ऐसा अक्सर होता है कि हम प्लास्टिक की पुरानी बोतलों का इस्तेमाल फ्रिज में ठंडा पानी रखने के लिए करने लगते हैं। हमारे फ्रिज में अधिकतर सॉफ्ट ड्रिंक की बोतलों में ही ठंडा पानी रखा जाता है। कभी कभी तो हम इन सॉफ्ट ड्रिंक्स की बोतलों में पानी भर अपने स्कूल या फिर कॉलेज भी लेकर चले जाते हैं। ऐसा अक्सर देखा जाता है कि पेप्सी की बोतल को महीनों इस्तेमाल किया जाता है, फिर जब वह बोतल खराब हो जाती है तो हम एक नई बोतल खरीद कर लें आते हैं। हालांकि सॉफ्ट ड्रिंक की बोतल में ऐसा लिखा रहता है कि उन्हें इस्तेमाल करने के बाद क्रश करके फेंक दें, लेकिन हर किसी को यह बेकार बातें लगती हैं।
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कैसे जानें कि बोतल का इस्तेमाल फिर किया जा सकता है या नहीं?
यह जानना कि आप बोतल का इस्तेमाल फिर कर सकते हैं या नहीं, बहुत आसान है। क्या आपने कभी बोतल के नीचे बने त्रिकोण में लिखे नंबरों पर ध्यान दिया है?
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यह त्रिकोण चिन्ह रीसाइक्लिंग के सार्वभौमिक प्रतीक होते हैं और इसे आरआईसी यानी रेसिन आईडेंटिफिकेशन कोड के नाम से जाना जाता है। इस त्रिकोण में 1 से 7 में से कोई एक रेंज लिखी रहती है। इन नंबरों से हमें यह पता चलता है कि यह बोतल पानी रखने के योग्य है या नहीं।
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आपके लिए यह बात जाननी काफी जरूरी है कि विभिन्न प्रकार की बोतलों को किस तरह और कितने समय के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
प्लास्टिक के प्रकार और उनके उपयोग
नंबर 1 पीईटी या पॉलीथीन टेरिफ्थेलैट-
इस तरह की प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल पेय पदार्थों की बोतलों के लिए काफी होता है। यह असुरक्षित होता है और खतरनाक बैक्टीरिया व अन्य हानिकारक अवशिष्ट पदार्थों को इकट्ठा करता है। इसका मतलब यह है कि आप इन बोतलों को ज्यादा समय के लिए इस्तेमाल ना करें। ज्यादा समय के लिए इन बोतलों का इस्तेमाल करने से इनका प्लास्टिक विषाक्त बनाना शुरू कर देता है। यह बोतल रिसाइकिल किए जा सकते हैं, लेकिन इन्हें ज्यादा समय तक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
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नंबर 2 एचडीपीई या उच्च घनत्व पॉलीथीन-
यह प्लास्टिक आमतौर पर मोटा और अपारदर्शी प्रकार का होता है। अगर आपको याद हो तो आप जिस कप में दूध पीते थे वह भी अपारदर्शी और रंग से सफेद होता था। वह प्लास्टिक का कप एचडीपीई प्लास्टिक से ही बनाया जाता है। इस तरह के प्लास्टिक सुरक्षित रहते हैं और इसमें लीकिंग का जोखिम भी कम रहता है।
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नंबर 3 पीवीसी या पॉलीविनयल क्लोराइड
इस तरह के प्लास्टिक का इस्तेमाल पीवीसी पाइप, तार और ट्यूब बनाने में किया जा सकता है। पीवीसी का इस्तेमाल ज्यादातर पाइपलाइन से जुड़े कामों में किया जाता है। पीवीसी गर्मी और बिजली का बैड कंडक्टर है, जिस वजह से यह कठोर होता है। यह कई तरह की गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है। कभी भी किसी प्लास्टिक में खाना ना पकाएं। इसके अलावा माइक्रोवेव में भी इसका इस्तेमाल ना करें।
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नंबर 4 एलडीपीई या कम घनत्व पॉलीथीन
इस प्लास्टिक का इस्तेमाल सबसे अधिक होता है। किराने की दुकान में मिलने वाली पॉलीथीन बैग, जिसमें आप ब्रेड, खाद्य पदार्थ खरीदते हैं इस प्लास्टिक को स्टोर कर रखा जा सकता है, लेकिन इसे रिसाइकिल नहीं किया जा सकता है।
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नंबर 5 पीपी या पॉलीप्रोपलेन
इस तरह के कंटेनर ज्यादातर क्लाउडी फिनिश और चौड़े मुंह के बने होते हैं। दही, पानी की बोतलें, केचअप की बोतलें और दवा के कंटेनर पीपी प्लास्टिक के ही बने रहते हैं। यह लंबे समय के लिए स्टोर किये जा सकते हैं और रीसाइक्लिंग के लिए भी बहुत सुरक्षित होते हैं।
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नंबर 6 पीएस या पोलीथीन या स्टायरोफोम
इस तरह के प्लास्टिक डिस्पोजेबल स्टायरोफोम कप प्लेट बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। यह प्लास्टिक काफी अधिक टॉक्सिक निकालता है, खासकर जब इसे जलाया जाए तो यह काफी विषाक्त पदार्थ निकालता है। यह पर्यावरण के लिए भी काफी हानिकारक होता है और इसे रिसाइकिल नहीं किया जा सकता है।
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नंबर 7 अन्य प्रकार
प्लास्टिक का इस्तेमाल काफी सावधानी से करना चाहिए। इनका इस्तेमाल करना यानी कि जोखिम को बुलाना। इनमें पॉलीकारबोनेट निकलते हैं, जो अत्यंत विषैले होते हैं। तो आज से प्लास्टिक की बोतलें खरीदने से पहले नीचे अवश्य देख लें।