दिल्ली एनसीआर में सांस लेना आपको बना सकता है अस्थमा रोगी, रहें सावधान

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महज कुछ महीने पहले सर्दियों के दौरान दिल्ली एनसीआर में आपात्कालिन घोषणा जारी की गई थी कि दिल्ली की हवा सांस लेने योग्य नही रही है। इस स्थिति की वजह दिल्ली एनसीआर के आस पास के राज्यों में किसानों द्वारा जलाई गई पराली के धुंए को बताया गया था। हालांकि कुछ दिनों बाद हालात स्थिर हो गए थे। मगर अब एक बार फिर से दिल्ली एनसीआर की हवा की गुणवत्ता में भारी गिरावट आई है। पिछले कुछ दिनों में दिल्ली व उसके आस पास के क्षेत्रों में धुल के बादल छा रखे हैं। हवा में धुल की अधिकता इस कदर है कि सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। दिल्ली के कुछ स्थानों पर हवा के इस प्रदूषण का स्तर इतना अधिक है कि वहां प्रदूषण मापने वाली उपकरण भी फेल हो गए है। आपको बता दें कि दिल्ली में हालही का इंडेक्स 431 दर्ज हुआ है।

दिल्ली एनसीआर में गिरा हवा का स्तर

दिल्ली एनसीआर में गिरा हवा का स्तर

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मौसम विभाग के मुताबिक आगे आने वाले कुछ दिनों में पीएम का स्तर 10 तक पहुंच जाएगा, यानि खत्तरे के स्तर पर। अगर एनसीआर की बात की जाए तो इनमे सबसे अधिक प्रदूषण ग्रेटर नोएडा में है। यहां का एयर इंडेक्स 500 पाया गया, वहीं गुरुग्राम में यह आंकड़ा 485, नोएडा में 390, गाजियाबाद का 384 और फरीदाबाद का 317 रहा।

दिल्ली व एनसीआर में कंस्ट्रक्शन पर रोक

दिल्ली व एनसीआर में कंस्ट्रक्शन पर रोक

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हवा में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए अब 17 जून तक दिल्ली में हर तरह के कंस्ट्रक्शन वर्क को रोक दिया गया है। नगर निगम और पीडब्ल्यूडी द्वारा अब सड़कों की सफाई का कार्य भी मशीनो से करवाएंगे। शहर की मुख्य सड़को पर झाड़ू नही लगाई जाएगी। नोएडा और गाजियाबाद इत्यादि में यही आदेश दिए गए है।

डाक्टर्स ने जारी की चेतावनी

डाक्टर्स ने जारी की चेतावनी

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इस बारे में डाक्टर्स का मानना है कि इस समय दिल्ली की हवा में धुल के कणों की अधिकता इतनी ज्यादा कि अगर कोई व्यकित लगातार 5 घंटे इस हवा में सांस लेता है तो उसमे अस्थमा के लक्षण नजर पड़ने लगेंगे।

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