टीनेज में डेटिंग के भी है कई नुकसान

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वर्तमान समय में खुले विचारों और लाइफ स्टाइल का प्रभाव बच्चों पर बहुत ज्यादा पड रहा है। जैसा की आप जानते हैं की किशोरों में समझ और परिपक्वता की कमी होती ही है जिसके कारण वे कभी कभी गलत कदम भी उठा लेते हैं। इस उम्र में कॉलेज या स्कूल में पढ़ने वाले किशोर एक दूसरे के प्रति जल्दी ही आकर्षित हो जाते है इसलिए ही वे अक्सर सार्वजनिक स्थानों पर डेटिंग करते हुए नजर आते हैं। किशोर आमतौर पर डेटिंग को किसी रोमांच या एडवेंचर के रूप में समझते हैं पर कई किशोर डेटिंग को सेक्स से जोड़कर भी देखते हैं। असल में उनको समझ नहीं होती की डेटिंग किसी शारीरिक जरुरत को पूरा करने के लिए नहीं बल्कि एक-दूसरे को समझने के लिए होती है। टीनेज डेटिंग यदि किसी भी भावावेश में आकर की जाती है तो कई प्रकार के साइड इफेक्ट का कारण बन जाती है इसलिए आज हम आपको टीनेज डेटिंग के ऐसे ही साइड इफेक्ट के बारे में बता रहें हैं।

वर्तमान समय में खुले विचारोंImage Source: jeux2filles

टीनेज डेटिंग के नकारात्मक प्रभाव –
1- अधिकतर किशोर डेटिंग को लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित रहते हैं, असल में उनके मन में सेक्स को लेकर बार बार विचार आते रहते हैं जिसके कारण उनके मानसिक विकास में रूकावट आती है।

2- किशोर अवस्था में पूरी तरह से मानसिक और शारीरिक विकास नहीं हो पता है पर लड़के और लड़कियां उस समय एक-दूसरे के लिए बहुत ज्यादा उत्साहित होते है और एक दूसरे से शाररिक रूप से जुड़ने की कोशिश करते हैं, जो दोनो के विकास के लिए अच्छा नहीं होता क्योकी उस समय किसी को भी सभी बातो का पता नहीं हो पाता है और उनके मन में कहीं न कहीं डर बन ही रहता है।

किशोर अवस्था में पूरी तरह सेImage Source: skanaa

3- अक्सर ऐसा भी देखा जाता है की अपने स्कूल या कॉलेज के समय मिलने वाले विपरीत लिंग के प्रति भी कुछ किशोर आकर्षित हो जाते हैं और इसको प्यार का नाम दे देतें है पर परिपक्वता न होने पर दोनो में लड़ाई हो जाती है और संबंधो में कड़वाहट आ जाती है इस प्रकार से बहुत से किशोर और किशोरी डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं।

अक्सर ऐसा भी देखा जाता हैImage Source: kinja-img

4- किशोरो में अपने दोस्तों की बातो का प्रभाव बहुत ज्यादा पड़ता है, कुछ किशोर तो अपनी डेट की प्लानिंग भी दोस्तों की सलाह के अनुसार करते हैं और बहुत जोश के साथ डेटिंग करना शुरू कर देतें हैं जो की उनके मानसिक विकास के लिए बाधक होती है।

5- कुछ ऐसे भी केस देखे गए हैं जिनमें किशोर भावावेश में आकर अपने साथी के साथ सेक्स करने की इच्छा जाहिर करते हैं लेकिन जब पार्टनर मना कर देता है तो वह कुछ गलत कर बैठते हैं।

girl sits in a depression on the floor near the wallImage Source: usnews

6- सोशल नेटवर्किंग साइट्स और चैट का प्रभाव आजकल किशोरों पर बहुत ज्यादा देखा जा रहा है। कई बार देर रात तक चैट करने के कारण किशोरों का स्वास्थ्य और पढाई दोनो प्रभावित होती हैं।

सोशल नेटवर्किंग साइट्स औरImage Source: vkool
shrikant vishnoi
shrikant vishnoihttps://hindi.blushin.com
किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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