महज एक से ढेड़ महीने के इंतजार के बाद मौसम का मिजाज एक बार फिर से बदलेगा। यानि फिलहाल जो लोग इस समय ठंड से ठिठूर रहें हैं वो पसीने से लथपथ होने वाले है। मार्च माह की शुरुआत के साथ ही पूरे देश में गर्मियों का आगमन हो जाएगा। गर्मियों के मौसम की सबसे बड़ी परेशानी होती है धूप और उससे निकलने वाला पसीना। हालांकि वैसे तो पसीना निकलना एक समान्य प्रक्रिया है और ये हमारी लिए लाभदायक भी होती है, मगर कुछ लोगों को तो समान्य मात्रा में ही पसीना आता है लेकिन वह लोग जिन्हें काफी अधिक मात्रा में पसीना आता है उनके लिए यह किसी परेशानी से कम नही होता। क्योंकि पसीना हमारे शरीर की दुर्गंध का कारण बनता है। इस दुर्गंध से निजात पाने के लिए लोग अक्सर डिओडरेंट व एंटी पर्सपिरेंट का इस्तेमाल करते है।
इस बारे में मंत्रा डर्मेटोलॉजिस्ट डा.इंदू बालानी बताती है कि अंडरआर्म के पसीने से छुटकारा पाने के लिए कई लोग पयोरिफाइड बोटुलिनम टॉक्सिन के इंजेक्शन अपनी अंडरआर्म में लगवाते है, इससे उन्हें 4 से 6 महीने तक इस समस्या से छुटकारा मिल जाता है। मगर हर व्यक्ति इस तरीके को नही अपना सकता इसलिए अधिकतर लोग दुर्गंध को मिटाने के लिए डिओडरेंट का इस्तेमाल करती है। मगर क्या आप जानते है कि डिओडरेंट का चयन करते समय भी हमें कुछ चीजो का ध्यान रखना चाहिए, अगर नही तो, चलिए जानते है इस बारे में हमारे इस लेख में।
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1. हानिकारक केमिकल से रहें दूर
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डिओडरेंट खरीदते समय ध्यान रखें कि जिन डिओडरेंट को आप खरीद रही है वह एल्युमिनियम कंपाउंड वाला तो नही है क्योंकि कुछ लोगों को एल्युमिनियम क्लोराइड वाले डिओडरेंट से इरिटेशन और एलर्जिक रिएक्शन की समस्या हो जाती है। इसके अलावा आपको अल्कोहल वाले डियो से दूर रहना चाहिए क्योंकि इससे संवेदनशीन त्वचा पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
2. पैराबींस
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पैराबींस कॉस्मेटिक्स में इस्तेमाल होने वाला एक प्रकार का कृत्रिम प्रिजर्वेटिव है। मगर शायद आप जानती नही होंगी कि यह स्तन कैंसर के खतरे को पैदा करता है। इसलिए ऐसे डिओडरेंट्स से कोसो दूर रहना चाहिए।
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3. तेज खुशबू से करें परहेज
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कुछ लोग तेज खूशबू पसंद करते है, मगर बहुत से लोगों इससे इरिटेशन होने लगती है। दरअसल अधिकतर डिओडरेंट्स अल्कोहल युक्त होते है, जिसके चलते उनमे खुशबू वाले ऑयल डाले जाते है। मगर कई बार तेज खुशबू वाले डिओडरेंट्स कॉस्मेटिक एलर्जी का कारण बन जाते है। अगर आपको तेज खुशबू वाले डिओ पसंद नही है तो अच्छा यही होगा कि आप कम खुशबू वाले डिओ का इस्तेमाल करें और उन्हें त्वचा पर नही बल्कि कपड़ो पर छिड़कें।
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4. स्टिक अथवा स्प्रे
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यह लोगों की अपनी पसंद होती है कि उन्हें किस तरह का डिओ अधिक अच्छा लगता है। दरअसल कुछ लोग डिओ को स्कीन पर लगाते है तो कुछ इसे कपड़ो पर ही लगाते है। ऐसे लोगों के लिए स्प्रे वाला डिओ पहला विकल्प होता है। वहीं दूसरी तरफ स्टिक के इस्तेमाल से कई बार कपड़ो पर धब्बे पड़ जाते है जो ज्यादातर लोगों को अच्छा नही लगता इसलिए वह स्प्रे को एक बेहतर विकल्प मानते है।
