हमारे देश में हिचकी को लेकर काफी अजीबो गरीब बाते कही जाती हैं, लोगों का मानना है कि हिचकी आने का मतलब है कि कोई हमें याद कर रहा है, और मन में उस व्यक्ति का नाम याद करने से हिचकी रुक जाती है। बहराल मन बहलाने के लिए यह बाते काफी अच्छी हैं, लेकिन विज्ञान हिचकी के बारे में कुछ और ही कहता है।
विज्ञान का कहना है कि जब छाती और पेट के बीच की मांसपेशी सिकुड़ने लग जाती है, तो हमारे फेफड़े काफी तेजी से हवा खींचने लगते हैं और सांस लेने में काफी दिक्कत होने लगती है, जिस कारण हिचकियां शुरू हो जाती है।
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हिचकी आने के पीछे क्या होते हैं कारण
हिचकी आने के पीछे ऐसे तो कई कारण है, लेकिन उनमें से कुछ खास कारण यह है। जैसे कि ज्यादा खाना खाने या एल्कोहल का सेवन करने से, जोर से हंसने, तनाव, खून की कमी, दवाइयों का दुष्प्रभाव, मसालेदार भोजन का सेवन, धुएं के कारण आदि हिचकी आने के पीछे के खास कारण हैं।
हिचकी रोकने के उपाय
- हिचकी आने के पर आप मंुह में चीनी डाल लें। ऐसा करने से हिचकी बंद हो जाएगी।
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- अध्ययनों के मुताबिक ध्यान को किसी दूसरी जगह या किसी और बात पर लगाने से भी हिचकी बंद हो जाती है। अपना ध्यान भटकाने के लिए आप 100 से 1 तक की उल्टी गिनती गिनना शुरू कर दें।
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- इसके अलावा आप अपनी जीभ को मुंह से बाहर निकाल लें, ऐसा करने से गले का वह भाग खुल जाएगा और हिचकी रूक जाएगी।
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- इस दौरान गहरी लंबी सांसे लें। सांस को कुछ सेकंड के लिए रोक कर रखें। ऐसा करने से हिचकी बंद हो जाएगी।
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- हिचकी आने पर एकदम से पानी पी लें। इसके अलावा नींबू भी हिचकी को रोकने में मददगार माना गया है। आप नींबू के साथ ही एक चम्मच में शहद मिला लें।
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- सिरके के स्वाद से भी आपको हिचकी से छुटकारा मिल जाएगा, इसके लिए आपको सिर्फ एक चम्मच सिरके का सेवन करना होगा।
- इसके अलावा आप कालीमिर्च और चीनी के उपचार से भी हिचकी से निजात पा सकते हैं। इसके लिए 3 कालीमिर्च को चीनी के साथ मिलाकर चबाएं। कालीमिर्च का रस हिचकी से आसानी से निजात दिलाता है।