विविधताओं से भरा अपना विशाल देश भारत, खासकर गांवों का देश हैं, जो अभी विकास की दौर में काफी पिछड़ा हुआ हैं। पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए अभी भी ग्रामीण इंतजार में हैं। देश की मुख्य धारा से नहीं जुड़े हुए होने के कारण कई छोटे गांव में बाल विवाह देखने को मिलता हैं। यद्यपि इसमें धीरे-धीरे बदलाव आ रहा हैं। बच्चे के जन्म होते ही उनका विवाह तय कर दिया जाता था और चार से पांच साल की उम्र में ही उनको बाल विवाह की प्रथा से गुजरना पड़ता था। परन्तु, अब शादी के लिए निश्चित कानून बनाकर लड़के और लड़की की उम्र तय कर दी गई हैं, आज हम आपको इसी कुप्रथा से परिचित करने जा रहें हैं और आपको बताने जा रहें हैं कि कम उम्र में शादी करने के क्या-क्या नुकसान होते हैं……
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बाल विवाह के नुकसान-
1. वक्त से पहले जिम्मेदारी आने की वजह से वह उनका निर्वाह नहीं कर सकते हैं।
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2. कम उम्र में लड़के और लड़कियों के विवाह होने से समय से पहले ही उनके ऊपर परिवार की जिम्मेदारियां आ जाती हैं।
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3. छोटी उम्र में विवाह कर देने से लड़कों से ज्यादा लड़कियों को नुकसान होता हैं, क्योंकि वे रिश्तेदारों की खुशियां को पूरी करने और ससुराल के कामों को पूरा करने में पूरी जिंदगी बिता देती हैं, जिस वजह से वो बाहर की दुनिया को नहीं देख पाती।
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4. कम उम्र में शादी करने से बच्चों की एजुकेशन सही दिशा में नहीं जा पाती है। लड़कियां अक्सर अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देती है। पारिवारिक जिम्मेदारी होने से औरत और आदमी अपना पूरा ध्यान करियर या व्यवसाय पर नहीं लगा पाते हैं।
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