अक्सर आपने लोगों से ये कहते जरूर सुना होगा, कि दिल क्या कोई खिलौना है जो टूट जायेगा। पर ये बात सच है और इस बात को विज्ञान भी मानता है कि थोड़ी सी चोट लगने पर आपका दिल टूट भी सकता है। चिकित्सकीय भाषा में इस घटना को ‘ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम’ कहते है। तो चलिये आज हम आपको बताते है कि ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम क्या है जाने इसके होने के कारण..
क्या है ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम –
मेडिकल साइंस के अनुसार दिल का यह टूटना किसी ठोस चीज के टूटने जैसा नही होता है यहां दिल के टूटने का आशय अचानक हृदय के बाएं हिस्से की मांसपेशियों का कुछ देर के लिए शिथिल होकर रूक जाना होता है। जो बढ़कर हृदयाघात का रूप ले लेता है। आज के समय में देखा जाये तो इसके असर से दुनियाभर के कई लोग जूझ रहे है। हमारे देश में ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के काफी कैसेज देखने को मिल रहे है।
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम एक ऐसी घातक बीमारी होती है जो ज्यादा खुशी या ज्यादा गम होने से हो सकती है। इस बीमारी में किसी चीज से आघात होने पर या फिर अचानक शुभ समाचार मिलने पर हारमोन्स इतने तेजी से बढ़ते है जिससे मांसपेशियों में शिथिलता आ जाती है, जिससे इसकी पम्पिंग क्षमता कम हो जाती है।जो बाद में इस घातक बीमारी का कारण बन जाती है।
क्यों होता है ब्रोकन हार्ट –
ज्यादा तनाव, हेड इंजरी या सीजर डिसॉर्डर (मिर्गी) से पीड़ित लोग, घर में किसी प्रियजन की मुत्यु हो जाना या फिर ब्रेकअप जैसी स्थिति में स्ट्रेस हार्मोन्स का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है जिससे हार्ट में लेफ्ट भाग की मांसपेशियां अस्थायी रूप से कमजोर होकर शिथिल हो जाती हैं, उनमें संकुचनशीलता इतनी कम हो जाती है।जिससे ब्लड वेसेल्स में अस्थायी सिकुडन से हृद्य तक ऑक्सीजन सही मात्रा में नहीं पहुंच पाता। इस वजह से व्यक्ति के सीनें में तेजी से दर्द बढ़ने लगता है उस समय की स्थिति हार्ट अटैक के समान हो जाती है।
लक्षण –
ब्लड प्रेशर का लो होना, सांस फूलना, बैचेनी के साथ पसीना आना, छाती में दर्द, चक्कर आना, जी घबराना, धड़कन का अनियमित होना ऐसे लक्षण दिखते ही आपको तुंरत डॉक्टरी सलाह लेंनी चाहिये।
महिलाएं ज्यादा गुजरती है इस बीमारी से –
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम ये घातक बीमारी पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है। और ये बीमारी 50 वर्ष की आयु से अधिक की महिलाओं में देखने को मिलती है। ऐसा माना जाता है कि ये महिलाओं में इस बीमारी के ज्यादा होने का कारण यह पाया गया है, कि पुरूषों की तुलना में महिलाओं में मेन्टल स्ट्रेस एस्ट्रोजन हर्मोन्स (कैटेकोलामीन एवं ग्लुकोकोर्टिकोइड) अधिक रिलीज होता है। जो कि ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम को जन्म देने का कारण बनते हैं।
हार्ट अटैक और ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम में फर्क –
हार्ट अटैक में ब्लड वेसल्स में ब्लॉकेज होने के खतरे ज्यादा पाये जाते है लेकिन ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम में किसी तरह का कोई ब्लॉकेज नहीं पाया जाता। उपचार के लिए समय पर इसके लक्षणों को पहचान कर कुछ तरह की कार्डियक दवाओं के जरिये इसका उपचार तुंरत किया जा सकता है।
मौत भी हो सकती है –
यदि आप ज्यादा समय तक किसी बात को लेकर तनाव में रहेगे तो उस दौरान इस बीमारी के चांस उतने ही ज्यादा बढ़ जाते हैं जिसका इलाज भी आसान नहीं है। एक रिसर्च के मुताबिक इस बीमारी के कारण लोगों की मौत होने की बड़ी वजह मांसपेशियों के कमजोर होर शिथिल हो जाना पाया गया है।
हैप्पी हार्ट सिंड्रोम –
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम नामक इस बीमारी की खास वजह कोई बड़ा दुख हो ये जरूर नही है ये बीमारी अचानक मिलने वाली किसी खुशी की वजह से भी हो सकती है। अगर किसी इंसान को अचानक से ऐसी खुशी की बात मालूम चल जाएं, जिसकी उसे उम्मीद ना हो, ऐसी अवस्था में भी हमारे शरीर में उत्तेजित करने वाले स्ट्रेस हार्मोन का स्तर अचानक से बढ़ने लगता है जिससे हृदय का एक हिस्सा एकदम से काम करना बंद कर देता है,और उस दैरान होने वाली बीमारी “हैप्पी हार्ट सिंड्रोम” के नाम से जानी जाती है।