अक्सर क्लास में पीछे बैठने वाले स्टूडेंट को शिक्षक और माता पिता पढ़ाई में कमजोर समझ लेते हैं, लेकिन ये मस्तमौला स्टूडेंट पीछे बैठने के बाद भी क्लास के सेंटर ऑफ एट्रेक्शन बने रहते हैं। पीछे बैठने वालों में केवल लड़के ही नहीं होते, इस लिस्ट में लड़कियों का नाम भी आगे है।
पीछे बैठने के कई फायदे छात्रों को नजर आते हैं। कोई डर नहीं रहता और शैतानियां भी आसानी से जमकर की जा सकती हैं। पीछे बैठने वाले छात्रों को एवरेज स्टूडेंट समझना गलत है। ये स्टूडेंट भले ही क्लास में पीछे बैठने वाले क्यों न हो लेकिन पढ़ाई में ये भी अच्छा ही स्कोर करते हैं। असल में इन्हीं के द्वारा स्कूल या कॉलेज लाइफ को सही मायने में जिया जाता है। यही वो स्टूडेंट हैं जो अपने हर पल को जीते हैं। आज हम इन्हीं की खूबियों के बारे में जानते हैं।
क्लास में हमेशा लेट आना-
क्लास में पीछे बैठने वाले स्टूडेंट अधिकतर क्लास में लेट ही पहुंचते हैं। अक्सर ये स्टूडेंट क्लास में हीरो की तरह एंट्री करते हैं। जैसे ही क्लास शुरू होने वाली होती है तभी कोई दौड़ता हुआ क्लास में आता है तो समझ जाना चाहिए कि यही क्लास का बैक बेंचर्स है। ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि उन्हें पता हो कि लेट एंट्री पर ही उन्हें उनके पसंदीदा सीट पर बैठने का मौका मिलेगा।
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नोटबुक और पेन कभी न लाना-
पीछे बैठने वाले स्टूडेंट अक्सर नोटबुक और पेन लाते ही नहीं। नोटबुक और पेन न लाने के बाद ये स्टूडेंट हमेशा आस-पास के दोस्तों से पेन और पेपर लेने लग जाते हैं। यही उनके फ्रैंडली व्यवहार को दर्शाता है।
ऊटपटांग सवालों से प्रोफेसर और क्लास को डिस्टर्ब करना-
ये स्टूडेंट क्लास में ऐसे ऊटपटांग सवाल पूछते हैं जिससे पूरी क्लास हंसने लगती हैं। वहीं, प्रोफेसर और टीचर इन पर गुस्सा हो जाते हैं। यही ऊटपटांग हरकतें इन्हें क्लास का सुपर कूल स्टूडेंट भी बनाती हैं।
हमेशा अपनी डेस्क को सजाना-
ये स्टूडेंट्स क्लास के दौरान अपनी डेस्क पर ही कुछ न कुछ करते रहते हैं ताकि टीचर समझें कि स्टूडेंट अच्छे से नोट्स तैयार कर रहा है, परन्तु ये तो अपनी डेस्क पर डिजाइन तो अभी अपने दोस्तों के नाम लिखने में ही पूरा समय निकाल देते हैं।
पीछे बैठकर बोरिंग लेक्चर में सो जाना-
बैक बेंचर होने का यह भी लाभ होता है कि पीछे बैठकर क्लास में लेक्चर के दौरान सोने पर किसी का डर भी नहीं रहता। ये बैक बेंचर बोरिंग लेक्चर पर क्लास के बाहर नहीं जाते बल्कि वहीं पीछे छुपकर सो जाते हैं।
पूरी क्लास को डिस्टर्ब करना-
ये स्टूडेंट अपने स्वभाव के मुताबिक क्लास के पीछे बैठकर इतनी बातें करते हैं कि वो हमेशा पूरी क्लास को डिस्टर्ब करते हैं। पीछे बैठकर ये हमेशा अपने दोस्तों के साथ जोक्स करते रहते हैं।
मोबाइल पर करते हैं चैट-
पीछे बैठने वाले स्टूडेंट पीछे बैठने के कारण असानी से अपना मोबाइल यूज करते हैं। पीछे बैठने के बाद लेक्चर के समय अपने दोस्तों से चैट करने में कुछ अलग ही मजा आता है।
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नोट्स को कहते हैं ना-
ये स्टूडेंट क्लास में पढ़ाए जाने वाले टॉपिक्स को ज्यादा सीरियस नहीं लेते। यही कारण है कि यह अपने नोट्स को तैयार करने में लापरवाही वाला रवैया अपनाते हैं और अपने नोट्स तैयार करने से बचते हैं।
क्लास खाली होने पर भी पीछे ही बैठना-
अगर कभी गलती से क्लास में जल्दी आ गए तो भी ये स्टूडेंट पीछे वाली ही डेस्क पर बैठना पसंद करते हैं। चाहे क्लास में कम ही स्टूडेंट क्यों न हों, यह हमेशा पीछे ही की डेस्क को चुनते हैं।
सभी एसाइनमेंट को करते हैं पूरा-
इन स्टूडेंट में लाख बुराइयां क्यों न हों, इनमें कुछ खूबियां भी होती हैं। ये स्टूडेंट क्लास में चाहे कितने कैजुअल एटिट्यूड में रहें पर एसाइनमेंट को निश्चित तारीख तक पूरा कर ही देते हैं।