हमारी त्वचा शरीर का वह सबसे बड़ा तंत्र है जिसका संपर्क सीधे बाहरी वातावरण से पड़ता है। जो अति सवेंदनशील होने के कारण दूसरे किसी रोगी व्यक्ति के सम्पर्क में आते ही प्रभावित हो जाती है। वैसे त्वचा के रोग अनेक कारणों से हो सकते है। जिसमें से कुछ को हम बता रहें हैं।
जन्मजात लक्षण – यह रोग जन्म से होते है। जिनका प्रमुख कारण त्वचा का कुविकास होता है।
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भौतिक कारण – किसी वस्तु का त्वचा पर दबाब पड़ने से, रंग, गर्मी व सर्दी से भी त्वचा पतली हो जाती है और रोग को शिकार बन जाती है।
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रासायनिक कारण – शहरो पर बढ़ते प्रदूषण या फिर उन जगहों पर कार्य करते समय उड़ता धुआं या रासायनिक चीजों के संपर्क में रहने से भी त्वचीय रोग हो सकते है।
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अस्वच्छता एवं संक्रमण से – हमारे यहां ज्यादातर रोग अस्वच्छता के कारण ही होते हैं। शरीर की पूर्ण सफाई ना होना और रोगी पशुओं के संपर्क में रहने से इस प्रकार के रोग होते है, जिसे हम छूत रोग भी कहते है। हमारी त्वचा पर यह लाल या हल्के ब्राउन रंग का गोल आकार का जो धब्बा दिखाई देता है, जिसे हम दाद कहते हैं। यह त्वचा पर लाल रंग का संक्रमण होता है। यह बच्चों और बड़ों दोनों में एक समान संक्रमण के फैलने से होता है। ज्यादातर यह सर, पैर, गर्दन में होता है। इसका इलाज कई प्रकार के घरेलु उपचार से किया जा सकता हैं।
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दाद के लिए उपचार
दाद से निजात पाने के लिए आप दाद के स्थान पर एंटी-फंगल क्रीम, जिसमें क्लॉटीमैजोल या माइकोनैजोल हो, उसे लगाए जिससे आपको आराम मिलेगा। यह दवाएं किसी भी दवा की दुकान के काउंटर पर आसानी से मिल सकती हैं। इसके अलावा आप गोली वगैरह भी ले सकते है। लेकिन इस प्रकार की दवाएं सभी लोगांे के लिए उचित नही होती हैं। खासकर गर्भवती महिलाओं एवं छोटे बच्चों के लिए अगर इसे लगाने से फायदा नहीं हो रहा हो तो डॉक्टर से अवश्य परामर्श लें।
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सावधानी
हालांकि दाद एक गंभीर बीमारी नही है, फिर भी इससे बचने के लिए हमेशा अपने शरीर को साफ़ रखें। शरीर को गिला न रखें। हमेशा सुखा रखने की कोशिश करें। एंटी फंगल या मेडिकैटेट साबुन का प्रयोग करें। शैम्पू का रोज़ाना इस्तेमाल करें। जहां तक हो सके कॉटन के कपडे़ पहने। ज्यादा चुस्त कपडे़ पहनने से परहेज करें। दूसरों के कपडे़ ,तोलिया, बेड शीट, ब्रश का उपयोग ना करें।