉरेथ सल्फेट
इसमें झाग काफी अधिक होता है।
यह अपथोस अल्सर के नाम से जाना जाता हैं, इसे नासूर और सफेद घावों के नाम से भी जाना जाता हैं।
इसके इस्तेमाल से सर से बाल झड़ने लगते हैं और बालों की जड़ों में होने वाला ऑयल खत्म हो जाते हैं।
इससे पीएमएस और रजोनिवृति नाम की परेशानियों से छुटकारा मिलता हैं।
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येलो 5
यह एक तारकोल व्युत्पनन है।
यह जानवरों में कैंसर पैदा करने का कारण होता हैं।
इसमें एलर्जी, दमा, सिर दर्द और घबराहट जैसी परेशानियां पैदा होती हैं।
इसमें तारकोल होने के कारण सुर्य के प्रकाश में हमें काफी परेशानियां हो सकती हैं।
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इस आर्टिकल का उद्देश्य आप सबको डराने या गलत प्रभाव डालने पर बिल्कुल नहीं है। इस आर्टिकल का मुख्य उद्देश्य है लोगों को कुछ उत्पादों के रसायनों के बारे में जागरूक करने से है। इनसे बचने के लिए आप कुछ प्राकृतिक और हर्बल उत्पादों का इस्तेमाल कर सकते हैं। मार्केट में ऐसे कई उत्पाद हैं जोकि स्वस्थ और सुरक्षित कार्बनिक सामग्री से बने हैं, उनका इस्तेमाल कर आप अपने बालों की बेहतर केयर कर सकती हैं।