एक महिला के लिए अपने बच्चे को ब्रेस्ट फीड करवाना उसके जीवन के सबसे सुखद एहसासो में से एक होता है। डिलीवरी के बाद मां का दूध पीना जितना जरुरी बच्चे के लिए होता है उतना ही मां के लिए भी रहता है। इस बात को तो सब जानते ही हैं कि किसी भी बच्चे के सम्पूर्ण विकास के लिए स्तनपान करना कितना आवश्यक होता है। स्तनपान से नवजात को उसके शुरुआती जीवन के 6 महीने के पोषक तत्व मिल जाते है। यही कारण है कि डाक्टरों द्वारा सलाह दी जाती है कि बच्चे को जन्म के 6 महीने बाद तक केवल मां का ही दूध पिलाना चाहिए। इससे बच्चे को तो पोषण मिलता ही, साथ ही इससे स्तनपान करा रही मां को भी बहुत से फायदे मिलते है। चलिए जानते है इन फायदों के बारे में।
1- स्तनपान को लेकर हुए एक शोध में बताया गया है कि इससे बच्चा स्टमक इंफेक्शन, श्वसन संबंधी परेशानी और अन्य कई तरह के संक्रमण से बचा रहता है। कई बार देखने में आता है नवजात बच्चों में डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं आ जाती है ऐसे मां का दुध बच्चे को इन सब बीमारियों से बच्चे की रक्षा करता है।
Image source:
2- मां का दूध बच्चे को एक सुरक्षा कवच प्रदान करता है। जिससे वह किसी भी तरह की एलर्जी इत्यादि से बचे रहते है। कई शोधों में यह देखा गया है कि जो बच्चे मां के दूध के स्थान पर गाय या सोया दूध पीते है वह एलर्जी व सक्रमण इत्यादि के जल्दी शिकार होते है। इस कारण यह रहता है कि उन्हें पर्याप्त मात्रा में पोषण तत्व नही मिले होते, जिस वजह से उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर रहती है।
3- स्तनपान से बच्चों की न सिर्फ प्रतिरक्षा प्रणाली बेहतर बनती है बल्कि उनकी बौद्धिक क्षमता भी बढ़ती है। इस बात को साबित करने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा 17000 नवजात बच्चों पर एक सर्वे किया गया। इसके तहत इन बच्चों पर नवजात से लेकर इनकी उम्र के 6 साल तक इनका अध्ययन किया गया। जिसमे पाया गया कि स्तनपान करने वाले बच्चों की बौद्धिक क्षमता दूसरो की तुलना में ज्यादा थी।
Image source:
4- इसका एक सबसे बड़ा फायदा यह भी है कि जो बच्चें बचपन में एक सही समय तक मां का दुध पीते है, उनको युवा अवस्था में मोटापे की ज्यादा परेशानी नही आती। इस तथ्य को प्रमाण देने के लेकर इस पर भी एक स्टडिज की गई है जिसमे साबित हुआ है कि जो बच्चे लंबे समय मां का दूध पीते उनमे मोटापे की परेशानी पैदा होने के चांस बहुत कम होते है।
5- स्तनपान सिर्फ बच्चे के लिए ही फायदेमंद नही होता बल्कि इसका फायदा मां को भी मिलता है। इससे उनका मानसिक तनाव कम होता है। स्टडीज में सामने आया है कि महिलाएं समय से पहले दूध पीलाना बंद कर देती है, वह डिप्रेशन का जल्दी शिकार होती है। दरअसल ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान महिलाओं के शरीर से ऑक्सीटोसिन हार्मोन बाहर निकल जाते है जिससे वह शारीरिक और मानसिक रुप से रिलैक्स हो जाती है।
Image source:
6- ब्रेस्ट फीडिंग का जो एक सबसे बड़ा फायदा महिलाओं को मिलता है वह कैंसर का खतरा कम होने का। एक शोध के परिणामों के मुताबिक ब्रेस्ट फीडिंग करवाने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा काफी कम हो जात है। इसके अलावा इससे ओवरियन कैंसर की संभावना भी बहुत कम हो जाती है।