आपने अक्सर सुना होगा कि दो या ढाई साल के बच्चे रात को सोते समय बिस्तर में टॉयलेट करते है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनमें उस समय ज्यादा अक्ल नहीं होती। ऐसे ही अगर आपका चार-पांच साल का बच्चा भी ऐसा कर रहा हैं, तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन अगर ऐसा आपका छह साल का बच्चा करे तो तुरंत इसका इलाज करवाएं। अपने बच्चे को किसी एक्सपर्टस को जरूर दिखाएं। दरअसल इस आदत को नॉक्टनल एन्यूरेसिस बीमारी के नाम से जाना जाता है। इस बीमारी में बच्चे खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाते और बिस्तर गिला कर देते हैं। बच्चों को डांटने, फटकारने या बेइज्जत नहीं करना चाहिए। ऐसे में बच्चा काफी डर जाता है। यह उसके तनाव के लेवल को बढ़ाता है, जो बच्चे के विकास के लिए सही नहीं है।
Image Source: https://www.copiisimamici.ro/
यह बिमारी दो तरह की होती है
1 – अगर आपके बच्चे को जन्म से ही बिस्तर गिला करने की लत लगी हुई है, तो इसे मेडिकल भाषा में प्राइमरी एन्यूरेसिस कहा जाता है। यह समस्या अधिकतर बच्चों में ही देखने को मिलती है, तो इसके पीछे कोई खास कारण नहीं होता। यह समस्या काफी लंबे समय से चलती आ रही है। तो इसमें चिंता करने वाली कोई बात नहीं है।
Image Source: https://helenredfernbirthandbaby.files.wordpress.com/
2- अगर ब्लैडर पर नियंत्रण रखने के बाद भी बच्चा बिस्तर गिला कर रहा हैं तो इसे सेकेंडरी एन्यूरेसिस कहा जाता है। इसके पीछे कई सारे कारण है जैसे डायबिटीज, यूरेनरी इन्फेक्शन और न्यूरोलॉजिकल आदि। कई बार तो कमजोरी और तनाव के कारण भी ऐसा होता है।
Image Source: https://asociacionmenorah.org/
कैसे करें अपने बच्चे की मदद
सबसे पहले इस परेशानी के पीछे होने वाले शरारिक कारणों का पता लगाएं। जैसे कि संक्रमण और क्रॉनिक कॉन्स्टिपेशन। बच्चे का साथ दें, और उन्हें समझाए कि यह आम बात है। बच्चे को अलग अलग तरह के उदाहरण देकर इसके बारे में बेहतर तरीके से समझाएं। उसे बताएं कि इसका उसकी समझदारी से कोई वास्ता नहीं है।
Image Source: https://img.aws.livestrongcdn.com/
बच्चे के साथ आसान और प्रैक्टिकल स्ट्रेटेजी के बारे में बताएं। उन्हें सोने से पहले कम से कम पानी दें। कैफीन युक्त पीने के पदार्थों से अपने बच्चे को दूर रखें। सोने से पहले बच्चे को टॉयलेट जाने को कहें। उनके बिस्तर के पास एक नाइट लैम्प रखें ताकि अगर आपके बच्चे को टॉयलेट जाने में कोई परेशानी ना हो।