अगर आप भी रजाई में सर ढक कर सोते हैं तो हो सकता है बड़ा नुकसान

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बच्चे हो या फिर बड़े, हर इंसान की आदते अलग-अलग होती है जिसके अनुसार वो उसमें ढल जाता है इसी तरह से यदि सोने के विषय में बात की जाये। तो हर इंसान अपनी आदत एव अराम के अनुसार सोता है हर किसी के सोने की आदते अलग-अलग ही होती है। लेकिन क्‍या आप जानते है कि आपके सोने की कुछ आदते ऐसी होती है जो आपके ल‍िए खतरनाक भी साबित हो सकती है। जैसे कि हम में से ज्‍यादात्तर लोग सर्दियों में रजाई या कंबल को ओढ़कर सोना ज्यादा पसंद करते है। कुछ लोग  बाहर होने वाले शोर और लाइट से बचने के ल‍िए रजाई को पूरा ओढ़ना पसंद करते है। लेकिन इस तरह से सोने के तरीके से जो आपको नुकसान हो सकते है इसके बारें में हम अवगत करा रहे है।

आइए जानते है कि मुंह ढंककर सोने से क्‍या-क्‍या समस्‍याएं हो सकती है।

घुटन –

घुटन

सिर को ढंककर सोना उन लोगों को काफी आरामदायक लगता है जिन्हें ऐसे सोने की आदत हो चुकी होती है। क्योकि वो लेकिन सिर ढंकने के बाद सांस लेने के ल‍िए थोड़ी सी जगह छोड़ देते है जिससे ऑक्‍सीजन का प्रवाह बना रहता है। जिन लोगों को स्लीप एपनिया, अस्थमा, हृदय रोग और फेफड़ों से संबंधित कोई बीमारी है तो उन लोगों के लिये ढककर सोना जान लेवा हो सकता है। क्योकि इससे दम घुटने की समस्‍या तेजी के साथ बढ़ जाती है। इसके अलावा बंद कमरों में भी मुंह ढंककर सोने से सफोकेशन की समस्‍या होती है।

स्लीप एपनिया –

स्लीप एपनिया एक गंभीर नींद विकार है जिसमें सोते समय कुछ समय के श्वास नालिका में जाने वाले में मार्द में गति अवरोधक हो जाता है जिससे सांस लेने में समस्या पैदा हो सकती है जिससे दम घुटने जैसी स्थिति पैदा होने लगती है ये समस्या ज्यादा तर उन लोगों में देखने के मिलती है जिनका वजन समान्य से ज्यादा होता है या फिर जिन्हे श्वास नलिका से सबधित कोई बीमारी होची है। इसके अलावा जो लोग सिर ढक कर सोते है उनके लिये ये बीमारी तेजी से होती है। आपको सिर के ऊपर रजाई ढंककर नहीं सोना चाह‍िए। सिर ढंककर सोने से मुंह और नाक के माध्यम से हवा का प्रवाह प्रतिबंधित होता है और इस वजह से एपनिया की समस्‍या होती है।

ओवरहीटिंग सोने से –

सोते समय पूरे शरीर को ढंकने का मतलब है कि शरीर में अधिक गर्मी का उत्‍पन्‍न होना। यदि बाहर का तापमान अत्याधिक ठंडा है तो उस समय के लिये ये गर्मी ठीक है। लेकिन बाहर का तापमान गर्म होने के बाद भी आप पूरा ओढकर सोते है तो आपके कुछ स्थितियों में ये गर्मी शरीर के ल‍िए खतरनाक साबित हो सकती है।

थकावट भी हो सकती है –

मुंह ढंककर सोने से शरीर में ज्यादा गर्मी उत्पन्न होती है जिससे आपको सही तरह से तरीके नींद नही आती। नींद के पूरा ना होने से आपको सूजन, चक्‍कर आना, मांसपेशियों में ऐंठन जैसे अन्य प्रतिकूल प्रभाव भी हो सकते हैं और आप गर्मी की वजह से थकावट भी महसूस कर सकते हैं।

ब्रेन डैमेज का खतरा –

ब्रेन डैमेज का खतरा

किये गए शोध के अनुसार सिर ढंककर सोने से ब्रेन डैमेज की समस्‍या भी हो सकती है। क्योकि सोते समय सिर ढंकने से ऑक्‍सीजन की मात्रा में कमी आने लगती है जिससे अल्जाइमर और डिमेंशिया का खतरे बढ़ने की सम्‍भावना रहती है। ये दोनों स्थितियां मस्तिष्क (हाइपोक्सिया) को पर्याप्त ऑक्सीजन की कमी के कारण ही बनती हैं

अकस्‍मात् शिशु मुत्‍यु –

अकस्‍मात् शिशु मुत्‍यु

रिसर्च के अनुसार दो वर्ष से कम उम्र के बच्‍चें अकस्‍मात् शिशु मुत्‍यु का सबसे बड़ा कारण दम घुटने का कारण बनकर सामने आया है। कमरे में अधिक ध्रूमपान करने से या बच्‍चें को सुलाते समय उनके चेहरे को गर्म कपड़ें से ढंक जाने से उनकी मेटाबॉल‍िज्‍म रेट अचानक बढ़ जाती है और उनके श्‍वसन क्रिया से नियंत्रण हट जाता है। जिससे उनकी मौत हो जाती है।

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